सदाबहार पौधे के औषधीय गुण

सदाबहार पौधे के औषधीय गुण
सदाबहार पुष्प को सदाफूली, नयनतारा आदी नामों से भी जाना जाता है। यह फूल सिर्फ दिखने में ही सुन्दर और आकर्षक नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है। सदाबहार कठिन शीत के कुछ दिनों को छोड़कर के बारहों महीने में खिलता है। इसका फूल तोड़ने के बाद भी पूरा दिन ताजा रहता है। पाँच पंखुड़ियों वाला यह सदाबहार फुल गुलाबी, फालसाई, जामुनी, श्वेत आदि रंगों में खिलता है। सदाबहार का उपयोग खांसी, गले की खराश और फेफड़ों के संक्रमण में उपयोग किया जाता है। इसे मधुमेह के उपचार में उपयोगी पाया गया है क्योंकि इसमें दर्जनों क्षार ऐसे पाए गए हैं जो कि उनसे रक्त शकरा की मात्रा को नियत्रिंत किया जा सकता है। आज यह विषाक्त पौधा संजीवनी बूटी का काम कर रहा है तथा फूलों वाली क्यारियों के लिए सबसे लोकप्रिय पौधा बन चुका है। यह फूल सुंदर तो है ही आसानी से हर मौसम में उगता है।
सदाबहार पौधे के फायदे
मुहांसे- सदाबहार के फूलों और पत्तियों का रस को मुहांसों पर लगाले। इससे कुछ ही दिनों में मुहासों से छुटकारा मिल जायेगा ।
मधुमेह- सदाबहार की तीन से चार पत्तियों को सुबह खाली पेट चूसने से मधुमेह में फायदा मिल जाता है। एक कप गुनगुने पानी मे चार गुलाबी फूलो को भीगा कर रखे। फिर इन फूलों को निकाल लें और सुबह सुबह इस पानी का नियमित सेवन करे। मात्र एक हफ्ते में आपका शुगर लेवल नीचे आना शुरू हो जाएगा। सदाबहार के 2 से 3 पत्तो को हर रोज चबाने से शुगर में काफी कंट्रोल रहता है।
घाव- सदाबहार के पत्तियों का रस घाव पर लगाने से घाव जल्दी सूख जाता हैं ।
एलर्जी- त्वचा की एलर्जी जैसे की खुजली, लाल निशान आदी हो जाने पर सदाबहार के पत्तियों का रस लगानेसे आराम मिलता है ।
फोड़े फुंसी- त्वचा पर घाव, फोड़े-फुंसी हो जाने पर इसकी पत्तियों के रस को दूध में मिलाकर लगानेसे घाव पक जाता है साथ ही मवाद जल्द ही बाहर निकलता है ।
खाज खुजली- खाज-खुजली होने पर पत्तियों को तोड़ने पर निकलने वाले दूध को लगालें। ऐसा करनेसे जल्द ही आराम मिलेगा ।
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