google.com, pub-,8818566653219942, DIRECT, f08c47fec0942fa0 "स्वास्थ्य संबंधित ताजा जानकारी" 🪫The latest health updates: मिट्टी-चिकित्सा से निखरे सेहत expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>

बुधवार, 3 दिसंबर 2025

मिट्टी-चिकित्सा से निखरे सेहत

 मिट्टी-चिकित्सा से निखरे सेहत


शरीर को शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी-चिकित्सा का उपयोग किया जाता है। मिट्टी, शरीर के दूषित पदार्थों को घोलकर व अवशोषित कर अंततः शरीर के बाहर निकाल देती है। मिट्टी की पट्टी एवं मिट्टी-स्नान इसके मुख्य उपचार हैं। 


मिट्टी कैसी हो? 

मिट्टी-स्नान के लिए जिस क्षेत्र में जैसी मिट्टी उपलब्ध हो, वही उपयुक्त है लेकिन प्रयोग में लाई जाने वाली मिट्टी साफ-सुथरी, कंकर-पत्थर व रासायनिक खादरहित तथा जमीन से 2-3 फुट नीचे की होना चाहिए। 


सूखी मिट्टी स्नान 

शुद्ध-साफ मिट्टी को कपड़े से छान लीजिए और उससे अंग-प्रत्यंग को रगड़िए। जब पूरा शरीर मिट्टी से रगड़ा जा चुका हो, तब 15-20 मिनट तक धूप में बैठ जाएं, तत्पश्चात ठंडे पानी से, नेपकीन से घर्षण करते हुए स्नान कर लीजिए। 


गीली मिट्टी स्नान 

शुद्ध, साफ कपड़े से छनी हुई मिट्टी को रातभर पानी से गलाकर लेई (पेस्ट) जैसा बना लीजिए और पूरे शरीर पर लगाकर रगड़िए तथा धूप में 20-30 मिनट के लिए बैठ जाएं। जब मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए तब ठंडे पानी से पूरे शरीर का नेपकीन से घर्षण करते हुए स्नान कर लें। 


फायदे मिट्टी के 

विभिन्न रोगों जैसे कब्ज, स्नायु-दुर्बलता, तनावजन्य सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, मोटापा तथा विशेष रूप से सभी प्रकार के चर्म रोगों आदि में सफलतापूर्वक इसका उपयोग कर जीवन शक्ति का संचार एवं शरीर को कांतिमय बनाया जा सकता है। 


रोग चाहे शरीर के भीतर हो या बाहर- मिट्टी उसके विष और गर्मी को धीरे-धीरे चूसकर उस जड़-मूल से नष्ट करके ही दम लेगी। यह मिट्टी की खासियत है। 


एक बार उपयोग में लाई गई मिट्टी को दुबारा उपयोग में न लें। 


अगर मिट्टी बहुत ज्यादा चिपकने वाली हो तो उसमें थोड़ी-सी बालू रेत मिला लें। 


संक्रमण से ग्रस्त तथा अत्यधिक कमजोर व्यक्ति मिट्टी-स्नान न करें। ठंडे पानी से स्नान करने के पश्चात शरीर पर हल्का तेल मल लें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें