google.com, pub-,8818566653219942, DIRECT, f08c47fec0942fa0 "स्वास्थ्य संबंधित ताजा जानकारी" 🪫The latest health updates: दृष्टि के सन्दर्भ में व्याख्या के पश्चात् रंग संवेदना को भी समझना उचित होगा: रंगसंवेदना (Colour Vision): expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>

रविवार, 21 दिसंबर 2025

दृष्टि के सन्दर्भ में व्याख्या के पश्चात् रंग संवेदना को भी समझना उचित होगा: रंगसंवेदना (Colour Vision):

 दृष्टि के सन्दर्भ में व्याख्या के पश्चात् रंग संवेदना को भी समझना उचित होगा: रंगसंवेदना (Colour Vision):  

दृष्टि से सम्बन्धित रंग संवेदनाओं को रंगीन संवेदनाएँ (Chromatic Sensation) एवं रंगविहीन संवेदनाएँ (Achromatic Sensation) के रूप में विभाजित किया गया है ।


इन दोनों संवेदनाओं के अन्तर्गत रंगों की श्रेणी निम्नवत् है:


रंगीन संवेदनाएँ:


लाल, हरा, नीला व पीला, बैंगनी व नारंगी ।


रंगविहीन संवेदनाएँ:


काला, भूरा व सफेद ।


रंग की प्रमुख विशेषताएँ निम्नवत् हैं:


(i) वर्ण (Hue):


प्रत्येक रंगीन उद्दीपक का कोई न कोई वर्ण अवश्य होता है । विभिन्न रंगों से सम्बन्धित छायाओं को वर्ण कहा जाता है ।


(2) चमक (Brightness):


दूसरी विशेषता रंग की चमक है, जो कि तरंग की ऊँचाई पर निर्भर करती है । किसी भी रंग की प्रकाश तरंग की ऊँचाई जितनी अधिक होगी उसकी चमक उतनी ही अधिक होगी । उदाहरण के लिए, लाल रंग की अधिक चमक यह बताती है, कि लाल रंग प्रकाश की तरंग ऊँचाई अपेक्षाकृत और रंगों के अधिक होती है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें