google-site-verification: googlea0b92aef2d8c87a4.html google.com, pub-,8818566653219942, DIRECT, f08c47fec0942fa0 "स्वास्थ्य संबंधित ताजा जानकारी" 🪫The latest health updates: तुलसी के पौधे के औषधीय गुण

गुरुवार, 13 नवंबर 2025

तुलसी के पौधे के औषधीय गुण

 

तुलसी के पौधे के औषधीय गुण

तुलसी के पौधे के औषधीय गुण


आइए जानते हैं तुलसी के उपयोग और फायदे क्या है। हमारी भारतीय संस्कृति में तुलसी का विशेष महत्व है। यह पौधा मन और तन दोनो को स्वच्छ रखता है। यह हमारे लिए सिर्फ़ आस्था का प्रतीक ही नही है बल्कि स्‍वास्थ्य का खज़ाना भी है। लेकिन धार्मिक महत्व के अलावा तुलसी को एक औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. इसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. सर्दी-खांसी से लेकर कई बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है तुलसी.

आयुर्वेद में तुलसी तथा उसके विभिन्न औषधीय गुणों का एक विशेष स्थान है. तुलसी को संजीवनी बूटी के समान भी माना जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है. तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना अलग महत्व है. आमतौर पर घरों में दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है, एक जिसकी पत्त‍ियों का रंग थोड़ा गहरा होता है और दूसरा, जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है. तुलसी शरीर का शोधन करने के साथ-साथ वातावरण का भी शोधन करती है तथा पर्यावरण संतुलित करने में भी मदद करती है.

तुलसी के उपयोग और फायदे

लीवर संबंधी समस्या- इसकी 10-12 पत्तियां गुनगुने पानी से धोकर रोज सुबह खाने से लिवर की समस्याओं में बहुत फ़ायदा होता है।


पेट दर्द में- एक चम्मच तुलसी की पत्तियों को पानी के साथ मिला कर गाढ़ा पेस्ट बना ले और नाभि व पेट के आस-पास इस लेप को लगा दे, आराम मिलेगा।


दिल को मजबूत बनाती है तुलसी- तुलसी के दस पत्ते, पांच काली मिर्च और चार बादाम को पीसकर आधा गिलास पानी में एक चम्मच शहद के साथ लेने से सभी प्रकार के हृदय रोग ठीक हो जाते हैं. तुलसी की 4-5 पत्तियां, नीम की दो पत्ती के रस को 2-4 चम्मच पानी में पीसकर 5-7 दिन रोज़ सुबह ख़ाली पेट खाने से हाई ब्लड प्रेशर ठीक हो जाता है.


पाचन समस्या- गैस (कब्ज) की समस्या होने पर 200 मि० ली० पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियों को डालकर उबालें और काढ़ा बना ले फिर उस काढ़े में चुटकी भर सेंधा नमक मिला के पी ले।


बुखार आने पर- दो कप पानी में एक चम्मच तुलसी के पत्तों का चूर्ण और एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाकर उबालें और काढ़ा बना ले और दिन में 2-3 बार पिएं। पानी एक कप रह जायें तब तक उबालें। स्वाद के लिए आप चाहें तो दूध और चीनी भी मिला सकते है।


सर्दी खांसी- इसकी पत्तियां कफ को साफ करने मे सहायक है। इसकी पत्तियों को थोड़ी-थोड़ी देर में अदरक के साथ चबाने से सर्दी-खांसी में राहत मिलती है।


सांस संबधी समस्या- शहद, अदरक और तुलसी के पत्तों को एक गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा बना के पिएं। इस काढ़े से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है।


हृदय रोग- ऐसे रोगियों को इसका सेवन नित्य करना चाहिए, क्योंकि यह खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाती है।


कान में दर्द- इसके पत्तों को सरसों के तेल में भून ले और लहसुन का रस मिला कर थोड़ा ठंडा कर के कान में 2-3 बूँद डालें, दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।


आंखों के रोगों के लिए रामबाण औषधि है तुलसी- श्यामा तुलसी के पत्तों का दो-दो बूंद रस 14 दिनों तक आंखों में डालने से रतौंधी ठीक हो जाती है. आंखों का पीलापन ठीक होता है. आंखों की लाली दूर करता है. तुलसी के पत्तों का रस काजल की तरह आंख में लगाने से आंख की रौशनी बढ़ती है.


चक्कर आने पर- शहद में इसकी पत्तियों का रस मिला कर चाटने से चक्कर आने बंद हो जाते है।


रूप संवारे- तुलसी और नींबू के रस को बराबर मात्रा में मिला कर लेप बना लें और चेहरे पर लगाए, इससे झाइयां व फुंसियां भी ठीक होती है साथ ही चेहरे की रंगत भी बढ़ती है।


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