तन्त्रिका तन्त्र’ का परिचय
शरीर रूपी जटिल यन्त्र के विभिन्न यन्त्रों के कार्यों में सामजस्य उत्पन्न करने के लिए शरीर के अन्तर्गत एक विशेष तन्त्र रहता है, जिसे ‘तन्त्रिका तन्त्र’ कहते हैं । यह शरीर का महत्वपूर्ण तन्त्र है, क्योंकि यह शरीर के और सभी तन्त्रों पर नियन्त्रण का कार्य करता है ।
मनुष्य के शरीर में कई सस्थान होते हैं, और प्रत्येक संस्थान के अंग मिलकर उस कार्य को पूरा करते हैं । जैसे: मुँह, आमाशय, पक्वाशय, छोटी आँत, बड़ी आँत मिलकर पाचान संस्थान भोजन का पाचन, अभिशोषण, चयापचय का कार्य करता है । इसी तरह अन्य संस्थान भी अपना-अपना कार्य करते हैं ।
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