सामान्य और असामान्य रक्त के थक्के
- सामान्य:चोट लगने पर रक्तस्राव को रोकने के लिए थक्के बनना शरीर की एक प्राकृतिक और आवश्यक प्रक्रिया है। चोट ठीक होने के बाद शरीर इन थक्कों को खुद ही घोल देता है।
- असामान्य:कभी-कभी थक्के रक्त वाहिकाओं के अंदर बन जाते हैं, बिना किसी स्पष्ट चोट के। ये स्वाभाविक रूप से नहीं घुलते हैं और स्ट्रोक, दिल का दौरा या पल्मोनरी एम्बोलिज्म (फेफड़ों तक थक्के का पहुंचना) जैसी जानलेवा स्थिति पैदा कर सकते हैं।
थक्के जमने के कारण
- रक्त वाहिका को नुकसान:चोट या सर्जरी से रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है, जिससे थक्के बन सकते हैं।
- असामान्य रक्त प्रवाह:लंबे समय तक गतिहीन रहने या निष्क्रिय जीवनशैली से रक्त का प्रवाह धीमा हो सकता है।
- आनुवंशिक कारण:कुछ लोगों में रक्त के थक्के जमने की प्रवृत्ति वंशानुगत होती है।
- अन्य चिकित्सीय स्थितियाँ:हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और धूम्रपान जैसी स्थितियाँ भी जोखिम बढ़ा सकती हैं।
- कोलेस्ट्रॉल:रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल का जमाव भी थक्के का कारण बन सकता है।
जब आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
यदि आपको लगता है कि आपको रक्त का थक्का जम सकता है, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें। कुछ लक्षण जो डॉक्टर को तुरंत दिखाने की मांग करते हैं, उनमें शामिल हैं:
- सूजन, लालिमा और प्रभावित क्षेत्र में गर्मी
- दर्द या कोमलता जो हिलने-डुलने या दबाव पड़ने पर बढ़ जाती है
- अचानक सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द
- चक्कर आना या बेहोशी
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