मुंह और ग्रास नली:
मुंह या ओरल कैवटी को बाहरी वेस्टीब्यूल तथा अंदर के माउथ कैवटी प्रापर नामक दो भागों में बांटा जा सकता है । माउथ कैवटी प्रापर आगे तथा दोनों ओर दांतों व मसूढ़ों से घिरा होता है । पीछे की ओर यह ओरोफैरेन्जियल इस्थमस द्वारा कण्ठ में खुलता है । इस्थमस की बगल की सतह में दो म्यूकस मेम्ब्रेन के फोल्ड होते हैं जिनमें लिम्फोयड टिशू स्थित होता है तथा पैलेटाइन टांसिल कहलाता है ।
मुंह की छत का निर्माण अस्थि पैलेट तथा पीछे की ओर साफ्ट पैलेट से होता है । इसका पिछला भाग उभरा हुआ होता है, जिसे युवला कहते हैं । जीभ का अगला भाग इसकी फ्लोर बनाता है । मायलोहायड पेशी मैण्डीबल की आर्चो के बीच पेशीय डायफ्राम बनाती है ।
ओठ दो मासल फोल्ड होते हैं जो मुंह के आगे के छेद के चारों ओर स्थित होते हैं । यह आर्बीकुलेरिस ओरिस पेशी से बने होते हैं जो बाहर से त्वचा से तथा अन्दर से म्यूकस मेम्ब्रेन द्वारा ढकी होती हैं । गाल मुंह के वेस्टिव्यूल की बगल की सतह बनाते हैं ।
वह आगे की ओर ओठों से जुड़े होते हैं तथा इनका निर्माण मुख्य रूप से बक्सीनेटर पेशी से होता है । जीभ एक पेशीय अंग है जिसका कुछ भाग मुंह तथा कण्ठ में स्थित होता है । यह स्वाद में, बोलने मे तथा निगलने में महत्वपूर्ण है । दांत मैक्सिला और मैण्डिबल के एल्विओलर प्रोसेस के साकेट में स्थित होते हें ।
दांत दो बार निकलते हैं । दूध के दांत व स्थायी दांत । दूध के दांत संख्या में 20 होते हैं तथा स्थायी दांत संख्या में 32 होते हैं । जिनमें दो इन्साइजर, 1 कैनाइन 2 प्रीमोलर तथा 3 मोलर प्रत्येक जबड़े के आधे भाग में होते है
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