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शुक्रवार, 14 नवंबर 2025

स्वस्थ आँखों के लिए योग

 

स्वस्थ आँखों के लिए योग

स्वस्थ आँखों के लिए योग


आँखे हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आँखो की जरिये ही हम इस खूबसूरत दुनिया को देख सकते है, रंगो को पहचान सकते है। अगर हमारी आँखे खूबसूरत हो तो हमारा चेहरा भी आकर्षित लगता है। लेकिन यदि हमारी आँखों की रौशनी कम हो जाये तो हमें दिखाई भी कम देने लगता है, साथ ही मोटे मोटे चश्मे लगाने की वजह से चेहरे की सुंदरता भी फीकी पड़ जाती है। आँखों के जरिये ही हम सारे कामो को ठीक तरह से कर सकते है। इसलिए हमें इसका सही तरह से ख्याल रखना बेहद जरुरी है। दिन भर कंप्यूटर पर काम करना, ज्यादा देर टीवी देखना, या देर तक पढ़ाई करने के कारन हमारी आँखे सिर्फ थकती है नहीं, बल्कि स्ट्रेस का असर हमारी आँखों की रौशनी पर ही पड़ता है। कई बार ऐसा होता है की पैसे कमाने की जरुरत के लिए देर रात तक जागना, या फिर घंटो काम करना हमारी मज़बूरी बन जाती है। ऐसे में हमारी आंखों के आसपास की माश्पेसिया अपने लचीलेपन को खो देती हैं और कठोर हो जाती हैं। नतीजनत् कम उम्र में ही दृष्टि दोष हो जाता है। आपने हमेशा सुना होगा की योग से हमें कई स्वास्थ्य लाभ मिलते है। हम आपको बता दे की आँखों के लिए भी योग बेहद फायदेमंद है। आइये जानते है किस तरह आँखों के लिए फायदेमंद है योग।

स्वस्थ आँखों के लिये योगासन

शवासन से बढ़ाये आँखों की रौशनी- शवासन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। आसान करते वक्त अपने मन को शांत स्तिथि में रखे। इसके पश्चात पैरों को ढीला छोडकर हाथों को शरीर से सटाकर कर बगल में रख लिजिए। आपका पूरा शरीर फर्श पर स्थिर होना चाहिए। इस आसन को नियमित रूप से करने से शरीर की थकान दूर होती है और आंखों को आराम मिलता है और आँखों की रोशनी भी बढती है।

अनुलोम विलोम भी फायदेमंद- अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने के लिए पालकी मांढ़कर बैठ जाये| आपकी कमर और गर्दन दोनों सीधी होनी चाहिए। अब अपनी आंखें बंद कर लें। अब अपने सीधे हाथ को नासारन्ध्रों पर ले जाएं। अब अपनी बीच की अंगुलियों को सीधा रखते हुए अंगूठे से दाएं नासारन्ध्र(नाक के छिद्र) को बंद कर लें। और बाएं नासारन्ध्र से धीरे-धीरे सांस को बाहर की ओर निकालें। सांस छोड़ने के बाद अब बाएं नासारन्ध्र से ही सांस भरना प्रारंभ करें। अधिक से अधिक सांस भरने के बाद बाएं नासारन्ध्र को अंगुलियों की मदद से बंद कर लें व अंगूठे को दाएं नासारन्ध्र से हटाकर दाईं नासिका से सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालें। इस प्रक्रिया 3 से 5 मिनट दोहराये। इस आसान को करने से मानसिक तनाव दूर होता है। आँखों की थकावट दूर होती है और रौशनी बढ़ती है।

चश्मा लगा है तो करे त्राटक आसन- अगर आपको काफी ज्यादा पावर के चश्मे लगे है और नंबर लगातार बढ़ता जा रहा है, तो त्राटक आसन करना आपके लिए फायदेमंद होगा। और यदि आपको चश्मा नहीं भी लगा हे तो त्राटक आसान करने के बाद आपको चश्मा लगाने की नौबत ही नहीं आएगी। इस आसन को अंधेरे में किया जाता है, इसलिए रात का समय बेहतर है। यदि आप इसे दिन में करते है तो कमरे को बंद कर अंधेरा कर लें। कमरे में एक मोमबत्ती जलाकर मोमबत्ती के सामने प्राणायाम की मुद्रा में बैठ जाएं। अब बिना पलकें झपकाए एकटक से मोमबत्ती को देखते रहें। इसके बाद आँखे बंद करके ओम का उच्चारण करें और फिर आंख खोल लें। इस प्रक्रिया को कम से कम 3 बार करें। आखिर में अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और फिर उस गर्म हथेली से आंखों को स्पर्श करते हुए आंख खोलें। ध्यान रखें कि आंख खोलने के दौरान आपकी नजर आपकी नाक पर ही होनी चाहिए। इस आसान को सप्ताह में कम से कम 3 बार जरूर करें।

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