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गुरुवार, 13 नवंबर 2025

औषधीय गुणों से भरपूर पेड़

 

औषधीय गुणों से भरपूर पेड़

औषधीय गुणों से भरपूर पेड़


आदिवासी मान्यताओं के अनुसार संसार में पाए जाने वाले हर एक पेड़-पौधे में कोई ना कोई औषधीय गुण जरूर होता है, ये बात अलग है कि औषधि विज्ञान के अत्याधुनिक हो जाने के बावजूद भी हजारों पेड़-पौधे ऐसे हैं, जिनके औषधीय गुणों की जानकारी किसी को नहीं। सामान्यत: यह मानना है कि छोटी शाक या जड़ी-बूटियों में ही ज्यादा औषधीय गुण पाए जाते हैं, जबकि ऐसी सोच निर्रथक है, मध्यम आकार के पेड़ और बड़े-बड़े वृक्षों और उनके तमाम अंगों में गजब के औषधीय गुणों की भरमार होती है। इस लेख में हम आपको कुछ जाने पहचाने मध्यम आकार के पेड़ों और वृक्षों से रूबरू कराएंगे और जानेंगे उनके कुछ औषधीय गुणों के बारे में-

5 औषधीय गुणों से भरपूर पेड़

कदम्ब का पेड़- कदम्ब के पत्ते बड़े और मोटे होते हैं और इनसे गोंद निकलता है। इसके फूल छोटे और खुशबूदार होते हैं। कदम्ब के फलों का रस बच्चों में हाजमा ठीक करने के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। और इसकी पत्तियों के रस को अल्सर तथा घाव ठीक करने के काम में प्रयोग किया जाता है। इसमें मौजूद इड्रोसिनकोनाइन और कैडेमबाइन नामक दो प्रकार के तत्व टाइप-2 डाइबिटीज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनमें से हाइड्रोसिनकोनाइन शरीर में बनने वाली इंसुलिन के उत्पादन को नियंत्रित करता है। और कैडेमबाइन इंसुलिन रीसेप्टर को फिर से इंसुलिन ग्रहण करने के प्रति संवेदनशील बनता है। इसके अलावा इसकी जड़ मूत्र रोगों में लाभकारी होती है और इसकी छाल को घिस कर आंखों के बाहर लगाने से कनजक्टीवाइटिस रोग ठीक हो जाता है।

अशोक का पेड़- अशोक का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका इस्तेमाल कर आप कई प्रकार की बीमारियां से निजात पा सकते हैं। अशोक का रस कसैला, कड़वा, और इसकी प्रकृति ठंडी होती है। यह रंग निखारने वाला और सूजन दूर करने वाला होता है। इसके अलावा यह रक्त विकार, पेट के रोग, बुखार और जोड़ों के दर्द को दूर करने में बहुत लाभकारी होते हैं। अशोक का बीज पत्थरी की समस्या से आराम दिलाता है। अशोक की छाल के काढ़े में बराबर मात्रा में सरसों का तेल मिला कर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ मिलता है। साथ ही अशोक के छाल और ब्राह्मी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिला कर एक चम्मच की मात्रा में सुबह शाम एक कप दूध के साथ नियमित रुप से कुछ माह तक लेने से दिमाग तेज होने लगता है।

नीम- भारत में एक कहावत प्रचलित है, जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं वहां बीमारियां और मृत्यु कैसे हो सकती है। भारत में इसके औषधीय गुणों के कारण हजारों वर्षों से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। लेकिन, अब अन्य देश भी इसके गुणों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। हालां‍‍कि नीम स्वभाव से कड़वा जरुर होता है, परन्तु इसके औषधीय गुण बड़े ही मीठे होते है। तभी तो नीम के बारे में कहा जाता है, कि एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है। नीम सर्वरोगहारी गुणों से भरपूर होता है। इसका साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, मधुमेह नाशक चूर्ण, कॉस्मेटिक आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। नीम की छाल में ऐसे गुण होते हैं, जो दांतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया को पनपने से रोकते है, जिससे दांत स्वस्थ व मजबूत रहते हैं।

बबूल- बबूल के पत्ते के साथ-साथ इसकी गोंद और छाल भी बहुत फायदेमंद होती है। इसकी गोंद में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है। और बबूल कफ और पित्त का नाश करने वाला होता है। इसके साथ ही बबूल के पेड़ की छाल और पत्तियों में टैनिन और गैलिक नामक एसिड होता है जिसके कारण इसका स्वाद कड़वा हो जाता है। यह जलन को दूर करने वाला, घाव को भरने वाला और रक्तशोधक होता है। इसकी फलियां कच्ची और लाभकारी होती हैं। इसलिए इसकी कच्ची फलियों को तोड़कर छाया में सुखाकर किसी डिब्बे में बंद कर सुरक्षित रखा जा सकता है। फलियां एक साल तक गुणकारी रहती हैं जबकि छाल दो साल तक लाभकारी रहती है।

आंवला- आंवला प्राकृति का ऐसा नायाब तोहफा है जिससे शरीर की कई सारी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। आंवले में आयरन, विटामिन सी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होने के कारण आंवले का जूस रोजाना लेने से पाचन दुरुस्त, त्वचा में चमक, त्वचा के रोगों में लाभ, बालों की चमक बढाने, बालों को सफेद होने से रोकने के अलावा और भी बहुत सारे फायदे मिलते हैं। आंवले के रस में संतरे के रस की तुलना में 20 गुना अधिक विटामिन सी पाया जाता है। आंवले का सबसे बड़ा गुण यह है कि इसे पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता। आंवला हमारी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आंवला हमारे पाचन तन्त्र और हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है। यदि आपको भी अच्छी सेहत का मालिक बनना है तो आंवला का जूस अभी से ही पीना शुरु कर दें।

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