google-site-verification: googlea0b92aef2d8c87a4.html google.com, pub-,8818566653219942, DIRECT, f08c47fec0942fa0 "स्वास्थ्य संबंधित ताजा जानकारी" 🪫The latest health updates: गर्दन दर्द के लिए योग

शुक्रवार, 14 नवंबर 2025

गर्दन दर्द के लिए योग

 

गर्दन दर्द के लिए योग

गर्दन दर्द के लिए योग


काफी देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने से गर्दन दर्द हो सकती है. आज के आर्थिक युग में हर कोई अधिक से अधिक धन कमाना चाहता है. इस अधिक कमाने के लिए ऑफिस में भी अधिक समय तक काम करना पड़ता है. फिर आज के डिजिटल युग में ऑफिस के अधिकांश कार्य कम्प्युटर पर हो रहे हैं. जिस कारण कम्प्युटर पर काफी देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करना पड़ता है. इस कारण से गर्दन दर्द की यह समस्या कम्प्युटर पर काम करने वालों में ज्यादा पायी जाती है. वैसे अन्य लोगों में भी यह समस्या किसी अन्य कारण से हो जाती है. रात को सही ढंग से नहीं सो पाने के कारण भी गर्दन दर्द की समस्या होती है. इस प्रकार की समस्या कभी भी हो जाती है. जब इस प्रकार से गर्दन दर्द की समस्या किसी को भी होती है उसे सिर घुमाने या गर्दन हिलाने में दर्द होती है, जिससे वह परेशान रहता है. अतः लोगों को इस समस्या से छुटकारा पाने का उपाय जान लेना बेहद जरूरी है. यहाँ हम गर्दन दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ योग (व्यायाम) की चर्चा कर रहे हैं.

गर्दन दर्द के लिए आसान योगासन

त्रिकोण आसन- त्रिकोण आसन करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएँ. अब अपने दोनों पैरों को जितना हो सके उतना फैला लें. अपनी पीठ को सीधा रखें और दोनों बाहों को दोनों तरफ बगल में फैला लें. अब एक श्वांस भरें और धीरे-धीरे अपने दाहिने ओर झुक जाएँ. आपका दाहिना हाथ आपके दाहिने घुटने को स्पर्श करे व बायाँ हाथ सीधा ऊपर की ओर रहे. इस स्थिति में आप अपने बाएँ हाथ की तरफ देखते रहें. इस मुद्रा में अपनी क्षमता के अनुसार जितनी देर हो सके उतनी देर रहें. फिर बाएँ तरफ झुककर इसी प्रकार का मुद्रा बनाएँ जिसमें आपका बायाँ हाथा आपके बाएँ घुटने को स्पर्श करे व आपका दाहिना हाथ ऊपर की ओर रहे व आप अपने दाहिने हाथ की तरफ देखते रहें.


नटराज आसन- अपनी पीठ को सीधा रखते हुये जमीन पर सीधा लेट जाएँ. धीरे से अपने दाहिने पैर को उठाकर बाएँ पैर के ऊपर ले जाएँ. बाएँ पैर को सीधा ही रखें और ध्यान रखें कि दाहिना पैर जमीन पर एक सीधा कोण बनाए. अपने दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ फैला कर रखें. सिर को दाहिनी तरफ मोड़ लें. कुछ गहरा श्वांस लें व छोड़ें तथा इसी मुद्रा में तीस सेकंड तक रहें. फिर बाएँ पैर से इसी आसन की पुनरावृत्ति करें.


विपरीत कर्णी आसन- यह आसन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएँ. अब अपने दोनों टाँगों को दीवार का सहारा देते हुये पैरों को छत के तरफ उठा दें. अपने दोनों बाहों को फैलाकर शरीर के दोनों तरफ जमीन पर इस तरह रख दें कि हथेली ऊपर की ओर खुला रहे. कुछ सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें और गहरा लंबा श्वांस लें और छोड़ें.


मत्स्यासन (फिश पोज)- किसी समतल जगह पर चादर बिछाकर लेट जाएँ. अपनी कुहनियों के सहारे सर तथा धड़ के भाग को जमीन पर रखें. अब इस स्थिति में पीठ का ऊपरी हिस्सा व गर्दन जमीन से ऊपर उठाएँ. हाथों को सीधा कर पेट पर रखें. अब इस स्थिति में जितना देर हो सके उतना देर तक रहें फिर वापस पूर्व के स्थिति में आ जाएँ.


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