google.com, pub-,8818566653219942, DIRECT, f08c47fec0942fa0 "स्वास्थ्य संबंधित ताजा जानकारी" 🪫The latest health updates: नवंबर 2025 expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>

बुधवार, 26 नवंबर 2025

बालों का असमय सफेद होना

 बालों का असमय सफेद होना


एक चम्मच भर आंवला चूर्ण दो घूंट पानी के योग से सोते समय अंतिम वस्तु के रूप में लें । असमय  बाल सफ़ेद होने और चेहरे  की कान्ति  नष्ट होने पर जादू का सा असर करता हैं । साथ ही स्वर को मधुर और शुद्ध बनता है तथा गले की घर-घराहट भी इससे ठीक हो जाती है ।

खूबसूरती

 खूबसूरती


प्रकृति में इतने किसम के तत्‍व पाए जाते हैं, जो हमारी हर बीमारी को हर सकते हैं। आजकल बाजारों में कई तरह की दवाइयां और तरह-तरह के उत्‍पाद आने लगे हैं कि लोगों ने आयुर्वेद को बिल्‍कुल नकार दिया है। आयुर्वेद हमारी त्‍वचा के लिए भी बहुत अच्‍छा माना जाता है, यह न तो महगां होता है और न ही इसको इस्‍तमाल करने में कोई नुक्‍सान पहुंचता है। पहले जमाने की महिलाएं खुद को खूबसूरत बनाने के लिए आयुर्वेद का ही सहारा लेती थीं इसलिए हमने भी सोंचा कि क्‍यों न हम भी आपके लिए आयुर्वेद के कुछ ऐसे उपचार बताएं जिससे आप अपनी खूबसूरती को सदा के लिए कैद कर लें।


ऐसे करें प्रयोग-


1. झुर्रियों के लिए- अगर आपको चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को हटाना है तो अंरडी यानी की कैस्‍टर ऑयल को अपने चेहरे पर लगाएं, इससे त्‍वचा बिल्‍कुल मुलायम हो जाएगी और झुर्रियां भी कम हो जाएगीं।


2. साफ त्‍वचा- त्‍वचा पर अगर दाग-धब्‍बे हैं तो चेहरे को क्रीम वाले दूध से रुई को डुबो कर चेहरे और पोर्स को साफ करें। इससे चेहरा साफ तो होगा ही साथ में पोर्स भी खुलेगें।


3. नेचुरल मॉस्‍चोराइजर- अगर आपकी त्‍वचा साधारण है तो खुद से ही नेचुरल मास्‍चोराइजर बनाइये। इसको बनाने के लिए एक कटोरे में 4 चम्‍मच दही और कुछ बूंदे नींबू और संतरे की मिला कर अपने चेहरे पर मास्‍क के रुप में प्रयोग करें। इसको लगाने के बाद 15 मिनट के अंदर इस मास्‍क को रुई के दा्रा साफ कर लें।


4. स्‍‍किन कंडीशनर- इसको बनाने के लिए दो चम्‍मच क्रीम लें और उसमें शहद मिला लें। इस मिश्रण को अपने चेहरे पर पांच मिनट तक के लिए लगाएं और फिर गीले कपड़े या रुई से पोंछ लें।


5. टोनर- अगर आप कच्‍चा आलू ले कर अपने चेहरे पर लगाएगीं तो यह आपकी त्‍वचा को टोन करेगा और पिंगमेंटेशन की समस्‍या को भी दूर करेगा।


6. चेहरे पर बाल- इसको हटाने के लिए आपको एक पेस्‍ट बनाना पड़ेगा जिसमें तिल का तेल, हल्‍दी पाउडर और आंटे का सही मिश्रण मिला हो।

सुंदर विकास बाल देखभाल

 सुंदर विकास बाल देखभाल


अपने बालों की गुणवत्ता अपने सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. प्रोटीन फल और ताजा सब्जियों की एक विपुल उपयोग के साथ अमीर आहार, सुंदर और स्वस्थ बालों के लिए अच्छा है. पानी की बहुत सारी और ताजा फल और सब्जियों की बहुत सारी. विटामिन ई अपने को और अधिक चमक है बाल सहायता कर सकते हैं और आप अपने आहार में भूरे रंग के चावल, मेवा, गेहूं के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करके यह बहुत आवश्यक विटामिन प्राप्त कर सकते हैं.

बालों के विकास , उनकी चमक और स्वास्थ्य शरीर की हमारी आंतरिक प्रणाली द्वारा संचालित है. उचित देखभाल स्वस्थ बालों के लिए आवश्यक है. समय की शुरुआत के बाद महिलाओं के विभिन्न खाद्य पदार्थों का उपयोग करने के लिए सौंदर्य बढ़ाने के लिए, त्वचा और बालों की समस्याओं को सुलझाने, और आम समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराने का रहस्य जाना जाता है.


यदि ऐसा है, तो आपको कुछ स्वस्थ आहार में परिवर्तन करने पर विचार कर सकते हैं. एक आहार है कि ताजा फल और सब्जियों, कैल्शियम का कम वसा वाले डेयरी उत्पादों और टर्की, चिकन और मछली जैसे दुबला मीट, के माध्यम से बहुत सारे होते हैं आदर्श है. अपने आहार के लिए अपने बालों की गुणवत्ता और कितनी तेजी से यह बढ़ सकती है सहित कई चीजों को बेहतर बनाने में जाना जाता है. इन साधारण परिवर्तन करना बाल विकास प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं. न केवल अपने बाल जल्दी हो जाना सकता है, लेकिन यह करने के लिए और अधिक स्वस्थ और, अंततः, और अधिक सुंदर लग रही हो की संभावना है.


अगर आप अपने बाल लंबे और स्वस्थ हो जाना चाहते हैं, आप सुनिश्चित करें कि आप इसे के रूप में ज्यादा ध्यान के रूप में आप संभवतः सकता है ले बनाना चाहता हूँ. एक Ayurvedas सौंदर्य की देखभाल का उपयोग करें. हमेशा याद रखें कि आप अपने बालों पर एक ब्रश का उपयोग कर जब वह गीला है से बचना चाहिए|

हेल्थ

 हेल्थ


जो लोग दुबले-पतले होते हैं वे मोटे होने की कोशिश में रहते हैं। सही पोषण और अच्‍छी डाइट न होने की वजह से अक्सर कमजोरी आ जाती है। ऐसे में अगर आप भी दुबले-पतले शरीर से परेशान हैं तो नीचे लिखे उपायों को अपनाएं.


1. हाइप्रोटिन फूड रेग्युलर डाइट में शामिल करें।


2. हाई कैलोरी का खाना खाएं। उन खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें जिनमें कैलोरी की मात्रा अधिक हो।


3. सुबह हेवी नाश्ता करें।


4. च्यवनप्राश वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधी है।


5. शतावरी कल्पा लेने से न सिर्फ आंखें और मसल्स अच्छी रहती है बल्कि इससे वजन भी बढ़ता है।


6. वसंतकुसुमकर रस वजन को जल्दी बढ़ाने में भी लाभकारी है।


7. अश्वगंधा वलेहा को पानी और दूध से लेने से जल्दी असर करता है।


8. 50 ग्राम किशमिश को साफ पानी में भिगो दें। इसका सुबह-सुबह तीन महीनों तक सेवन करें। वजन जल्दी ही बढऩे लगेगा।


9. नाश्ते के समय बादाम का दूध या मक्खन, घी इत्यादि का सेवन करने से आप स्वस्थ रहेंगे और अपना वजन भी बढ़ा पाएंगे।

अच्छी नींद के लिए

 अच्छी नींद के लिए


पूरे दिन तरोताजा और उर्जा से भरपूर रहने के लिए जरूरी है कि आप रातभर अच्छी और सुकूनभरी नींद लें लेकिन चिंता, सोने का स्थान और परिस्थितियां आपकी नींद में बाधक हो सकती हैं।


योगा व ध्यान करें 


अगर कोई व्यक्ति नियमित रुप से योगा व ध्यान करता है तो उसे रात में नींद नहीं आने की समस्या होने की संभावना कम होती है। योगा आपके शरीर की थकान व तनाव को कम करता है जिससे आप अच्छी नींद ले सकते हैं।


चाय व कॉफी का परहेज जरूरी 


सोने से पहले या शाम के समय ज्यादा कॉफी या चाय नहीं पीएं क्योंकि चाय और कॉफी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जिनसे उत्तेजना बढ़ती है और मस्तिष्क को जागृत कर देती है। ऐसे में नींद नहीं आने की समस्या हो सकती है।


  सोने का समय तय क रे 


अपने सोने व जागने का समय तय करें, इससे जब आपको आदत हो जाएगी तो अपने आप उस समय आपको नींद आने लगेगी। रात में ज्यादा देर तक नहीं जागें इससे नींद गायब हो जाती है इस कारण हानिकारक एडेरेनाइन हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है। इसका नतीजा यह निकलता है कि आपको नींद ही नहीं आती है। तय समय पर खुद को सोने के लिए तैयार करें।


 टीवी से जरा दूरी भली


सोने से आधे घंटे पहले टीवी व कंप्यूटर के पास नहीं बैठे क्योंकि टीवी और कंप्यूटर की स्क्रीन से आने वाली रोशनी हमारे शरीर को ये एहसास दिलाती रहती है कि अभी दिन है। इस कारण हमारा शरीर सोने के लिए तैयार नहीं हो पाता। सोने से पहले आप किताबें पढ़ सकते हैं।


 म्‍यूजिक थेरेपी


संगीत में जादू होता है। ये मन की थकान को कम करता है, जिससे शरीर की थकान भी कम हो जाती है। सोने से पहले मधुर कीर्तन सुनें, नींद जल्दी आती है।


 पंजो की मसाज करें


खुद को अच्छी नींद के लिए पंजो का मसाज भी करें। दिनभर की थकान के बाद जब आपके पैरों में मसाज किया जाता है तो इससे आपको आराम मिलता है और नींद अच्छी आती है।

तनाव-टेंशन

 तनाव-टेंशन


तनाव क्या होता है?


तनाव आपके शरीर में उत्पन हुई एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है जब आप अपने आपको किसी संकट से घिरा पाते हैं या आपका मानसिक सुंतलन बिगड़ जाता है।

तनाव से जुड़ी प्रतिक्रिया आपको चुनौतियों का सामना करने में सहायता करती है। पर एक सीमा के बाद, यही तनाव कोई भी सहायता करना बंद कर देता है और आपके स्वास्थ्य, आपके मूड, आपकी उत्पादकता, आपके संबंधों और आपके जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर करता है।

आयुर्वेद में तनाव के कई स्वरुप होते हैं जैसे कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक तनाव; और अलग अलग तरह के तनाव में अलग अलग तरह के उपचार की ज़रुरत पडती है। आयुर्वेद के हिसाब से मानसिक तनाव मस्तिष्क का ज़रुरत से ज़्यादा उपयोग, या दुरूपयोग करने से होता है। मसलन अगर आप अधिक समय तक मानसिक कार्य करते हैं या कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो आपकी मानसिक गतिविधियाँ, ऊर्जा, और दिमाग से जुड़े प्राण-वात तत्वों में असुंतलन पैदा होता है। और प्राण-वात के असुंतलन का पहला लक्षण होता है तनाव को संभालने में असर्मथता। जैसे जैसे तनाव बढ़ता है वैसे वैसे धी, धृति, और स्मृति जैसी मानसिक प्रक्रिया में बदलाव उत्पन होता है, या ग्रहणशीलता, अवरोधन, सकारात्मक सोच, उत्साह और रात की नींद पर भी असर पड़ता है।


तनाव के लक्षण:


संज्ञानात्मक लक्षण

स्मरणशक्ति की समस्या।

एकाग्रता की कमी।

परखने में गलती।

नकारात्मक पहलू देखना।

अनवरत चिंता।

भावनात्मक लक्षण

मूड बदलना।

चिडचिडापन या गुस्सा।

बेचैनी, विश्राम न कर पाना।

पराजित महसूस करना।

अकेलेपन और अलगाव का एहसास।

डिप्रेशन या नाराजगी।

शारीरिक लक्षण

दर्द और पीड़ा।

दस्त या कब्ज़ियत।

मतली या चक्कर।

यौन रूचि में कमी।

बार बार सर्दी ज़ुकाम का होना।

अपचन और गड़गड़ाहट।

हृदयगति में तेज़ी।

स्वाभाव से जुड़े लक्षण

कम या ज़्यादा खाना या सोना।

अपने आपको दूसरों से अलग थलग रखना।

कोई भी ज़िम्मेदारी लेने से बचना।

विश्राम के लिए मदिरापान, धूम्रपान या नशीली दवाओं का सेवन करना।


तनाव के लिए घरेलू और आयुर्वेदिक चिकित्सा:


अपने आहार में गर्म दूध के साथ पांच बादामों का समावेश करें । आप दिन में 2 या 3 बार दूध या शहद के साथ 1 ग्राम काली मिर्च का सेवन भी कर सकते हैं।

अपने माथे पर नीम का पाउडर लगाने से भी आपको लाभ मिल सकता है।

दूध या पानी के साथ सूखी अदरक का लेप बना लें और अपने माथे पर लगायें।

एक छोटे तौलिये को ठंडे पानी में डुबोकर निचोड़ लें और कुछ समय के लिए अपने माथे पर रखें।

क्षीरबाला तेल, धन्वन्तरी तेल या नारियल के तेल से पूरे शरीर की मालिश करवाने से भी तनाव कम होने में लाभ मिलता है।

सोने से पहले दूध में गुलकंद मिलाकर पीने से भी लाभ मिलता है।

दोपहर में खाने के साथ मीठे लस्सी में गुलकंद डालकर पीने से भी लाभ मिलता है।

एक अँधेरे कमरे में लेटने से या करीबन आधा घंटा सोने से भी तानव में कमी आ सकती है।

पान के पत्तों में पीड़ानाशक और ठंडक पहुँचाने वाले गुण होते हैं। इन्हें ग्रसित जगह पर रखने से काफी लाभ मिलता है।

अश्वगंधा, ब्राह्मी, अदरक, हाइपरआइसिन जैसी आयुर्वेदिक औषधियां भी तनाव कम करने में लाभदायक सिद्ध होती हैं।

कुछ खान पान जैसे कि बादाम, नारियल, और सेब जैसे मीठे और रसीले फल, लस्सी, घी, ताज़ी चीज़ और पनीर भी तनाव की अवस्था को ठीक करने में मदद करते हैं।


क्या करें, क्या न करें तनाव-टेंशन दूर करने के लिए.


नकारात्मक सोच का त्याग करें।


मदिरापान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें क्योंकि दोनों ही आपकी डिप्रेशन को बढ़ा सकते हैं।

जब आप डिप्रेशन में हों तो कोई भी बड़ा फैसला लेने का प्रयास न करें।

अपने आपको निरुत्साह न होने दें।

कम से कम आठ घंटे की नींद तो ज़रूर लें।

रात को दस बजे से पहले सोने का प्रयास करें।

तनाव हममे से अधिकतर लोगों की ज़िन्दगी का हिस्सा बन चुका है, और अगर इसे ठीक तरह से संभाला नहीं जाये तो हृदय रोग, पेप्टिक अल्सर, और कैंसर होने की संभावना बन सकती है।

क्रोध

 क्रोध


दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर खाने से गुस्सा शान्त होता है। पन्द्रह दिन लगातार खायें। थाली बर्तन फैंकने वाला और पत्नि और बच्चों को मारने पीटने वाला क्रोधी भी क्रोध से मुक्ति पा सकेगा।


जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क दुर्बल हो गये हो और जिन विद्यार्थियों को पाठ याद नहीं रहता हो तो इसके सेवन से थोड़े ही दिनों में दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही दुर्बल मस्तिष्क के कारण सर्दी-जुकाम बना रहता हो, वह भी मिट जाता है।

कहावत है - "एक सेब रोज खाइए, वैद्य डाक्टर से छुटकारा पाइए।"


या आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन प्रातः काल खायें और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दुध पी लें। बहुत क्रोध आना बन्द होगा।

होंठ फट रहें हो तो

 होंठ फट रहें हो तो


 सर्द मौसम में होंठ फटने लगते हैं। ऐसे में होंठों की सुंदरता खत्म होने लगती है। अगर आप भी अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो नीचे दिए जा रहे कुछ आसान नुस्खों से आप अपने होठों की सुन्दरता को चार चांद लगा सकते हैं....


• नित्य दो बार होंठों पर ग्लिसरीन लगाने से लाभ होता है।


• इलायची पीस कर मक्खन में मिलाकर रोज दिन में दो बार कम से कम सात दिन लगाएं।


• गुलाब के फूल को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई या दूध मिलाकर होंठों पर लेप करें।


• नहाने से पहले हथेली में चौथाई चम्मच मूंगफली का तेल लेकर अंगुली से हथेली में रगड़े। फिर होंठो पर इसकी मालिश करें। होंठो के लिए यह लाभप्रद है।


• सोने से पहले सरसों का तेल नाभि पर लगाने से होंठ नहीं फटते।


• घी में जरा सा नमक मिलाकर होंठों व नाभि पर लगाने से होंठ फटना बंद हो जाते हैं।


• पांच बादाम रोज सुबह-शाम खाने से होंठ नहीं फटते।


• ताजे गुलाब की पंखुडियों में थोडी सी मलाई मिला कर होंठों पर लगाएं ।

ऎसा नियमित करने से होंठ गुलाब से खिल उठेंगे।


• आप होंठों पर सिर्फ शहद भी लगा सकती हैं।


• सूखे होंठों पर ताजा मक्खन लगाएं।


• जायफल, गुलाब की ताजी पंखुडियां और ताजा मक्खन मिला कर होंठों पर लगाएं।


• जैतून का तेल और वैसलीन मिलाकर दिन में तीन या चार बार फटे होंठों पर लगाएँ। तीन-चार दिन नियमित उपचार करने पर आपके होंठों की दरारें भरने लगेंगी या भर जाएँगी।


• होंठ कुछ ज्यादा ही फटे-फटे से रहते हैं तो टमाटर के रस में घी या मक्खन मिलाकर लगाएँ। जब तक होंठों की त्वचा चिकनी नहीं हो जाती, यह उपाय जारी रखें।


• मौसम कोई भी हो, होंठों पर इसका प्रभाव न हो इसके लिए शरीर में विटामिन ए व बी कॉम्प्लेक्स की कमी न होने दें। इसके लिए अपने दैनिक आहार में हरी सब्जी, दूध, घी, मक्खन, ताजे फल और ज्यूस लेती रहें।

गांजापन

 गांजापन


कई बार सिर पर चोट लगने, बीमारियां, डायबिटीज, ल्यूकेमिया, क्षय, दाद, एक्जीमा आदि से भी हमारे सिर के बाल धीरे-धीरे झडऩे लगते हैं। बालों का इस तरह झडऩा ही बढ़ते हुए यह गंजेपन का रूप ले लेता है। चिंता, परेशानी, सदमा और दुर्घटना से भी सिर के बाल गिरने लगते हैं। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपाय ऐसे भी हैं जिन्हें आजमाकर गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है साथ ही बालों को मजबूत और सुंदर बनाया जा सकता है। आवश्यक पोषक तत्वों की कमी जैसे आयोडिन, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, आयरन, तांबा, विटामिन ए की कमी से भी हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। परिणामस्वरूप सिर के बाल रूखे होने लगते हैं और धीरे-धीरे उनका टूटना और गिरना शुरु हो जाता है। इसलिए ऐसे में अंकुरित गेहूं, चना, मूंग आदि खाना बहुत लाभदायक है। साथ ही भोजन में पनीर, सिंघाड़ा, पालक बथुआ, मटर, टमाटर आदि के साथ ही सलाद भी लेते रहना चाहिए। -


रोजाना तीन माह तक सुबह खाली पेट काला तिल व भृंगराज बराबर मात्रा में मिलाकर चबाकर खाने से बाल लंबे व घने हो जाते हैं और बालों का झडऩा बंद हो जाता है। गंजे वाले स्थान पर अमरबेल का लेप नियमित रूप से एक महीने तक करना लाभदायक होता है। इसके काढ़े से सिर धोले से बाल बढऩे के साथ ही काले भी होने लगते हैं। सिर के बाल झड़ रहे हों तो सरसों के पत्तों को जलाकर बनाया गया लेप नियमित रूप से लगाएं कुछ ही दिनों के बाद फिर बाल उगने लगेंगे। -


कैस्टर ऑयल अर्थात एरण्ड का तेल भी काफी उपयोगी है। रोजाना दो महीने तक रात में इसके तेल से सिर पर मालिश करने से गंजापन दूर हो जाता है। गंजेपन के स्थान पर जमालगोटे के बीजों का लेप नींबू के रस के साथ करें, फिर थोड़ी देर बाद सिर धो लें। कुछ ही दिनों में अच्छा असर दिखने लगेगा। नारियल तेल में धतूरे के रस को मिलाकर पंद्रह दिनों तक रोजाना नहाने से पहले लगाएं, कुछ ही महीनों में फायदा दिखने लगेगा। -


गोमूत्र में इंद्रायण की जड़ को पीसकर नियमित गंजेवाले स्थान पर लगाएं, कुछ ही महीने बाद सिर पर बाल उगने लगेंगे।बबूल की कच्ची पत्तियों को पीसकर सिर पर लगाएं, फिर सिर धो लें, ऐसा चार-पांच महीने तक करने पर सिर पर बाल उगने लगेगे।

घटाएं अपना वज़न

 घटाएं अपना वज़न


वजन या खो करना एक ऐसा विषय है जिसपे जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिलती हैं कम करें. लोग एक से एक सुझावों या आहार योजना बताते हैं , जिसके हिसाब से वजन करना मानो बच्चों का खेल हो कम करें. पर हकीकत तो आप जानते ही हैं कि ये असल में कितना काम है चुनौती दे . इसीलिए मैं आज आपके साथ वजन कम करने के लिए , हिंदी में हिस्सेदारी कर रहा हूँ . मेरी कोशिश होगी की यह लेख हिंदी में इस विषय पर लिखे गए सबसे अच्छे लेखों में से एक हो .


वजन बढ़ने का विज्ञान बड़ा सीदा - साधा है . यदि आप खाने - रहे हैं जला उतनी ले पीने के रूप में जितनी कैलोरी नहीं करेंगे तो आपका वजन बढ़ना तय है . दरअसल बची हुई कैलोरी ही हमारे शरीर में वसा के रूप में इकठ्ठा हो जाती है और हमारा वज़न बढ़ जाता है .


वज़न कम करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको ये जानना चाहिए कि आपका वर्तमान वजन सही है या नहीं . इसके लिए आप कृपया इस लेख को पढ़ें कैसे जानें आपका वज़न सही है या नहीं ? यहाँ से आप अपना बॉडी मास इंडेक्स जान पायेंगे . बीएमआई एक बहुत ही सरल उपकरण है जो आपके वज़न और लम्बाई के हिसाब से आपकी शरीर में कितना वसा है बताता है . आपका बीएमआई ये बताता है कि आप किस वजन वर्ग में आते हैं :


अब यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं तो ही आपको अपना वज़न कम करने की ज़रुरत है . और यदि आपको इसकी ज़रुरत है तो आपको ये भी जाना चाहिए कि जिस इस्थिति में आप पहुंचे हैं उसकी वज़ह क्या है . वैसे आम - तौर पर वज़न बढ़ने के दो कारण होते हैं :


खान - पान : वजन बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण होता है हमारा खान - पान . यदि हमारे खाने में कैलोरी की मात्र अधिक होगी तो वज़न बढ़ने के मौके ज्यादा हो जाते हैं . अधिक तला - भुना , फास्ट फूड , देशी घी , कोल्ड ड्रिंक आदि पीने से शरीर में ज़रुरत से ज्यादा कैलोरी इकठ्ठा हो जाती हैं जिसे हम बिना अतिरिक्त प्रयास के जला नहीं कर पाते और नतीजा हमारे बढे हुए वज़न के रूप में दिखाई देता है . यदि आप इस बात की जानकारी रखें कि आपके शरीर को हर दिन कितने कैलोरी की आवश्यकता है और उतना ही करें तो आपका वजन नहीं बढेगा खपत करते हैं.

निष्क्रिय होना : अगर आपकी दिनचर्या ऐसी है कि आपको ज्यादा हाथ - पाँव नहीं हिलाने पड़ते तो आपका वजन बढ़ना लगभग तय है . ख़ास तौर पर जो लोग घर में ही रहते हैं या दिन भर कुर्सी पर बैठ कर ही काम करते हैं उन्हें जान - बूझ कर अपनी दैनिक जीवन में कुछ शारीरिक गतिविधि चाहिए करनी शामिल है. जैसे कि आप की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें उठा , अपने हित का कोई खेल खेलें , बैडमिंटन , टेबल टेनिस , इत्यादि कि जैसे . यदि आप एक ट्रेडमिल या जिम चक्र एक कर सकें और उसे नियमित रूप से प्रयोग करें तो काफी लाभदायक होगा बनती हैं. वैसे सबसे सस्ता और सरल उपाय है कि आप रोज़ कुछ देर टहलने की आदत डाल लें .


पर इसके अलावा भी कई कारणों से आपका वज़न बढ़ सकता है अन्य कारणों को आप यहाँ देख सकते हैं : वज़न बढ़ने के 10 प्रमुख कारण


अब जब आप वजन बढ़ने का कारण जान गए हैं तो या खो करना आपकी इच्छाशक्ति और जानकारी पर निर्भर करता है कम इसे . यहाँ मैं वजन करने की ऐसी ही कुछ टिप्स हिंदी में हिस्सा खो कर रहा हूँ . उम्मीद है ये जानकारी आपके काम आएगी .

हिन्दी में अपना वजन कम करने के लिए सुझाव


1 .सब्र रखें : याद रखिये की आज जो आपका वजन है वो कोई दो - दिन या दो महीने की देन नहीं है . ये तो बहुत समय से चली आ रही आपकी जीवन शैली का नतीजा है . और यदि आपको वजन घटाने करना है तो निश्चित रूप से आपको सब्र रखना होगा . बेंजामिन फ्रैंकलिन का ये कथन - " जिसके पास धैर्य है वह जो चाहे वो पा सकता है . " हमेशा मुझे प्रेरित करता है . तो आप भी तैयार रहिये कि इस काम में वक़्त लगेगा . हो सकता है शुरू के एक - दो हफ्ते आपको अपने वज़न में कोई अंतर ना नज़र आये पर येही वो वक़्त है जहाँ आपको मजबूत बने रहना है , धैर्य रखना है , हिम्मत रखना है .


 2 अपने प्रयासों में यकीन रखिये . किसी भी और चीज से ज्यादा ज़रूरी है कि आप वजन घटाने के लिए जो प्रयासों कर रहे हैं उसमे आपका यकीन होना . यदि आप एक तरफ प्रतिदिन जिम जा रहे हैं और दूसरी तरफ दोस्तों से ये कहते फिर रहे हैं कि जिम - विम जाने का कोई फायदा नहीं है तो आपका अवचेतन मन भी इसी बात को मानेगा , और सच - मुच आपको अपने एफ्फोर्ट्स का कोई रिजल्ट नहीं मिलेगा . खुद से सकारात्मक बात करना बहुत ज़रूरी है . आप खुद से कहिये कि , " मैं फिट हो रहा हूँ " , " मुझे परिणाम मिल रहे हैं " , आदि .


3.Visualize करिए : आप जैसा दिखना चाहते हैं वैसे ही खुद के बारे में सोचिये . यकीन जानिये ये आपको वजन करने में मदद करेगा खो देते हैं. आप चाहें तो आप अपने कमरे की दीवार , या कंप्यूटर स्क्रीन पर कुछ वैसी ही फोटो लगा सकते हैं जैसा कि आप दिखना चाहते हैं . रोज़ खुद को वैसा देखना उस चीज को और भी संभव बनाएगा .


4. नाश्ते के बाद , पानी को अपना मुख्य पेय बनाएं : . नाश्ते के वक़्त संतरे का रस , चाय , दूध इत्यादि ज़रूर लें लेकिन उसके बाद पुरे दिन पानी को ही पीने के लिए इस्तेमाल करें . कोल्ड - ड्रिंक को तो छुए भी नहीं और चाय - . कॉफ़ी पर भी पूरा नियंत्रण रखें इस तरह आप हर रोज़ करीब 200-250 कैलोरी करेंगे उपभोग कम .


5.Pedometer का प्रयोग करें : ये एक ऐसी युक्ति है जो आप के हर कदम को गिनती करता है . इसे अपने बेल्ट में लगा लें और कोशिश करें की हर रोज़ 1000 अतिरिक्त कदम चला जाये . जिनका वजन अधिक होता है वो आम तौर पर दिन भर में बस दो से तीन हज़ार कदम ही चलते हैं . यदि आप इसमें 2,000 कदम और जोड़ दें तो आपका वर्तमान वजन बना रहेगा और उससे ज्यादा चलने पर वज़न कम होगा . एक मानक pedometer की कीमत 1000 से 1500 से रुपये तक होती है .


पदगणित्र

6. अपने साथ एक छोटी सी डायरी रखें : आप जो कुछ भी खाएं उसे इसमें लिखें . रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग ऐसा करते हैं वो औरों से 15 % कम कैलोरी करते हैं खपत करते हैं.


7. जानें कितनी कैलोरी आप लेते हैं , और उसमे 10 % जोड़ कर दें : यदि आपको लगता है कि आप हर रोज़ 1800 कैलोरी लेते हैं और फिर भी आपका वज़न नहीं हो नियंत्रित रहा है तो शायद आप अपनी कैलोरी की मात्रा का गलत अनुमान लगा रहे हैं . आम तौर पर यदि आप अपने अनुमान में 10 % और जोड़ दें तो आपका अनुमान ज्यादा सटीक हो जायेगा . उदाहरण के लिए : 1800 की जगह 1800 + 180 = 1980 कैलोरी .


8. तीन समय खाने की बजाये 5-6 बार थोडा - थोडा खाएं : . दक्षिण अफ्रीका में हुई शोध एक में ये पाया गया की यदि व्यक्ति सुबह , दोपहर , शाम खाने की बजाये दिन भर में 5-6 बार थोड़ा - थोड़ा खाए तो वो कम कैलोरी 30 % करता है खपत करते हैं. और यदि वह उतनी ही कैलोरी ले रहा है जितना की वो तीन बार खाने में लेता है तो भी ऐसा करने से शरीर कम इंसुलिन रिलीज करती है , जो की आपके रक्त शर्करा को सही रखता है और आपको भूख भी कम लगती है .


9. रोज़ 45 मिनट टहलिए : . रोज़ 30 मिनट टहलना आपका वजन बढ़ने नहीं देगा लेकिन यदि आप अपना वजन घटाना 45 मिनट रोज़ टहलना चाहिए कम कम से तो चाहते हैं . अगर आप रोज़ ऐसा कर लेते हैं तो बिना अपना खान - पान बदले भी आप साल भर में 15kg वज़न कम कर सकते हैं . और यदि आप ये काम सुबह सुबह ताज़ी हवा में करें तो बात ही कुछ और है . पर इसके लिए आपको डालनी होगी सुबह जल्दी उठने की आदत .


10. नीले रंग का अधिक प्रयोग करें : नीला रंग भूख को कम करता है . यही वजह है कि अधिकतर रेस्तरां इस रंग का प्रयोग कम करते हैं . तो आप खाने में नीले रंग प्लेटें करें उपयोग , नीले कपडे पहने , और टेबल पर नीला मेज़पोश डालें . इसके विपरीत , लाल, पीला , और नारंगी रंग खाते वक़्त करें बचने , ये भूख बढाते हैं .


11. अपने पुराने कपड़ों को दान कर दें : एक बार जब आप सही वजन पा चुके हैं तो अपने पुराने कपडे , जो अब आपको ढीला होंगे , उन्हें किसी को दान कर दें . ऐसा करने से दो फायदे होंगे . एक तो आपको कुछ दान कर के ख़ुशी होगी और दूसरा आपके दिमाग में एक बात रहेगी कि यदि आप फिर से मोटे हुए तो वापस इतने कपडे खरीदने होंगे . ये बात आपको अपना वजन सही रखने के करेगी प्रोत्साहित करते लिए .


12. खाने के लिए छोटी प्लेट का प्रयोग करें : . अद्ध्यनो से पता चला है कि चाहे आपको जितनी भी भूख लगी हो , यदि आपके सामने कम खाना होगा तो आप कम खायेंगे , और यदि ज्यादा खाना रखा है तो आप ज्यादा खायेंगे . तो अच्छा होगा कि आप थोड़ी छोटी थाली उसे करें जिसमे कम खाना आये . इसी तरह चाय - कॉफ़ी के लिए भी छोटे कप प्रयोग करें बार बार खाना लेना आपका कैलोरी की मात्रा बढाता है इसलिए आपको जितना खाना है उसी हिसाब से एक ही बार में उतना खाना ले लें . .


13. जहां खाना खाते हों वहाँ सामने एक शीशा लगा लें : एक अध्ययन में ये पाया गया कि शीशे के सामने बैठ कर खाने वाले लोग कम खाते हैं . शायद खुद को आकार देखकर उन्हें ये याद दिलाता हो कि वजन कम करना उनके लिए बेहद ज़रूरी है की बाहर .


14.Water युक्त भोजन खाएं : होता है कम पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की एक शोध में पाया गया है कि पानी युक्त भोजन , जैसे कि टमाटर , लौकी , खीरा , आदि खाने से आपका कुल कैलोरी खपत इसलिए इनका अधिक से अधिक प्रयोग करें . .


15.Low वसा वाले दूध का प्रयोग करें : चाय , कॉफ़ी बनाने में , या सिर्फ दूध पीने के लिए भी स्किम दूध का उपयोग करें , जिसमे कैल्शियम ज्यादा होता है और कैलोरी कम .


16.90 % खाना घर पर ही खाएं : अधिक से अधिक घर पर ही खाना खाएं , और यदि आप बाहर भी घर का बना खाना ले जा सकते हों तो ले जायें . बाहर के खाने में ज्यादातर उच्च वसा और उच्च कैलोरी होती हैं . इनसे बचें .


17. धीरे - धीरे खाएं : धीरे खाने से आपका ब्रेन पेट भर जाने का सिग्नल पहले ही दे देगा और आप कम खायेंगे .


18. तभी खायें जब सचमुच भूख लगी हो : कई बार हम बस यूँहीं खाने लगते हैं . कई लोग आदत , उदासी , या घबराहट की वज़ह से भी खाने लगते हैं . अगली बार तभी खाएं जब आपको वाकई में भूख सहन ना हो . यदि आप कोई विशिष्ट चीज खाने के लिए खोज रहे हैं तो ये भूख नही बस स्वाद बदलने की बात है , जब सच में भूख लगेगी तो आपको जो कुछ भी खाने को मिलेगा आप खाना पसंद करेंगे .


 19. जूस पीने की बजाये फल खाएं : जूस पीने की बजाये फल खाएं , उससे आपको वही लाभ होंगे , और जूस की अपेक्षा फल आपकी भूख को भी कम करेगा , जिससे कुल मिलाकर आप कम खायेंगे .


20 ज्यादा से ज्यादा चलें : आप जितना ज्यादा चलेंगे आपकी कैलोरी उतना ही अधिक होंगी जला . लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करना , आस - पास पैदल जाना आपके लिए मददगार साबित होगा . घर में भी आप दिन भर में एक - दो बार अपनी छत का चक्कर लगाने की कोशिश करें . छोटे - छोटे प्रयासों बड़ा परिणाम देंगे .


21. हफ्ते में एक दिन कोई भारी काम करें : हर हफ्ते कोई एक भारी काम या गतिविधि करें . जैसे की आप अपनी बाइक या कार धोने का सोच सकते हैं , बच्चों के साथ कहीं घूमने जाने का योजना कर सकते हैं , या अपने पति या पत्नी की हेल्प करने के लिए घर की सफाई कर सकते हैं .


22. ज्यादातर कैलोरीज़ दोपहर से पहले कंस्यूम कर लें . अध्ययन से पता चला है कि जितना अधिक आप दिन के वक़्त खा लेंगे रात में आप उतना ही कम खायेंगे और दिन में जो की है उपभोग आपने कैलोरी उसके रात तक हो जाने के मौके जला अधिक हैं .


23. डांस करें : जब कभी आपको वक़्त मिले तो बढ़िया संगीत लगा कर डांस करें . ऐसा करने से आपका मनोरंजन भी होगा और अच्छी - खासी कैलोरी भी जाएँगी हो जला . यदि आप इसको दिनचर्या में ला पाएं तो बात ही क्या है .


24 . नींबू और शहद का प्रयोग करें : . रोज सुबह हल्के गुनगुने पानी के साथ नीबू और शहद का सेवन करें ऐसा करने से आपका वज़न कम होगा . यह उपाय हमारे पाठक श्री वी डी शर्मा जी ने अपने अनुभव के मुताबिक बताया है . ऐसा करके उन्होंने अपना वज़न 10 किलो तक कम किया है . उम्मीद है यह आपके लिए भी कारगर होगा .


25 . दोपहर में खाने से पहले 3 ग्लास पानी पीयें : ऐसा करने से आपको भूख कुछ कम लगेगी , और यदि आप अपना वज़न कम करना चाहते हैं तो भूख से थोडा कम खाना आपके लिए लाभदायक रहेगा .

होठों का कालापन

 होठों का कालापन


होठों का कालापन

होंठों को खूबसूरत बनाने के लिए आप क्‍या नहीं करतीं। लिपस्टिक, लिप बाम, माश्‍चराइजर और ना जाने क्‍या-क्‍या। लेकिन, होंठों पर लगाये जाने वाले कई उत्‍पाद वास्‍तव में उन्‍हें खूबसूरत बनाने के बजाय लंबे समय में उन्‍हें नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप भी अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो इस स्‍लाइड शो में बताए गए प्राकृतिक उपायों को अपनाकर अपनी समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं।


कोको बटर

दो बड़े चम्मच कोको बटर, आधा छोटा चम्मच मधु वैक्स लीजिए। उबलते पानी पर एक बर्तन में वैक्स डालकर पिघला दीजिए। इसमें कोको बटर मिलाएं। अब इस मिश्रण को ठंडा होने के बाद ब्रश की मदद से होंठों पर लगाइए। इससे होंठ मुलायम होंगे और उनका कालापन दूर हो जाएगा।


दूध की मलाई

होंठों से रूखापन हटाने के लिए थोडी सी मलाई में चुटकी भर हल्दी‍ मिलाकर नियमित रूप से धीरे-धीरे होठों पर मालिश करें। आप देखेंगे कि इस घरेलू उपाय से कुछ ही दिनों में आपके होठ मुलायम और गुलाबी होने लगेंगे


गुलाब की पंखुडियां

होंठों के कालेपन को दूर करने के लिए गुलाब की पंखुडि़यां बहुत ही फायदेमंद होती है। इसके नियमित इस्‍तेमाल से होठों का रंग हल्‍का गुलाबी और चमकदार हो जाएगा इसके लिए गुलाब की पंखुडियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी नींबू

क्‍या आप जानते है होंठों को कालापन नींबू से भी दूर हो सकता है। इसके लिए आप निचोड़े हुए नींबू को अपने होठों पर सुबह और शाम को रगड़ें।


केसर

होंठों का कालापन दूर करने के लिये कच्चे दूध में केसर पीसकर होंठों पर मलें। इसके इस्‍तेमाल से होंठों का कालापन तो दूर होता ही है साथ ही वे पहले से अधिक आकर्षक बनने लगते हैं।


शहद

शहद के इस्‍तेमाल से कुछ ही दिनों में आपके होंठ चमकदार और मुलायम हो जाते हैं। इसके लिए थोड़ा-सा शहद अपनी उंगली में लेकर धीरे-धीरे अपने होंठों पर मलें या फिर शहद में थोड़ा सा सुहागा मिलाकर अपने होंठों पर लगाएं। ऐसा एक दिन में दो बार करें फिर देखें इसका असर।


जैतून का तेल

यदि होंठ पूरी तरह से फट चुके हैं और उनमें कालापन भी आ रहा है तो जैतून का तेल यानी ऑलिव ऑयल और वैसलीन मिलाकर दिन में तीन या चार बार फटे होंठों पर लगाने से फायदा होता है। इनका लेप होंठों पर 4-5 दिन लगातार लगाने से होठों की दरारें भी भरने लगती हैं और होंठ हल्‍के गुलाबी भी होने लगते हैं।


चुकंदर

चुकंदर को ब्‍लड बनाने वाली मशीन भी कहते है। चुकंदर होंठ के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है। चुकंदर को काटकर उसके टुकड़े को होंठों पर लगाने से होठ गुलाबी व चमकदार बनते हैं।

खूबसूरत बाल

 खूबसूरत बाल


बेर की पत्तियों व नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर बालों में लगा लें व दो घंटे बाद बालों को धो लें। इसका एक माह तक प्रयोग करने से नए बाल उग आते हैं व बाल झड़ना बंद हो जाते हैं। 


बड़ के दूध में एक नींबू का रस मिलाकर सिर में आधे घंटे तक लगा रहने दें। फिर सिर को गुनगुने पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है व बाल तेजी से बढ़ते हैं। 


गुड़हल की पत्तियां प्राकृतिक हेयर कंडीशनर का काम देती हैं और इससे बालों की मोटाई बढ़ती है। बाल समय से पहले सफेद नहीं होते। इससे बालों का झड़ना भी बंद होता है। सिर की त्वचा की अनेक कमियां इससे दूर होती है। 


दो चम्मच ग्लीसरीन, 100 ग्राम दही, दो चम्मच सिरका, दो चम्मच नारियल का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को आधा घंटे तक बालों में लगाएं फि‍र पानी से बालों को साफ करें। बालों में कुछ देर के लिए खट्टी दही लगाएं फिर गुनगुने पानी से बाल धो डालें। बाल एकदम मुलायम हो जाएंगे।

करे खूबसूरती को कैद

 करे खूबसूरती को कैद


प्रकृति में इतने किसम के तत्‍व पाए जाते हैं, जो हमारी हर बीमारी को हर सकते हैं। आजकल बाजारों में कई तरह की दवाइयां और तरह-तरह के उत्‍पाद आने लगे हैं कि लोगों ने आयुर्वेद को बिल्‍कुल नकार दिया है। आयुर्वेद हमारी त्‍वचा के लिए भी बहुत अच्‍छा माना जाता है, यह न तो महगां होता है और न ही इसको इस्‍तमाल करने में कोई नुक्‍सान पहुंचता है। पहले जमाने की महिलाएं खुद को खूबसूरत बनाने के लिए आयुर्वेद का ही सहारा लेती थीं इसलिए हमने भी सोंचा कि क्‍यों न हम भी आपके लिए आयुर्वेद के कुछ ऐसे उपचार बताएं जिससे आप अपनी खूबसूरती को सदा के लिए कैद कर लें।


ऐसे करें प्रयोग-


1. झुर्रियों के लिए- अगर आपको चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को हटाना है तो अंरडी यानी की कैस्‍टर ऑयल को अपने चेहरे पर लगाएं, इससे त्‍वचा बिल्‍कुल मुलायम हो जाएगी और झुर्रियां भी कम हो जाएगीं।


2. साफ त्‍वचा- त्‍वचा पर अगर दाग-धब्‍बे हैं तो चेहरे को क्रीम वाले दूध से रुई को डुबो कर चेहरे और पोर्स को साफ करें। इससे चेहरा साफ तो होगा ही साथ में पोर्स भी खुलेगें।


3. नेचुरल मॉस्‍चोराइजर- अगर आपकी त्‍वचा साधारण है तो खुद से ही नेचुरल मास्‍चोराइजर बनाइये। इसको बनाने के लिए एक कटोरे में 4 चम्‍मच दही और कुछ बूंदे नींबू और संतरे की मिला कर अपने चेहरे पर मास्‍क के रुप में प्रयोग करें। इसको लगाने के बाद 15 मिनट के अंदर इस मास्‍क को रुई के दा्रा साफ कर लें।


4. स्‍‍किन कंडीशनर- इसको बनाने के लिए दो चम्‍मच क्रीम लें और उसमें शहद मिला लें। इस मिश्रण को अपने चेहरे पर पांच मिनट तक के लिए लगाएं और फिर गीले कपड़े या रुई से पोंछ लें।


5. टोनर- अगर आप कच्‍चा आलू ले कर अपने चेहरे पर लगाएगीं तो यह आपकी त्‍वचा को टोन करेगा और पिंगमेंटेशन की समस्‍या को भी दूर करेगा।


6. चेहरे पर बाल- इसको हटाने के लिए आपको एक पेस्‍ट बनाना पड़ेगा जिसमें तिल का तेल, हल्‍दी पाउडर और आंटे का सही मिश्रण मिला हो।

चेचक के दाग

 चेचक के दाग


स्त्रियों के चेहरे पर चेचक के दाग़ों का होना एक अभिशाप समझा जाता है । चेचक के दाग़ों को श्रृंगार द्वारा घटाया अथवा छिपाया जा सकता है। चेचक के दाग दो विधियों से ठीक हो सकते है । प्लास्टिक सर्जरी द्वारा अथवा स्किन पीलिंग द्वारा ।


प्लास्टिक सर्जरी :- इस सर्जरी द्वारा आमतौर पर विदेशों में उपचार  किया जाता है । यह उपचार अत्यंत महंगा होने के कारण हमारे देश में इसका विशेष प्रचलन नहीं है । इस सर्जरी से चेहरे की त्वचा पर छोटे-छोटे अनेक आपरेशन होने के कारण रोगी को काफी तकलीफ सहनी पड़ती है । यह उपचार हमेशा किसी योग्य सर्जन से ही करवाना चाहिये ।


स्किन पीलिंग :- इस विधि द्वारा उपचार के लिये रोगी के चेहरे पर अनेक प्रकार के लेप लगाए जाते है । हर लेप के बाद त्वचा पर से एक परत उतार कर तुरंत दूसरी परत लगाएं । ऐसा 5-6 बार करें । आप देखेंगे कि हर परत के उतरनें के बाद दाग की गहराई कम होने लगती है । इस प्रक्रिया को कई बार दोहराने के बाद त्वचा बेदाग हो जाती है । लेप त्वचा के अनुसार प्रयोग करना चाहिये ।

झाइयों के लिए उपचार

 झाइयों के लिए उपचार


चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आप आधा नीबू व आधा चम्मच हल्दी और दो चम्मच बेसन लें। अब इन चीजों को आपस में अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट-सा बना लें। अब इस मिश्रण का मास्क चेहरे पर तीन या चार बार लगाए। 


झाइयां समाप्त हो जाएंगी और आपका चेहरा भी निखर जाएगा। चेहरे पर ताजे नीबू को मलने से भी झाइयों में लाभ होता है। चेहरे पर झाइयां तेज धूप पड़ने के कारण भी हो जाती हैं। अतः तेज धूप से जहां तक हो सके चेहरे को प्रभावित न होने दें। 


सेब खाने और सेब का गूदा चेहरे पर मलने से भी झाइयां दूर होती हैं। रात को नींद न आने से भी चेहरे पर झाइयां पड़ जाती हैं, जिन्हें दूर करने के लिए रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह धोएं।


तदुपरांत एक चम्मच मलाई में तीन या चार बादाम पीसकर दोनों का मिश्रण बना लें, फिर इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें और सो जाएं। प्रातः उठकर बेसन से चेहरे को धो लें।

बालों को झडऩे से रोकने के लिए

 बालों को झडऩे से रोकने के लिए


बालों का झडऩा ऐसी समस्या है, जो किसी को भी तनाव में डाल सकती है। आज हर दूसरे व्यक्ति को बालों की समस्या से जूझना पड़ता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो नीचे दिए आयुर्वेदिक फंडे एक बार जरूर अपनाएं।


• नारियल के तेल में कपूर मिलाएं और यह तेल अच्छी तरह बालों में तथा सिर पर लगाएं। कुछ ही दिनों डेंड्रफ की समस्या से राहत मिलेगी।

• सामान्यत: सभी के यहां शहद आसानी से मिल जाता है। शहद के औषधीय गुण सभी जानते हैं। शहद की तासीर ठंडी होती है और यह कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम है। शहद से बालों का झडऩा भी रोका जा सकता है।

• बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गरम पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झडऩे की समस्या दूर हो जाएगी।


• दालचीनी और शहद के मिश्रण काफी कारगर रहता है। आयुर्वेद के अनुसार इनके मिश्रण से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। त्वचा और शरीर को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने के लिए इनका उपयोग करना चाहिए।


• नियमित रूप से नारियल पानी पीएं। अमरबैल को नारियल तेल में उबालकर बालों में लगाएं।

• अमरबैल डालकर नहाने के लिए पानी उबाले और उसे उबालकर एक चौथाई करके सिर में डालें।

• अगर आप नशीले पदार्थों का सेवन या धुम्रपान करते हैं तो बंद कर दें। बाल झडऩा जल्द ही कम हो जाएंगे।

• अधिक से अधिक पानी पीएं और चाय व कॉफी का सेवन कम कर दें।

• आयुर्वेद में बालों की मालिश को आवश्यक माना गया है। ऐसे में नारियल तेल या बादाम के तेल से सिर की अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए।

• सरसो के तेल में मेहंदी की पत्तियां डालकर गर्म करें। ठंडा कर के बालों में लगाएं, इससे बालों का झडऩा रूक जाएगा।

एलोवेरा का ऐसे उपयोग करेंगे तो बाल नहीं झड़ेंगे

ऐलोवरा में कई रोगों के निवारण गुण कूट-कूट कर भरे हैं। जलने पर, अंग कहीं से कटने पर, अंदरूनी चोटों पर एलोवेरा अपने एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण के कारण घाव को जल्दी भरता है।

यह रक्त में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी ए़िड़यों के लिए यह लाभप्रद है। एलोवेरा बालों के लिए संजीवनी के समान काम करता है। एलोवेरा के फायदे बहुत हैं। यह ना सिर्फ आपके बालों को खूबसूरत और चमकदार बनाता है बल्कि बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बालों में जान डालने के लिए भी कारगर है। बालों को खूबसूरत बनाने के लिए एलोवरा जेल को सिर में लगाएं और आधे घंटे रखने के बाद सिर धो लें । एलोवेरा जेल से बालों में चमक तो आती ही है साथ ही बालों की जड़े मजबूत होती हैं व गंजेपन व बहुत अधिक बाल झड़ने की समस्या भी समाप्त हो जाती है।

आंखों के नीचे काले धब्बे

 आंखों के नीचे काले धब्बे


आंखों के नीचे काले धब्बे होना आम समस्या है कम सोने, अधिक थकान होने, कमजोरी अथवा किसी बीमारी के कारण होते है । प्राय: नींद न आने की बीमारी के कारण होते हैं और उनकी आंखों पर काले धब्बे पड़ जाते है । नींद लेना स्वास्थ्य के लिये आवश्यक है । यदि आपको नींद नही आती, आप को थकावट रहती है तो रोज सुबह घर में ही एक्ससाइज करनी चाहिये ।


 आंखों की चारों तरफ की त्वचा बड़ी नाजुक होती है । इसलिये सौन्दर्य प्रसाधन लगाते समय बड़ी सावधानी बरतनी चाहिये । सोने से पहले त्वचा को नमी देने वाली क्रीम या लोशन इस्तेमाल करनी चाहिये । रूई के फोहे को आंखों के इर्द-गिर्द लगाएं । आंखों के लिये बादाम क्रीम सबसे उपयुक्त होती है । इससे रंग भी साफ होता है और साथ ही त्वचा का पोषण होता है। कोई भी सौन्दर्य-प्रसाधन  तत्व आंखों वाले क्षेत्र पर ज्यादा देर नहीं लगाना चाहिये । चेहरे पर लगाया जाने वाला लेप आंखों के आसपास नहीं लगाना चाहिये । आंखों पर खीरे का रस, आलू का रस तथा गुलाबजल को रूई के फोहे में भिगोकर आंखों पर रखना चाहिये ।

मस्सों का प्रभाव

 मस्सों का प्रभाव


यह त्वचा पर छोटी-छोटी उभरी हुई काली-काली फुंसिया होती है इनकी सतह खुरदरी होती है। यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है । परंतु हाथों और चेहरे पर हो जाएं तो भद्दी लगती है।  विशेष रूप से यह त्वचा में विषैले कीटाणु घुसने से पैदा होती है। और त्वचा पर बुरा प्रभाव डालती है। कई बार एक ही जगह पर बहुत से मस्से निकल आते है । जिन्हें देखने में घृणा आती है ।  इसके कई इलाज है परंतु यह नहीं कहा जा सकता कि इससे ये फिर से पैदा नहीं होंगे । इन्हें हाथ से खींच कर नहीं निकालना चाहिये । सौन्दर्य-विशेषज्ञ से इनके संबंध में परामर्श करें तो ठीक रहेगा ।


इन मस्सों को रोकने के लिये जिस वस्तु का प्रयोग किया जाता है। उससे इन तक रक्त संचार होना बंद हो जाता है । इन मस्सों पर एक बारीक मजबूत धागा बांधा जाता है । जिससे यह सूख जाते है । और अंत में इन्हें किसी छोटी आरी या ब्लेड से काट दिया जाता है । फिर अच्छी मेडीकेटेड क्रीम या एन्टी सैप्टिक क्रीम लगाने की सलाह दी जाती है ।

ब्यूटी फेस पैक

 ब्यूटी फेस पैक


धूप से हुई सांवली त्वचा में फिर से निखार लाने के लिए नारियल पानी, कच्चा दूध, खीरे का रस, नींबू का रस, बेसन और थोड़ा-सा चंदन का पावडर मिलाकर उबटन बनाएँ। इसे नहाने के एक घंटे पहले लगा लें। सप्ताह में दो बार करें। सांवलापन खत्म होगा, त्वचा स्निग्ध होकर उजली होने लगेगी। 


यदि चेहरे पर चेचक, छोटी माता या बड़ी फुंसियों के दाग रह गए हैं तो दो पिसे हुए बादाम, दो चम्मच दूध और एक चम्मच सूखे संतरों के छिल्कों का पावडर मिलाकर आहिस्ता-आहिस्ता फेस पर मलें और छोड़ दें। 


शहद में कुछ मात्रा में केसर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इस लेप को आंखों के नीचे के काले घेरों पर लगाएं। अरंडी का तेल आंखों के आसपास के काले घेरे पर लगाने से काले घेरे समाप्त होते हैं। आलू के रस को आंखों के आसपास लगाने से आंखों के काले घेरे साफ होते हैं।

हेल्दी स्किन के लिए

 हेल्दी स्किन के लिए


यदि आपकी त्वचा तैलीय या सामान्य है , तो इस ठंडे मोसम का उस पर विशेष प्रभाव नहीं पडेगा , पर रूखी या शुष्क है , तो आपको इस मोसम में अतिरिक्त देख – रेख की जरूरत पड़ेगी ही । इस दिनों ठंडी हवाओं से त्वचा फट जाती है या शुष्क हो जाती है । सबसे ज्यादा चेहरे की त्वचा ही प्रभावित होती है । त्वचा की नमी बनाए रखना मुश्किल नहीं है । आप मोसम के अनुसार फेशियल करके इसे मोसम के कुप्रभावों से बच सकती है । इन दिनों फेशियल कैसे करें और किन चीजों का इस्तेमाल करें ,


चलिए जानते है …


सबसे पहले चेहरे की त्वचा को क्लींजिंग मिल्क से साफ करके पानी से धो लें । अब बराबर मात्रा में ग्लिसरीन और गुलाब जल मिलाकर उससे चेहरे की हल्की मालिश करें । गर्दन की हल्की मालिश पर हाथ थोड़े सख्ती से ऊपर की तरफ चलाएं । ठोडी की मालिश हाथों को बाहर ले जाते हुए करें ।


गालों पर गोलाई से मालिश करते हुए हाथ नीचे से ऊपर की और ले जाएं । इस प्रक्रिया से रक्त संचार बढेगा और गलों का गुलाबीपन  बना रहेगा । ललाट या माथे पर मालिश करते समय लेफ्ट से राइट की तरफ हाथों को थोड़ा टेढा करके चलाएं ।  आँखों की नजाकत का ध्यान रखते हुए उँगलियों को गोलाई  से इस तरह घुमाएं की ग्लिसरीन आँखों में न जाने पाएं , क्योंकी आँखों में यह जलन पैदा कर सकती है ।


ग्लिसरीन की मालिश होठों केलिए सर्दियों में जरूरी है । इससे सूखी त्वचा नाम हो जाती है और फेट होठों को राहत मिलती है । होठों की मालिश एक बार बाई और फिर एक बार दाई ओर से करें । नाक के लिए भी यह बेहतरीन मसाज है । इससे नाक की कठोर त्वचा भी मुलायम होकर चमकने लगेगी ।


सर्दियों में केवल यह मसाज दिन में समय मिलने पर दो – तीन बार आपने कर ली तो आपकी त्वचा की चमक देखने लायक होगी और इसका असर त्वचा पर स्थायी होगा ।


इन दिनों लगने वाले फेस पैक भी थोड़े अलग होते है । सबसे अच्छा पैक लाल चंदन के पाउडर का माना जाता है ।इसमें ताजी मलाई इतनी मात्रा में मिलाएं की गढ़ा पेस्ट बन जाए ।इस पेस्ट को नीचे से ऊपर की ओर गोलाई में हाथ चलाते हुए गर्दन और पूरे चेहरे पर लगाएं । पंद्रह – बीस मिनट बाद हल्के गरम पानी से धो लें । इससे त्वचा का रूखापन दूर हो जाएगा ।


शुष्क त्वचा होने पर बादाम के तेल में नींबू के रस की दो – तीन बूंद डालें और चंदन का पाउडर मिक्स करें । इसे चेहरे पर लगाएं । पांच – सात मिनट बाद हल्के हाथों से रगड़ते हुए उतार लें और हल्के गरम पानी से चेहरा धो लें । बादाम का तेल न हो तो मलायुक्त दूध भी काम में ले सकते है । इससे त्वचा की कोमलता बढ़ेगी और साथ ही सांवलापन भी ख़त्म होगा ।


त्वचा के तैलीय होने पर शहद में बेसन मिलाकर हल्के हाथों से चेहरे पर मलें और बाद में धो लें ।बेसन अतिरिक्त तेल को ख़त्म करेगा और शहद त्वचा के ढीलेपन को ख़त्म करके कसाव लाएगा । त्वचा की चमक भी शहद बनाए रखेगा ।


आप अधिक देर धूप में रहते है , तो रंगत पर असर होती ही है । ऐसी त्वचा पर कच्छा दूध और नीबू का रस रूई में लेकर धीरे – धीरे मलें । इससे त्वचा अपने असली रंग में आ आएगी । फिर पैक इस्तेमाल करें ।


समय न होने पर बादाम , जैतून , तिल या सरसों के तेल से मालिश करके हल्के गरम पानी में भिगोए निचुड़े तैलिए से त्वचा पर शुष्क हवावों का असर नहीं होगा और वह चिकनी व मुलायम बनी रहेगी ।

नेचुरल ब्यूटी

 नेचुरल ब्यूटी


स्त्रियों के लिए पालक का शाक अत्यंत उपयोगी है। महिलाएँ यदि अपने मुख का नैसर्गिक सौंदर्य एवं रक्तिमा (लालिमा) बढ़ाना चाहती हैं, तो उन्हें नियमित रूप से पालक के रस का सेवन करना चाहिए। 


प्रयोग से देखा गया है कि पालक के निरंतर सेवन से रंग में निखार आता है। इसे भाजी (सब्जी) बनाकर खाने की अपेक्षा यदि कच्चा ही खाया जाए, तो अधिक लाभप्रद एवं गुणकारी है। पालक से रक्त शुद्धि एवं शक्ति का संचार होता है। 


पालक को मिक्सी में पुदीना के साथ पीस कर मसाज करने से त्वचा में गुलाबी चमक आती है। पीसी हुई पालक बालों के लिए भी उपयोगी है। रोज पालक का ज्यूस पीने से बाल बढ़ते हैं।

मुँहासों के दाग

 मुँहासों के दाग


सफेद मुहांसे से भी काले मुँहासों की तरह त्वचा में चिकनाई जम जाने के कारण होते है । इन काले और सफेद मुँहासों में अंतर यह है कि जहां की त्वचा मुलायम और चिकनी होती है वहां रोम छिद्रों में चिकनाई बाहर नहीं निकल पाती इसलिये अंदर ही अंदर वह पस के रूप में बाहर की तरफ उभर आती है । जो ऊपर की तरफ से सफेद तथा नीचे से काले मुँहासों की तरह दिखाई देती है । अधिक चिकनी त्वचा के लिये यह अधिक परेशानी पैदा करती है । इन्हें समाप्त करने के लिये बाजार में उपलब्ध सौन्दर्य प्रसाधन व कुछ घरेलू नुसख़े काम में लाये जा सकते है।


चेहरे को पानी से अच्छी तरह धोकर साफ तौलिये से पोंछ लें और फिर सल्फर लोशन लगाएं । इसके बाद गर्म पानी में तौलिया भिगोकर चेहरे को भाप दें। इस उपाय को करने से त्वचा के बंद छिद्र खुल जायेंगे तथा इसके साथ-साथ आप विटामिन बी. सी की गोलियों का सेवन भी करते रहें ।

सफेद दाग

 सफेद दाग


शरीर पर सफेद दाग होना वास्तव में त्वचा का एक क्रियाशील विकार है। ऐसी स्थिति में सफेद दाग को कुष्ठ रोग भी कहते है ।और डॉक्टरी भाषा में ल्यूकोडर्मा कहते है। यह कोई छूत का रोग नहीं है त्वचा में मौजूद मेलनिन तत्व नष्ट होने पर उस स्थान की त्वचा सफेद पड़ जाती है । और यह सफेद दाग महिलाओं के लिये अभिशाप बन जाते हैं  । इस दाग का संबंध शरीर की त्वचा के रंग पर निर्भर होता है । गहरे रंग की त्वचा पर दाग व धब्बे अधिक होते है । क्योंकि सांवली त्वचा में मेलनिन तत्व अधिक होते हैं । यह बात हम आपको अच्छी तरह से बता दें कि सफेद दाग होना कोई वंशानुगत या कुष्ठ रोग नहीं है । सफेद दाग को फैलने से रोकने के लिये दाग वाली त्वचा का रूप ले लेती है । और श्रृंगार द्वारा भी यह दाग अस्थाई रूप से छिपाये जा सकते है ।

चमकदार आंखों के लिए

 चमकदार आंखों के लिए


सुबह उठते ही प्रतिदिन ठंडे पानी से आंखें धोनी चाहिए। अथवा त्रिफला या नीम की पत्ती रात में पानी में भिगो दें, इस पानी को छानकर आंखें धोने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। 


सरसों के तेल से बना काजल लगाने और गुलाबजल का फाहा आंखों पर रखने से आंखें स्वच्छ रहती है। अधिक देर तक पढ़ते-लिखते रहने से आंखें दुखने लगती है। बीच-बीच में अपनी हथेलियों को हल्के से आंखों पर रखें। 


आंखों को बार-बार ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, तिरछा और गोल घुमाकर आंखों का व्यायाम करें। हरी ताजी सब्जियां, गाजर, चुकंदर व दूध से बने पदार्थ घी आदि के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

मंगलवार, 25 नवंबर 2025

श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया)

 श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) 


परिचय- स्त्रियों के गर्भाशय की आवरक-झिल्ली से, गर्भाशय के अन्दर से और गर्भाशय के मुंह से अक्सर अलग-अलग रंगों का स्राव निकलता है जैसे सफेद, पीला, नीला, दूध की तरह, धुले हुए मांस के पानी की तरह, गाढ़ा और काले रंग का इसी को प्रदर कहा जाता है। अगर प्रदर साधारण तौर पर आता है तो वह सफेद रंग का ही होता है। छोटी उम्र की बच्चियों को गंडमाला (गले की गांठे) होने के कारण भी यह रोग हो जाया करता है। इस रोग की समय पर चिकित्सा न होने के कारण से गर्भाशय से ज्यादा मात्रा में पीब की तरह का स्राव होने लगता है जिसके कारण रोगी स्त्री की योनि के अन्दर और मुंह पर जख्म सा हो जाता है।


लक्षण- प्रदर रोग के लक्षणों में रोगी स्त्री को पेट में कब्ज पैदा हो जाती है, सिर में दर्द रहता है, पेट फूल जाता है, पाचनक्रिया खराब हो जाती है, चेहरा मुरझाया हुआ सा लगता है।


कारण- प्रदर रोग अक्सर ठण्ड लगने के कारण, साफ-सफाई ना रखने, ज्यादा मसालेदार भोजन करने से, तबीयत खराब रहने से, ज्यादा संभोगक्रिया करने से, बीच-बीच में ज्यादा खून आने के कारण, गर्भाशय में कोई उत्तेजक पदार्थ रहने, बार-बार गर्भपात कराने आदि कारणों से हो जाता है। गंडमाला के रोगी और श्लेष्मा-प्रधान स्त्रियों को यह रोग ज्यादा हुआ करता है।


चिकित्सा:


1. आंवला: आंवले को सुखाकर अच्छी तरह से पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसी बने चूर्ण की 3 ग्राम मात्रा को लगभग 1 महीने तक रोज सुबह-शाम को पीने से स्त्रियों को होने वाला श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट हो जाता है।


2. झरबेरी: झरबेरी के बेरों को सुखाकर रख लें। इसे बारीक चूर्ण बनाकर लगभग 3 से 4 ग्राम की मात्रा में चीनी (शक्कर) और शहद के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम को प्रयोग करने से श्वेतप्रदर यानी ल्यूकोरिया का आना समाप्त हो जाता है।


3. नागकेशर: नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।


4. रोहितक: रोहितक की जड़ को पीसकर पानी के साथ लेने से श्वेतप्रदर के रोग में लाभ मिलता है।


5. केला: 2 पके हुए केले को चीनी के साथ कुछ दिनों तक रोज खाने से स्त्रियों को होने वाला प्रदर (ल्यूकोरिया) में आराम मिलता है।


6. गुलाब: गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखा लें, फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह और शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) से छुटकारा मिलता है।


6. मुलहठी: मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी नष्ट हो जाती है।


7. शिरीष: शिरीष की छाल का चूर्ण 1 ग्राम को देशी घी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।


8. बला: बला की जड़ को पीसकर चूर्ण बनाकर शहद के साथ 3 ग्राम की मात्रा में दूध में मिलाकर सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ प्राप्त होता है।


9. बड़ी इलायची: बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।


10. ककड़ी: ककड़ी के बीज, कमल, ककड़ी, जीरा और चीनी (शक्कर) को बराबर मात्रा में लेकर 2 ग्राम की मात्रा में रोजाना सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।


11. जीरा: जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।


12. चना: सेंके हुए चने पीसकर उसमें खांड मिलाकर खाएं। ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीयें, इससे श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) गिरना बंद हो जाता है।


13. जामुन: छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।


14. धाय :


स्त्रियों के श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में धातकी (धाय) के फूलों का चूर्ण 2 चम्मच लगभग 3 ग्राम शहद के साथ सुबह खाली पेट व सायंकाल भोजन से एक घंटा पहले सेवन करने से लाभ होता है। 

धातकी के फूलों का चूर्ण और मिश्री 1-1 चम्मच की मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से दूध या जल के साथ कुछ समय तक सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है। 


15. दूधी: 2 ग्राम दूधी की जड़ को पीसकर और छानकर दिन में 3 बार पिलाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) और रक्तप्रदर नष्ट होता है।


16. फिटकरी: चौथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी से रोजाना 3 बार फंकी लेने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें।


17. ककड़ी: ककड़ी के बीजों का गर्भ 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से स्त्रियों का श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।


18. गाजर: गाजर, पालक, गोभी और चुकन्दर के रस को पीने से स्त्रियों के गर्भाशय की सूजन समाप्त हो जाती है और श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग भी ठीक हो जाता है।


19. मेथी:


मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है। 

रात को 4 चम्मच पिसी हुई दाना मेथी को सफेद और साफ भीगे हुए पतले कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर जननेन्द्रिय में रखकर सोयें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है और आराम मिलता है। 

मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से श्वेतप्रदर से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। 

गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से प्रदर बंद हो जाता है। 


20. ईसबगोल: ईसबगोल को दूध में देर तक उबालकर, उसमें मिश्री मिलाकर खाने से श्वेत प्रदर में बहुत लाभ होता है।


21. सफेद पेठा: औरतों के श्वेत प्रदर (जरायु से पीले, मटमैले या सफेद पानी जैसा तरल या गाढ़े स्राव के बहने को) रोग (ल्यूकोरिया), अधिक मासिक का स्राव (बहना), खून की कमी आदि रोगों में पेठे का साग घी में भूनकर खाने या उसके रस में चीनी को मिलाकर सुबह-शाम आधा-आधा गिलास पीने से आराम मिलता है।


22. गूलर:


रोजाना दिन में 3-4 बार गूलर के पके हुए फल 1-1 करके सेवन करने से लाभ श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में मिलता है 

मासिक-धर्म में खून ज्यादा जाने और गर्भाशय में पांच पके हुए गूलरों पर चीनी डालकर रोजाना खाने से लाभ मिलता है। 

गूलर का रस 5 से 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर महिलाओं को नाभि के निचले हिस्से में पूरे पेट पर लेप करने से महिलाओं के श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में आराम आता है। 

1 किलो कच्चे गूलर लेकर इसके 3 भाग कर लें। एक भाग कच्चे गूलर उबाल लें। उनको पीसकर एक चम्मच सरसों के तेल में फ्राई कर लें तथा उसकी रोटी बना लें। रात को सोते समय रोटी को नाभि के ऊपर रखकर कपड़ा बांध लें। इस प्रकार शेष 2 भाग दो दिन तक और बांधने से श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है। 


23. गुलाब: श्वेतप्रदर, पेशाब में जलन हो तो गुलाब के ताजे फूल और 50 ग्राम मिश्री दोनों को पीसकर, आधा गिलास पानी में मिलाकर रोजाना 10 दिनों तक पीने से लाभ मिलता है।


24. कुलथी: श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में 100 ग्राम कुलथी 100 मिलीलीटर पानी में उबालकर बचे पानी छानकर पीने से लाभ मिलेगा।


25. नीम:


नीम की छाल और बबूल की छाल को समान मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर, इसके चौथाई भाग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम को सेवन करने से श्वेतप्रदर में लाभ मिलता है। 

कफज रक्तप्रदर (खूनी प्रदर) पर 10 ग्राम नीम की छाल के साथ समान मात्रा को पीसकर 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक दिन में 3 बार खुराक के रूप में पिलायें। 


26. लोध: लोध और वट के पेड़ की छाल मिलाकर काढ़ा बना लें। 2 चम्मच की मात्रा में यह काढ़ा रोजाना सुबह-शाम कुछ दिनों तक पीने से श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में लाभ होता है।


27. बबूल:


बबूल की 10 ग्राम छाल को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब यह 100 मिलीलीटर शेष बचे तो इस काढ़े को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीने से और इस काढे़ में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर योनि में पिचकारी देने से योनिमार्ग शुद्ध होकर निरोगी बनेगा और योनि सशक्त पेशियों वाली और तंग होगी। 

बबूल की 10 ग्राम छाल को लेकर उसे 100 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगोकर उस पानी को उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर बोतल में भर लें। लघुशंका के बाद इस पानी से योनि को धोने से प्रदर दूर होता है एवं योनि टाईट हो जाती है। 


28. बकायन: बकायन के बीज और श्वेतचन्दन समान मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर उसमें बराबर मात्रा में बूरा मिलाकर 6 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्युकोरिया) में लाभ मिलता है।


29. अर्जुन की छाल: महिलाओं में होने वाले श्वेतप्रदर और पेशाब की जलन को ठीक करने के लिए अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

बुधवार, 19 नवंबर 2025

बेर के फायदे

 

बेर के फायदे

बेर के फायदे


बेर एक मौसमी फल है यह एक ही मौसम मे होता है। जब यह कच्चा होता है हरे रंग का होता है और जब यह पक जाता है तो यह लाल और हल्का भूरे रंग का हो जाता है। यह खाने मे काफी स्वादिस्ट होता है। बेर को चीनी खजूर भी कहा जाता है क्योकि यह चीन मे कई प्रकार की दवाइयाँ बनाने मे उपयोग होता है। संतरे और नींबू की ही तरह बेर में भी विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बेर में अन्य फलों के मुकाबले विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा मात्रा में होते हैं। इसमें विटामिन सी की मात्रा खट्टे फलों से 20 गुना तक अधिक होती है।

बेर में कई प्रकार के पोषक तत्व, विटामिन और लवण पाए जाते हैं। बेर एनर्जी का एक बहुत अच्छा स्रोत है। पौष्टिक तत्वों से भरपूर बेर का फल हमें चुस्त-दुरूस्त बनाए रखता है। हांलाकि बरे में बहुत कम मात्रा में कैलोरी पाई जाती है। इस फल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं, जो कई बिमारियों से छुटकारा पाने में मदद करता है।

बेर के औषधीय गुण

बेर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन C, विटामिन A और पोटैशियम पाया जाता है। ये रोग प्रतिरक्षा तंत्र को बेहतर बनाने का काम करता है।


बेर एंटी-ऑक्सीडेंट्स का खजाना है। लीवर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए भी यह एक फायदेमंद विकल्प है।


बेर खाने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका कम हो जाती है।


बेर खाने से बार-बार प्यास लगने की शिकायत खत्म हो जाती है।


पाचन संबंधी रोगों के लिए बेर रामबाण है।


बेर का जूस खांसी, फेफड़ों तथा बुखार से दूर रखता है।


पेट दर्द तथा अपच की शिकायत होने पर बेर का काली मिर्च और नमक के साथ सेवन करें। ऐसा करते ही तरंत राहत मिलती है।


बेर खाने से त्वचा की चमक लंबे समय तक बरकरार रहती है। इसमें एंटी-एजिंग एजेंट भी पाया जाता है.


अगर आप कब्ज की समस्या से जूझ रहे हैं तो बेर खाना आपको फायदा पहुंचा सकता है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है।


बेर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। यह दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।


बेर को सुखाकर उसका बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर का सेवन से कफ की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।


जिसको अनिद्रा की समस्या होती है, यानि देर रात तक नींद नहीं आती है तो आप बेर जरूर खाएं। इस फल में मौजूद एमिनो एसिड बॉडी में प्रोटीन की मात्रा को संतुलित करता है।


शहतूत के फायदे

 

शहतूत के फायदे

शहतूत के फायदे


शहतूत एक छोटा फल है जो आमतौर पर लाल रंग अलावा सफेद, काला और बैंगनी रंग का भी होता है। यह स्वाद में अंगूर की तरह मीठा होता है और इसे सुखाकर भी खाया जा सकता है। शहतूत को अंग्रेजी में मूलबेरीऔर आम बोलचाल की भाषा में शहतूत कहा जाता है। मई के महीने में शहतूत पूरी तरह से पक जाता है और पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही यह बहुत स्वादिष्ट होता है।

शहतूत का फल खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना सेहतमंद भी। आयुर्वेद में शहतूत के ढेरों फायदों का बखान है। शहतूत में पोटैशियम, विटामिन ए और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शहतूत एक ऐसा फल है जिसे कई लोग कच्चा ही खाना पसंद करते हैं और कुछ पक जाने पर।  कुछ फल ऐसे होते हैं जो शरीर के कई विकारों को दूर करने में बहुत उपयोगी होते हैं। शहतूत भी एक ऐसा ही फल है। इसमें कई पोषक एवं खनिज तत्व पाये जाते हैं, जिसके कारण यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें फाइबर अधिक पाया जाता है जो पेट के लिए फायदेमंद होता है।

शहतूत के औषधीय गुण

शहतूत खाने से पाचन शक्ति अच्छी रहती है। ये सर्दी-जुकाम में भी बेहद फायदेमंद है।


गर्मियों में शहतूत के सेवन से लू लगने का खतरा कम हो जाता है।


शहतूत खाने से लीवर से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है।


शहतूत  शरीर में शुद्ध खून को पैदा करता है, पेट के कीड़ो को समाप्त करता है |


शहतूत पाचन शक्ति को बढ़ाता है, और ज़ुकाम और गले के रोगों के लिए लाभदायक है |


शहतूत खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है| ये बढ़ती उम्र के लक्षणों को जल्दी आने से भी रोकता है।


शहतूत में मौजूद विटामिन सी शरीर में बिमारियों को छूने नहीं देता है, जिससे इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है | इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर को मजबूती देते हैं |


शहतूत खाने से हमारे शरीर का रक्त चाप नियंत्रित रहता है | यह खून को शुद्ध करने में मदद करता है | इससे रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है, साथ ही यह दिल के दौरे जैसे बिमारियों जैसे समस्याओं से राहत पहुँचाता है |


शहतूत एक स्वादिष्ट मीठा नाजुक-नर्म फल है | इसमें अनेक ऐसे लाभदायक गुण हैं, जो कई बीमारियों में वरदान साबित हो सकते हैं। शहतूत में पाए जाने वाले रेजवर्टेरोल के बारे में माना जाता है, कि यह शरीर में फैले प्रदूषण को साफ करके संक्रमित चीजों को बाहर निकालता है।


जामुन के फायदे

 

जामुन के फायदे

जामुन के फायदे


जामुन एक मौसमी फल है। जो खाने में बहुत स्वादिष्ट होने का साथ-साथ कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। इसे कई नामों से भी जाना जाता है जैसे- ब्लैकबेरी, काला जामुन, राजमन है। इनका स्वाद थोडा कसैला होता है। जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता हैं। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही इसके कई औषधीय गुण भी हैं। जामुन अम्लीय प्रकृति का फल है पर यह स्वाद में मीठा होता है। जामुन में लगभग वे सभी जरूरी लवण पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। जामुन कम समय के लिए आने वाला लेकिन बेहद लाभदायक फल है। इसका सेवन करने से बॉडी की इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा कई गंभीर बीमारियों से भी बचाता है।

जामुन के औषधीय गुण

पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं ।


मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन एक रामबाण उपाय है। जामुन के बीज सुखाकर पीस लें। इस पाउडर को खाने से मधुमेह में काफी फायदा होता है।


जामुन में विटामिन सी प्रचुर मात्रा होती है। जिसका सेवन करने से शरीर से विटामिन सी की कमी नहीं होगी।


एसिडिटी की समस्या से छूटकारा पाने के लिए काले नमक में भुना जीरा मिलाकर पीस लें, और इसका जामुन के साथ सेवन करें।


जामुन दस्त के लिए काफी फायदेमंद है। दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधा नमक के साथ मिलाकर खाएं। आपको दस्त से आरम मिलेगा।


यदि आप अपने चेहरे पर ग्लोइग स्किन पाना चाहते है, जामुन के गूदे का पेस्ट को दूध में मिलाकर लगाने से निखार आता है। 


दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन विशेषतौर पर फायदेमंद होता है। इसके बीज को  पीस लीजिए। इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं ।


अगर आप गठिया की समस्या से पीडित है तो जामुन की छाल को खूब उबाल लें, और बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाए। इससे आपको लाभ मिलेगा।


जामुन में पाया जाने वाला ग्लूकोज और फ्रक्टोज के रूप में मिलने वाली शुगर आपके शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश भी करता है। जिससे शुगर कंट्रोल रहती है। डायबिटीज के रोगी जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर ठीक रहता है।


चेरी के फायदे

 

चेरी के फायदे

चेरी के फायदे


चेरी मानसून और गर्मियों का फल है। ये खट्टा-मीठा फल खाने में जितना टेस्टी होता है। सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। इसमें पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी और सी, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम, फॉस्फोरस शरीर को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। इन पोषक तत्वों की वजह से चेरी को सूपरफूड की श्रेणी में रखा जाता है। यही पोषक कई प्रॉबल्म को दूर करने में मददगार होता है। अगर रोज 10 चेरी खाई जाए तो आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।

दिखने में खूबसूरत चेरी का फल सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। दिखने में छोटा सा यह फल खट्टा मीठा होता है लेकिन इसके औशधीय गुण जानकार आप हैरान रह जायेंगे। इसके यही गुण के कारन इसे बादाम, खुमानी जैसे फलों की लिस्ट में रखा जाता है। चेरी कई सारे पौष्टिक तत्वों से भरपूर है जिसमे विटामिन A, B, C, कैल्शियम, फास्फोरस, पैंटोथेनिक जैसे तत्व शामिल हैं। यह फल एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर है जो शरीर से प्रभावी कणों को दूर करता है।

चेरी के औषधीय गुण

आंखों के लिए फायदेमंद: चेरी में विटामिन ए की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसको खाने से आंखों से सम्बंधितसमस्याएं नहीं होती। जिन लोगों को मोतियाबिंद की समस्या हो उनको रोजाना चेरी खानी चाहिए।

याद्दाशत बढाएं: चेरी में याद्दाशत बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। जिन लोगों को बातें या चीजें भूलने लगती हैं। उनके लिए चेरी खाना बहुत फायदेमंद होता है।

हड्डियां मजबूत: आजकल बहुत से लोगों को हाथों-पैरों की हड्डियों में दर्द होने या हड्डियां संबंधी कई प्रॉबल्मस होने लगती है। हड्डियों की समस्याओं से राहत पाने के लिए रोजाना चेरी खाएं।

अनिद्रा की समस्या से छुटकारा: चेरी में मेलाटोनिन की बहुत मात्रा होती है, जो अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाता है। रोजाना सुबह-शाम 1 गिलास चेरी का जूस पीने से अच्छी नींद आने लगेगी।

दिल को रखे हैल्दी: चेरी में आयरन, मैगनीज, जिंक, पोटेशियम आदि कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें बिटा कैरोटीन तत्व भी होता है जो दिल की बीमारी को दूर करने में मदद करता है।

वजन करें कंट्रोल: जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए चेरी किसी औषधि से कम नहीं है। चेरी में वसा की मात्रा बहुत कम पाई जाती है। इसके साथ 70 % पानी होता है जो घुलनशील फाइबर के लिए अच्छा होता है। रोजाना चेरी खाने वजन कंट्रोल में रहने के साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता।

ब्लड प्रैशर रखे ठीक: चेरी में पोटैशियम की मात्रा होती है जो शरीर में स्थित सोडियम की मात्रा कम कर देता है।  इस वजह से शरीर का रक्तचाप स्तर सामान्य हो जाता है। इसी के साथ कोलेस्ट्रोल का स्तर भी कंट्रोल में रहता है।

डायबिटीज में सहायक: रोजाना चेरी खाने से डायबिटीज की समस्या से राहत पाई जा सकती है। चेरी में पाए जाने वाले गुण चेहरे की रंगत को साफ करने से साथ ही शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को कम करके डायबिटीज के स्तर को कम करता है।

त्वचा में लाएं निखार: त्वचा को सॉफ्ट बनाने और रंगत निखारने के लिए चेरी का फल खाएं। आप चाहे तो चेरी का पेस्ट बनाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं। चेरी के पेस्ट को नियमित रूप से चेहरे पर लगाने से मृत कोशिकाएं हट जाती है। डैड सैल्स हटने से चेहरे पर निखार आने लगता है।

अच्छी नींद के लिए उपयोगी: चेरी में मेलाटोनिन भरपूर मात्रा में होता है। यह एक ऐसा कारक है जो शरीर में सोने और उठने की क्रिया को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद करता है। इसलिए चेरी अच्छी नींद के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।

पेट की चर्बी को कम करता है: पेट की चर्बी को कम करने के लिए भी चेरी का इस्तेमाल करना उपयोगी रहता है, क्योंकि चेरी में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। जो शरीर में वसा और ग्लूकोस की मात्रा को नियंत्रित करता है, जिससे चैरी मोटापा कम करने में काफी कारगर साबित होती है।

कीवी के फायदे

 

कीवी के फायदे

कीवी के फायदे


अपने सुंदर रंग और मीठे स्वाद के कारण किवी फल लोगों की पसंद बनता जा रहा है। यह स्वाद ही नही अपने में बहुत से पोषक तत्व और खनिजों को समेंटे हुए है। इसमें विटामिन C, विटामिन E, विटामिन K, फोलेट और पोटेशियम अच्छी मात्रा में होते है। कीवी फ्रूट को बहुत सारे एंटीऑक्सिडेंट के लिए भी जाना जाता है। इसका उपयोग हमारे लिए बेहद लाभकारी होता है। अपने इन गुणों के कारण यह हमरी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में हमारी मदद करता है।

कीवी लगभग हर मौसम में मिलने वाला फल हैं, जो मिलता तो है लेकिन काफी कम मात्रा में। यह फल देखने में भले कम आकर्षित लगे लेकिन हमारी अच्छी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। अगर शरीर में सेल्स की कमी हो जाए तो डॉक्टर कीवी फल को खाने की ही सलाह देते है। इसके अलावा और भी कई परेशानियों और बीमारियों में कीवी काफी फायदेमंद साबित होता है।

कीवी के औषधीय गुण

कोलेस्ट्रॉल लेवल के लिए उपयोगी: कीवी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके नियमित सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। दिल से जुड़ी कई बीमारियों में ये मुख्य रूप से फायदेमंद है।

आंखों के लिए है फायदेमंद: कीवी में ल्यूटिन पाया जाता है, जो हमारी त्वचा और टिशूज को स्वस्थ रखता है। कीवी के सेवन से आंखों की कई बीमारियां दूर रहती है। आंखों की ज्यादातर समस्याएं ऐसी हैं जो इन्हीं ल्यूटिन के नष्ट हो जाने के कारण पैदा होती हैं। इसके अलावा कीवी में भरपूर विटामिन ए पाया जाता है जो आंखों की रोशनी अच्छी रखता है।

दिल की बीमारियों से बचाव: कीवी में फाइबर भरपूर होता है जो दिल को स्वस्थ रखकर गंभीर बीमारियों से दूर रखता है। इसके सेवन से लिवर, स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक अन्य आदि कई गंभीर बीमारियों का खतरा टला रहता है।

सूजन कम करने में मददगार: कीवी में इन्फ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। ऐसे में अगर आपको अर्थराइटिस की शिकायत है तो कीवी का नियमित सेवन करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

कब्ज़ से राहत के लिए: कीवी में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। कीवी के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या में भी फायदा होता है। फाइबर की मौजूदगी से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।

वज़न घटाने में मददगार: किवी में कम ग्लाइसीमिक इंडेक्स और हाइ फ़ाइबर कंटेंट होता है। इस वजह से इंसुलिन रश नहीं होता और शरीर में चर्बी नहीं जमा हो पाती है।

इम्यूनिटी बढ़ाए: कीवी फ्रूट में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें: कीवी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड प्रैशर भी कंट्रोल में रहता है। कीवी के सेवन से शरीर में सोडियम का लेवल कम होता है और कार्डियोवस्कुलर रोगों से बचाव होता है। इसके अलावा कीवी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे सूजन की समस्या दूर रहती है।

खजूर के फायदे

 

खजूर के फायदे

खजूर के फायदे


खजूर एक ऐसा फल है, जो आपकी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा है। इसमें ढेरों पोषक तत्व पाए जाते है। खजूर एक तरह का मेवा होता है। खजूर में आयरन, मिनरल्स, कैल्शियम, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस और विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सेहत के साथ स्किन और बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। ग्लूकोज और फ्रक्टोज का खजाना खजूर मधुमेह में सहायक होने के साथ ही इम्यून पावर को भी बूस्ट करता है। खजूर का सेवन दिल से जुड़ी समस्याओं से बचाव करने में बहुत मददगार साबित होता है।

खजूर के पेड़ों की खेती सदियों से की जा रही है। खासतौर से मध्य पूर्व के देशों में तो खजूर हमेशा से भोजन का अहम हिस्सा रहा है। खजूर की खासियत यह है कि इसे आप फ्रेश भी खा सकते हैं और सुखाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक खजूर की लंबाई तीन से सात सेंटीमीटर तक हो सकती है। जहां पके हुए खजूर का रंग गहरे पीले और लाल रंग का होता है वही सूखा खजूर ज्यादातर भूरे रंग का होता है। मिठास के आधार पर खजूर को तीन हिस्सों में बांटा जाता है- नरम खजूर, हल्का सूखा खजूर और पूरी तरह से सूखा हुआ खजूर।

खजूर के औषधीय गुण

खजूर में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज, फ्रक्टोज और सुक्रोज पाया जाता है। इसलिए तुरंत ताकत के लिए इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। दो से चार खजूर खाने से भी आपको तुरंत ही एनर्जी मिल जाएगी।


खजूर में मौजूद लवण हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। इसमें कैल्शयिम, सेलेनियम, मैगनीज और कॉपर की मात्रा होती है। इनसे हड्डियों को मजबूती मिलती है.


खजूर त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। खजूर खाने से चेहरे पर उभर आने वाली महीन रेखाएं समाप्त हो जाती हैं और त्वचा पर निखार आता है।


खजूर में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। जो शरीर में खून की कमी को दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है।


खजूर में मौजूद विटामिन बी बालों को मजबूत बनाते हैं। इसके नियमित सेवन से झड़ते बालों की समस्या दूर हो जाती है।


अगर आप अंडरवेट हैं तो खजूर का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें शुगर, विटामिन और कई जरूरी प्रोटीन होते हैं जो वजन बढ़ाने का काम करते हैं।


खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो आपके पाचन तंत्र की सफाई करने के काम आता है। अगर पाचन ठीक रहेगा तो कब्ज की शिकायत भी नहीं होगी।


खजूर में मौजूद फाइबर आपके दिल को भी मजबूत और सेहतमंद बनाने का काम करते हैं। खजूर में पोटैशियम भी होता है जो हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक टाल सकता है।  


ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का भी काम करता है। खजूर में मौजूद पोटैशियम अधिक ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है।


खजूर में फ़्लोरिन पाया जाता है, जो दांतों से प्लॉक हटाकर कैविटी नहीं होने देता। यही नहीं यह टूथ इनेमल यानी कि दंतवल्क को भी मजबूती देता है। 


जिन लोगों को अपच या कब्ज की समस्या है उन्हें खजूर खाने की सलाह दी जाती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स होते हैं, जिससे पाचन क्रिया सही बनी रहती है। हर रात चार खजूर पानी में डालकर रख दीजिए और सुबह उठकर इसे खाइए। आपको कुछ ही वक्त में फायदा नजर आने लगेगा।


तरबूज के फायदे

 

तरबूज के फायदे

तरबूज के फायदे


गर्मियों का मौसम शुरू होते ही तरबूज खाना शुरू हो जाता है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में तरबूज का सेवन बहुत लाभकारी होता है। तरबूज जोकि बाहर से देखने में थोड़ा कड़क और अंदर से एकदम नरम होता है, जिसमें पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। तरबूज मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन फाइबर और विटामिन जिसमें A, B और C पाए जाते हैं। यह मिनरल का अच्छा स्रोत माना जाता है। तरबूज खाने से आपको ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ गर्मी से राहत प्राप्त होगी क्योंकि तरबूज शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसमें बीटा केरोटिन के साथ साथ एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। तरबूज में आयरन कैल्शियम मैग्नीशियम फास्फोरस और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज तत्व मौजूद होते हैं जो आपको कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।

तरबूज के औषधीय गुण

वजन घटाने में लाभदायक: तरबूज में सिट्रयूलाइन नमक तत्व होता है, जो शरीर में फैले वसा को कम करने में मदद करता है। यह वसा की मात्रा को बढ़ोतरी देने वाले कोशिकाओं को कम करता है। तरबूज में पानी की अधिकता होने के कारण यह डाइटिंग में वजन कम करने का अच्छा स्रोत हो सकता है।

पाचन नियमित्ता और कब्ज़ रोकथाम: तरबूज पानी और फाइबर सामग्री में उच्च होने के कारण कब्ज को रोकने और स्वस्थ पाचन तंत्र की नियमितता को बढ़ावा देने में मदद करता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाये: तरबूज में मौजूद विटामिन A और विटामिन C सेहत के लिए कभी लाभदायक होते हैं। विटामिन C की मात्रा होने से यह हमारे शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, साथ ही विटामिन A होने के नाते आँखों को स्वस्थ और नजर में तीखा बनता है।

शरीर को हाइड्रेट रखता है: तरबूज में 94% पानी होता है, तो यह शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति तो करेगा ही, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है। इसमें मौजूद सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम शरीर एवं त्वचा को हाइड्रेट रखने मदद करते हैं। जितना ज्यादा पानी पिओगे शरीर को निरोगी पाओगे।

आँखों के लिए फायदेमंद: अगर आप नियमित रूप से तरबूज का सेवन करेंगे तो, अपनी आँखों को स्वस्थ और नजर में ज्यादा पाओगे। क्यूंकि तरबूज में मौजूद बीटा कैरोटीन और विटामिन A आँखों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस फल के सेवन करने से आप रतौंधी और मोतियाबिंद जैसे रोगों से बच सकते हो।

दिल को मजबूत रखे: दिल तब ही स्वस्थ और फिट रहता है, जब उसमे सही तरह से शुद्ध खून का संचार होता है। तरबूज में पोटेशियम नमक पोषक तत्व खून को साफ़ और सही तरीके से प्रवाह में मदद करता है। जिससे दिल स्वस्थ और बिना किसी घबराहट के चलता है। इससे आपको किसी भी प्रकार की डर नहीं रहती है।

ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल: तरबूज खाने वाले लोगो का ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल रहता है। तरबूज़ में 90 % पानी होने से ये शरीर की गर्मी को कम करता है। तरबूज़ में लाइकोपीन उच्च मात्रा में होता है जो दिल की बीमारी से बचाव में मदद कर सकता है।

उच्च रक्तचाप के लिए: तरबूज में पोटेशियम, मैग्नीशियम और एमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में होता है। जो हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने और ब्लड के प्रभाव को सही करने में मदद करता है। मोटे लोगों में उच्च रक्तचाप को नियंत्रण करने में तरबूज का सेवन सफल हुआ है। रोजाना एक गिलास तरबूज का जूस पीकर आप अपने हाई ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल कर सकते हैं।

त्वचा जवान रहती है: अगर आप अपनी त्वचा के कसाव को बरक़रार रखना चाहते हैं तो तरबूज का सेवन करें। क्यूंकि इसमें पानी की अधिकता और कैरिटोनॉयड्स एवं फ्लेवनॉयड्स नामक तत्व होते हैं, तो त्वचा को कसने में मदद करते हैं।

मांसपेशियों में मददगार: तरबूज में पोटेशियम अच्छी मात्रा में होता है, जो शरीर में नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों की सेहत के लिए जरूरी है। इसके सेवन से मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही तरबूज और तरबूज का रस मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है।

खरबूजे के फायदे

 

खरबूजे के फायदे

खरबूजे के फायदे


खरबूजा गर्मी से निजात दिलाने वाला एक शानदार फल है। इसमें भरपूर पानी, खनिज, विटामिन और फायबर होते हैं, जो इसे एक बहुत लाभदायक फल बनाते है। खरबूजा खाने के फायदे गर्मी के मौसम पानी की कमी को दूर करने और पोषक तत्वों को उपलब्ध कराने के लिए जाने जाते हैं। गर्मी का मौसम आते ही लोगों को तरबूज और खरबूज जैसे फलों आवश्यकता महसूस होने लगती है। खरबूज कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य फल है। खरबूजा खाने के फायदे वजन घटाने, मधुमेह, हृदय को स्वस्थ्य रखने, प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने, आंखों की दृष्टि बढ़ाने और गुर्दे की पथरी का इलाज करने के लिए होते हैं। इसके अलावा खरबूजा खाने के फायदे में शरीर में पानी की कमी को पूरा करना भी शामिल है जो हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है।

खरबूजे में 95 फीसदी पानी के साथ विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं। इससे शरीर को ठंडक तो मिलती ही है, साथ ही हृदय में जलन की परेशानी भी दूर होती है। वजन कम करने में भी खरबूजा काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें शुगर और कैलोरी की मात्रा ज्यादा नहीं होती है। साथ ही यह एंटी-ऑक्सीडेंट विटामिन C का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। यह दिल की बीमारी से भी बचाता है। इतना ही नहीं, खरबूजे से त्वचा को भी फायदा पहुंचता है। इसमें विटामिन A पाया जाता है, जो त्वाचा को स्वस्थ रखने में मददगार होता है।

खरबूजे के औषधीय गुण

खरबूजा शरीर में पानी की कमी की पूर्ति करता है साथ ही इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स आपको ऊर्जावान बना रखने में मदद करते हैं। यह आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखता है।


इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र को रोकने के साथ-साथ तनाव कम करने में भी मददगार है। यह आपकी त्वचा को जवां बनाए रखने के साथ-साथ मानसिक शांति भी देगा।


खरबूजे का नियमित रूप से सेवन, दिल के दौरे से आपको बचा सकता है। रक्त की नलिकाओं में रक्त के जमने या थक्का बनने से रोकने में यह कारगर उपाय है। इस तरह से आप दिल के दौरे से बच सकते हैं।


पाचन संबंधी समस्याएं होने पर भोजन के साथ या इसके अलावा खरबूजे को अपनी डाइट में शामिल करें। यह पाचन में सहायक होगा और कब्जियत की समस्या को दूर करेगा।


खरबूजे का सेवन या फिर इसके गूदे को चेहरे पर लगाना, त्वचा के लिए फायदेमंद है। इससे धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है और त्वचा में नमी बरकरार रहने के साथ ही ताजगी दिखाई देती है।


खरबूजे में मौजूद विटामिन A आपकी आंखों, त्वचा व बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें बीटा कैरोटीन भी पाया जाता है जो आंखों के लिए बेहद लाभप्रद है।


इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और पानी होता है। इसके अलावा इसमें शर्करा की मात्रा भी कम होती है जो आपका वजन बढ़ने से रोकती है।


गर्मी के दिनों में पेट एवं शरीर में गर्मी बढ़ने की समस्या बहुत होती है। इससे बचने के लिए खरबूजा बेहतरीन तरीका है। यह पेट में गर्मी बढ़ने से रोकेगा और गर्मी के दुष्प्रभावों से भी आपको बचाएगा।


चीकू के फायदे

 

चीकू के फायदे

चीकू के फायदे


चीकू एक ऐसा फल है जो हर मौसम में आसानी से मिल जाता है और बहुत स्वादिष्ट भी होता है। चीकू के फल में 71 प्रतिशत पानी, 1.5 प्रतिशत प्रोटीन, 1.5 प्रतिशत चर्बी और साढ़े पच्चीस प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमे विटामिन A तथा विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है। चीकू के फल में 14 प्रतिशत शर्करा भी होती है। इसमें फास्फोरस तथा लौह भी काफी मात्रा में होता है और क्षार का भी कुछ अंश होता है।

चीकू देखने में तो साधारण फल नजर आता है। इसमें इतने सारे गुण है, कि यह हमारे लिए एक स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ एक औषधीय फल का प्रतीक बन गया है। चीकू में विटामिन, मिनरल्स प्रतिरक्षक गुण, फाइबर पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, फासफोरस, पोटेशियम जैसे तत्व पायें जाते है। आज के प्रदूषण युक्त परिवेश में चीकू का उपयोग करके कई सामान्य बीमारियों का इलाज सहज ही कर सकते है।

चीकू के औषधीय गुण

आँखों के लिए चीकू के फायदे: चीकू का सेवन आँखों के लिए फायदेमंद होता है। चीकू में विटामिन A प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, जो कि आँखों की स्वस्थ बनाये रखने में सहायक  होता है, विशेष तौर रूप से अधिक उम्र वाले लोगो के लिए।

अतिसार या दस्त रोके चीकू: अक्सर खाने-पीने में बदलाव या असंतुलन होने पर दस्त होने लगता है। ऐसे समय पका हुआ चीकू खाने से दस्त से राहत मिलती है।

कमजोरी दूर करे चीकू: आम तौर पर शरीर में सही पौष्टिकता की कमी या बहुत दिनों से बीमार रहने के कारण भी कमजोरी होती है। चीकू ऐसे कमजोरी को कम करने में मदद करता है। चीकू के 1-2 फलों का नियमित सेवन करने से शरीर पुष्ट होता है, तथा दुर्बलता कम होती है। कमजोरी दूर करने में चीकू का सेवन बहुत ही फायदेमंद सिद्ध होता है।

बुखार में फायदेमंद चीकू: चीकू की छाल का काढ़ा बनाकर 5-10 मिली मात्रा में पिलाने से जीर्ण ज्वर में लाभ होता है। बुखार से जल्दी राहत मिलने में चीकू का काढ़ा बहुत ही फायदेमंद होता है।

सूजन की समस्या में चीकू का प्रयोग: चीकू किसी भी प्रकार के सूजन को कम करने में सहायता करता हैं। सूजन को कम करने के लिए चीकू को कूटकर थोड़ा गर्म करके सूजन वाले जगह पर लगाने से दर्द और सूजन दोनों कम होता है।

हड्डियों के लिए फायदेमंद चीकू का उपयोग: चीकू का सेवन हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है, क्योंकि इसमें शक्तिवर्धक गुण होता है, जो कि शरीर के कमजोरी को दूर करता है, साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, आयरन और अन्य मिनरल पाए जाते है। जो कि हड्डियों की मजबूती प्रदान करते हैं।

कब्ज में चीकू के फायदे: चीकू कब्ज को दूर करने का भी अचूक उपाय है, क्योंकि चीकू में फाइबर ज्यादा होता है, साथ ही इसमें विरेचक का भी गुण होता है। इस गुण के कारण चीकू कब्ज को दूर कर पाचन तंत्र को सेहतमंद बनाने में मदद करता है।

सर्दी और खाँसी में चीकू के फायदे: सर्दी और खाँसी होने पर आप यदि चीकू का सेवन करते है, तो ये आपके लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि चीकू में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते है जो संक्रमण को दूर कर सर्दी और खाँसी से राहत दिलाने में मदद करती है।

वजन कम करने में चीकू के फायदे: चीकू का सेवन वजन को कम या संतुलित करने में सहायक होता है, क्योंकि चीकू का सेवन मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

स्किन को हेल्दी बनाने में चीकू के फायदे: चीकू स्किन के हेल्दी बनाये रखने में भी सहायक होता है, क्योंकि इसमें रोपण यानि हीलिंग का गुण पाया जाता है जो कि स्किन के घाव को जल्दी भर देता है, साथ ही चीकू बढ़ती उम्र के कारण स्किन पर होने वाले परिवर्तनों को भी रोकने में सहायक होता है।

आंवले के फायदे

 

आंवले के फायदे

आंवले के फायदे


आंवला प्रकृति की ओर से हमें दिया गया एक तोहफा है। आंवला या अमालाकी को सबसे अधिक आयुर्वेदिक घटको से पूर्ण माना जाता है। आंवला के फायदे भोजन और दवा दोनों है। जो बहुत गुणकारी है| अमला शब्द खट्टा का उल्लेख करता है, इसे खाने से आँखों की रोशनी बढती है, बालों का झाड़ना बंद होता है| आयुर्वेद की दुनिया में आंवला का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसे बहुत सी बीमारी को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है|

आंवला एक ऐसा फल है, जिसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट ,फाइबर ,प्रोटीन ,विटामिन्स ,मैग्नीशियम, आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अगर आप इसको गर्म करके भी खाएं तो भी इसमें मौजूद विटामिन खत्म नहीं होते। आंवला का सेवन करने से कई तरह की बीमारियां दूर होती है और यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। आंवला के फायदे में इसमें मौजूद तत्व पेट में होने वाली गैस, एसिड की परेशानी दूर करते है, इसके खाने से दिमाग तेज होता है, दिल व फेफड़े मजबूत होते है, स्किन की परेशानी दूर होती है, शरीर से विषेले पदार्थ निकल जाते है, बालों को बढ़ाने अदि मे यह बहुत लाभकारी है| इसके अलावा भी आवला के बहुत से फायदे होते है|

आंवले के औषधीय गुण

मोटापा: मोटापे की समस्या को दूर करने के लिए आप अपनी डाइट में रोज एक आंवला खाना शुरू करें, जिससे मोटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन तेजी से कम होने लगता है।

कमजोरी: यदि आप कमजोरी महसूस करते हैं। तो एक माह तक लगातर एक कच्चा आंवला खाकर देखें। दरअसल, आंवले में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा पाई जाती है, जिसके चलते एनर्जी बढ़ती है और धीरे-धीरे कमजोरी दूर हो जाती है।

चेहरा चमकाए: आंवला में विटामिन A होता है, जो कोलेजन बनने के लिए बहुत जरूरी है। इससे त्वचा टाइट रहती है। आंवला सुबह खाली पेट लेने से शरीर में कोलेजन की कमी दूर होती है। इसके सेवन से मुंहासे और झुर्रियों की समस्या भी कम हो जाती है। इसे खाने से बॉडी के टॉक्सिस दूर होते हैं जिससे फेस पर ग्लो आता है।

डायबिटीज: आंवला डायबिटिज के लिए फायदेमंद माना जाता है। रोजाना आंवले के जूस का सेवन करने से खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती हैं। साथ ही आंवला खराब कोलेस्ट्रोल को खत्म कर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बनाने में मदद करता हैं।

जोड़ो का दर्द: आंवले में एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो जोड़ों के दर्द के साथ अन्य तरह के दर्द में राहत देते हैं। यदि आपके शरीर में हमेशा दर्द रहता है, या आपको जकडऩ की शिकायत है तो यकीन मानिए, आंवले से आपको किसी भी तरह के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

बालों के लिए वरदान: आंवले के तेल का इस्तेमाल करने से बालो की हर परेशानी ख़त्म हो जाती है। कई लोग इसकी पेस्ट को बालों में लगाते हैं लेकिन इसके सेवन से भी बाल हेल्दी होते हैं। असल में आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स सें बालों की चमक बढ़ती है।

पाचन क्रिया में मदद: आंवले का सेवन करने से खाना आसानी से पच जाता है। इसलिए खाने में रोजाना आंवले की चटनी, आंवले का मुरब्बा,अचार ,रस, चूर्ण आदि शामिल करें। इससे कब्ज की समस्या भी ठीक हो जाती है।

हृदय की रक्षा: दिल की मसल की रक्षा आंवला करता है, जिससे खून का संचालन पुरे शरीर में सही ढंग से होता है| आंवला का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल भी कम होता है, यह रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है और हृदय रोग एवं दिल के दौरे से बचाव करता है।

वजन कम करने में: आंवले की मदद से आप बहुत ही कम समय में अपना वजन कम कर सकती है। इतनी ही नहीं यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है। अगर आपका भी वजन जरुरत से ज्यादा है तो उसे कम करने के लिए आप कुछ दिनो तक सुबह खाली पेट आंवले के जूस या आंवले को खा कर अपने वजन को कम कर सकती है।

आड़ू के फायदे

 

आड़ू के फायदे

आड़ू के फायदे


आड़ू एक रसीला फल है जो ग्रीष्मकाल में पैदा होता है। स्वास्थ्य के लिए आड़ू के फायदे अनेक है यद दुनिया के कई देशों में उगाया जाता है और वहां कि जलवायु के अनुसार यह लाल से लेकर पीले रंग में भी होता है। आड़ू की बाहरी परत बहुत चिकनी होती है और यह रसदार और ताजे सुगंध वाला पीला फल होता है। यह बाहर से देखने में बिल्कुल सेब जैसा होता है लेकिन अंदर के कठोर और बड़े बीज इसे सेब से अलग बनाते हैं। आड़ू का उपयोग जैम और जेली बनाने में किया जाता है। सेहत के लिए फायदेमंद होने के कारण आड़ू का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।

गर्मियों में मिलने वाला आड़ू स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स वजन कम करने के साथ आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करते है। साथ ही इसके रोजाना सेवन त्वचा को डिटॉक्स करके ग्लोइंग भी बनाता है। चलिए आज हम आपको आड़ू खाने के कुछ ऐसे फायदे बताते हैं, जिसके बाद आप भी  इसका सेवन शुरू कर देंगे। आड़ू में कई पोषक तत्व पाए जाते है।

आड़ू के औषधीय गुण

वजन रखें कंट्रोल: अगर आप वजन कंट्रोल करना चाहते हैं, तो नियमित आडू का सेवन करें क्योंकि कम कैलोरी वाला फल है। जिसके सेवन से शरीर को एनर्जी तो मिलती है, लेकिन वसा कंट्रोल में रहती हैं, जिससे वजन नियत्रित रहता हैं। यदि आप इसे नाश्ते में खाते हैं तो लंच टाइम तक आपको और कुछ खाने की जरूरत नहीं होती। भूख कम लगने से भी वजन कंट्रोल में रहता है।

इम्यून सिस्टम बूस्ट: आडू में विटामिन सी भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करती है। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है, और हानिकारक बीमारियां शरीर से दूर रहती हैं।

हड्डियां बनाएं मजबूत: आडू विटामिन सी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता हैं, जिसके सेवन से हड्डियों व दांतों को मजबूती मिलती हैं। इसके नियमित सेवन से महिलाओं में होने वाला आस्टियोपोरोसिस नामक रोग भी दूर रहता हैं और गठिए के मरीजों के लिए तो यह रामबाण फल माना जाता हैं।

आंखों के लिए बेस्ट: आडू में विटामिन A भी मौजूद होता है जिससे आंख का रेटिना स्वस्थ रहता हैं। इसके अलावा इसमें बीटा-कैरोटीन भी मौजूद होता है, जो विटामिन A की मात्रा बढ़ाता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी यह अहम भूमिका निभाता है।

पाचन को रखें मजबूत: पेट संबंधी समस्याएं जैसे पेट में दर्द, कब्ज, गैस हैं तो नियमित आडू का सेवन करें। यह लिवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता हैं, जिससे पेट संबंधी समस्याएं भी दूर रहती हैं। इसकी ताजी पत्तियां का जूस बनाकर पीने से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं।

खून की कमी पूरी: अगर आपको खून की कमी यानी आप एनीमिया से जूझ रहे है, तो अपनी डाइट में आडू को शामिल करें। क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता हैं ,जो शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़कर एनीमिया से राहत दिलाने में मदद करता हैं।

ग्लोइंग स्किन के लिए: आडू से बने फेसपैक से स्किन ग्लोइंग बनती हैं। फेसपैक बनाने के लिए फ्रेश आडू के बीज निकालकर उनका पेस्ट बना लें। फिर इसमें अंडे को मिलाकर पेस्ट तैयार करें, चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 25-30 मिनट तक लगाकर रखें। बाद में ठंडे पानी से चेहरा धों लें। इस फेसपैक को हफ्ते में 1 बार इस्तेमाल करें, इससे स्किन ग्लो करेगी। 

झुर्रियां होगी गायब: आप आप चेहरे की झुर्रियों को गायब करना चाहते हैं तो आडू और टमाटर को एकसाथ पीसकर पेस्ट तैयार करें। अब इस पेस्ट को 10-15 मिनट के लिए अपने चेहरे पर लगाएं। इससे झुर्रियां गायब हो जाएगी और चेहरा बिल्कुल साफ होगा।

ड्राई स्किन के लिए बेस्ट: अगर आपकी स्किन ड्राई हैं तो आडू के पेस्ट को चेहरे पर हल्के-हल्के हाथों से सर्कुलेशन में 10 मिनट तक रगड़ें। थोड़ी देर बाद चेहरे को हल्के गुनगुने पानी से धो लें। इससे ड्राई स्किन की समस्या दूर रहेगी और स्किन ग्लो करेगी।

पिंपल्स से राहत: गर्मियों में ऑयली स्किन वालों की पिंपल्स की समस्या से ज्यादा परेशान होना पड़ता है। ऐसे में पिंपल्स को दूर रखने के लिए आडू फेसपैक बनाकर लगाएं। आडू के पेस्ट में नींबू का रस मिलाकर 20 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाएं। इसके बाद चेहरा ठंडे पानी से धो लें। इससे स्किन बिल्कुल फ्रेश व पिंपल्स फ्री दिखेगी।