मस्तिष्क तथा व्यवहार
मस्तिष्क तथा व्यवहार (Brain and Behaviour):
मस्तिष्क हमारे शरीर में मुख्य नियन्त्रक का कार्य करता है । यह तन्त्रिका ऊतकों (Nervous Tissue) का बना एक कोमल एवं खोखला अंग होता है । यह खोपड़ी की कपाल गुहा (Ganial Cavity) में सुरी क्षत बन्द रहता है इसे सहारा देने और बाहरी आघातो दबावों आदि से सुरक्षा करने हेतु तीन झिल्लियों का आवरण होता है ।
बाहर से भीतर की ओर ये निम्नलिखित होती हैं:
(1) दृढ़तानिका या ड्यूरामेटर (Duramatter):
कपाल गुहा के चारों ओर की अस्थियों पर मढी, मोटी, दृढ़ एवं लोच विहीन, सबसे बाहरी झिल्ली होती है । इसमें कोलैजन तन्तुओं की ज्यादा संख्या पायी जाती है ।
(2) जालतानिका या ऐरेक्नाऐड (Arachnoid):
यह आवरण मध्य में पाया जाता है । इसमें रक्त नलिकाएँ अनुपस्थित होती हैं लेकिन इसमें महीन जाली पायी जाती है इससे तथा दृढ़तानिका के बीच सँकरे खाली स्थान में एक तरल भरा रहता है जो दोनों तानिकाओं को नम बनाकर रखता है ।
(3) मृदुतानिका या पाइमेटर (Piamatter):
यह मस्तिष्क पर चढी हुई सबसे भीतर की ओर तथा कोमल झिल्ली होती है । इसके अनेक महीन कण रक्त नलिकाओ के जाल फैला देता है मस्तिष्क की गुहा में कुछ क्षारीयसा द्रव भरा रहता है यह द्रव मस्तिष्क को सहारा देता है इसे नम बनाये रखता है । इस द्रव को सेरीब्रोस्पाइनल द्रव (Cerebrospinal Fluid) कहते हैं ।
मस्तिष्क की बाहरी संरचना (Outer Structure of Brain):
मानव में सबसे ज्यादा विकसित मस्तिष्क पाया जाता है । इसका आकार भी बहुत बड़ा होता है इसमें अन्य सभी जानवरों के मुकाबले सोचने-समझने की क्षमता पायी जाती है । मस्तिष्क को तीन भागों में बाँटा जाता है ।
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