कलौंजी के फायदे
कलौंजी के फायदे
कलौंजी एक मसाले के रूप में हमारी रसोई में उपलब्ध रहता है। इसे ब्लैक सीड़ या काले जीरे के नाम से भी जाना जाता है। यह आयुर्वेदिक दवा के समान होती है जो शुगर, रक्तवसा, मोटापा आदि कारकों के लिए महत्वपूर्ण और फायदेमंद होता है। कलौंजी को लोग मंगरैला या फिर प्याज के बीज के रूप में भी जानते हैं। यह लगभग सभी भारतीय घरों के किचन में कलौंजी पाई जाती है। कलौंजी कई तरह की बीमारियों को दूर करने में लाभकारी है। इसे कई घरेलू उपचारों में आज भी गांवों में मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद में भी कलौंजी को एक बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटी माना गया है। यह खांसी से लेकर डायबिटीज तक में फायदेमंद है। इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम, पोटैशियम, लोहा, मैग्नीशियम व जिंक कई तरह की स्वास्थ्य समस्यों से लड़ने में कारगर हैं। साबुत कलौंजी के साथ ही इसका तेल भी बहुत लाभकारी होता है। बहुत सारे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होने के कारण कलौंजी या काला जीरा हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन A, विटामिन B, विटामिन B2, नियासिन और विटामिन C जैसे तत्व अच्छी मात्रा में होते है। साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे खनिज भरपूर होते है जो इसे हमारे लिए लाभकारी बनाते है।
कलौंजी के औषधीय गुण
ब्लड शुगर नियंत्रित: कलौंजी ब्लड शुग लेवल को नियमित करने में मददगार है। डायबिटीज के मरीज अगर अपने आहार में कलौंजी का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खाली पेट ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करती है।
डायबिटीज रखे कंट्रोल: 1 कप काली चाय बनाकर, उसमें आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाएं। सुबह और रात में सोने से पहले इसे पिएं। डायबिटीज से बचाव होगा और जिन्हें यह बीमारी है, वो इस पर काबू पा सकेंगे।
हार्ट डिजीज की समस्या: जब भी कोई गर्म पेय लें, तो उसमें एक चम्मच मंगरैला का तेल मिला लें। तीन दिन में एक बार पूरे शरीर पर तेल की मालिश करके आधा घंटा धूप का सेवन करें। लगातार एक महीने तक ऐसा करने से आराम मिलता है।
वजन घटाए: कलौंजी का सेवन करें। ½ चम्मच कलौंजी के तेल में 2 चम्मच शहद मिला कर इसे हल्के गर्म पानी के साथ पिएं। इस मिश्रण को दिन में तीन बार लें। वजन कम होने लगेगा।
पेट के कीड़े का करे सफाया: पेट में कीड़े हो गए हैं, तो कलौंजी का सेवन तीन-चार दिनों तक लगातार करें। आधी छोटी चम्मच कलौंजी के तेल को एक चम्मच सिरके के साथ मिलाकर दिन में तीन बार पिएं। पांच से दस दिन इसे पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
मुंहासे करे कम: 2 चम्मच नींबू के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाएं। सुबह और रात में चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा में निखार आती है। काले धब्बे कम होते हैं और मुंहासे कम होते हैं। नींबू की जगह एप्पल साइडर वेनेगर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
खांसी और दमा: खांसी और दमा की शिकायत होने पर छाती और पीठ पर मंगरैला के तेल की मालिश करें। तीन चम्मच मंगरैला का तेल रोज पिएं और पानी में तेल डालकर उसका भाप लें।
कोलेस्ट्रॉल लेवल: डायबिटीज के मरीजों को दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। क्योंकि डायबिटीज होने पर हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। ऐसे में दिल से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ जाता है। कलौंजी में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता।
सूजन से लड़ता है: हाइपरग्लाइकेमिया या बढ़ा हुआ रक्त का स्तर भी शरीर में बढ़ी हुई सूजन के जुड़ा हुआ है। इसलिए टाइप -2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में सूजन की ज्यादा समस्या देखने को मिलती है। अपने दैनिक आहार में कलौंजी तेल या कलौंजी को शामिल करने से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
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