window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-G7CZEN3F7J'); google.com, pub-,8818566653219942, DIRECT, f08c47fec0942fa0 "स्वास्थ्य संबंधित ताजा जानकारी" 🪫The latest health updates: नवंबर 2025

मंगलवार, 4 नवंबर 2025

बिल्ली का जोता क्यों नहीं खाना चाहिए?

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🕉️ धार्मिक / पारंपरिक कारण

भारतीय परंपराओं में बिल्ली को “अशुद्ध” जानवर माना गया है, खासकर जब बात भोजन की आती है।

  • मान्यता: कहा जाता है कि बिल्ली का जूठा खाने से पाप लगता है या अशुभ फल मिलता है।
  • धार्मिक तर्क: जैसे मनुष्य के जूठे खाने से रोग फैल सकते हैं, वैसे ही पशुओं का जूठा भोजन भी अशुद्ध माना जाता है।

🧫 वैज्ञानिक कारण

यह हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण है 👇

🦠 1. संक्रमण का खतरा

बिल्ली के मुँह में कई प्रकार के बैक्टीरिया और परजीवी (parasites) पाए जाते हैं, जैसे:

  • Toxoplasma gondii — यह एक परजीवी है जो टॉक्सोप्लाज्मोसिस नामक रोग पैदा करता है।
  • यह रोग मानव मस्तिष्क, आंखों और गर्भवती महिलाओं में भ्रूण को प्रभावित कर सकता है।

😷 2. सैल्मोनेला और ई.कोलाई संक्रमण

बिल्ली कभी-कभी कचरा या मरे हुए जीव खा लेती है, जिससे उसके मुँह में हानिकारक जीवाणु आ जाते हैं।
अगर वह किसी खाने को चाट दे या काट दे, तो ये जीवाणु उस भोजन में पहुँच सकते हैं।

🤢 3. एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याएँ

कई लोगों को बिल्ली के बाल, लार या त्वचा से एलर्जी होती है।
बिल्ली द्वारा छुए गए खाने से उल्टी, पेट दर्द, या त्वचा में खुजली जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।


⚠️ निष्कर्ष

💡 कभी भी बिल्ली द्वारा छुआ, चाटा या खाया हुआ खाना नहीं खाना चाहिए।
क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से अशुद्ध माना जाता है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी असुरक्षित है।

 👍
अगर बिल्ली गलती से खाने को छू ले या चाट ले, तो क्या करना चाहिए — यह इस पर निर्भर करता है कि खाने की चीज़ क्या है और कितना संपर्क हुआ है 👇


🥣 1. अगर बिल्ली ने खाना सिर्फ सूंघा है (छुआ नहीं)

👉 सुरक्षित माना जा सकता है, लेकिन फिर भी सावधानी रखें।

  • अगर खाना खुला पड़ा था, तो उसे ढककर रखें
  • दुबारा खाने से पहले हल्का गर्म कर लें, ताकि किसी भी कीटाणु का खतरा न रहे।

🍛 2. अगर बिल्ली ने खाना चाटा है या मुँह लगाया है

👉 ऐसा खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।

  • बिल्ली के मुँह में Toxoplasma gondii, Salmonella, या E. coli जैसे जीवाणु हो सकते हैं।
  • यह भोजन तुरंत फेंक देना चाहिए
  • अगर वह चीज़ किसी प्लेट या बर्तन में थी, तो उस बर्तन को गर्म पानी और डिटर्जेंट से धोएँ

🍗 3. अगर बिल्ली ने कच्चे मांस या दूध जैसी चीज़ को छुआ है

👉 यह और भी ख़तरनाक हो सकता है।

  • ऐसे में खाना फेंक दें।
  • सतह (टेबल, स्लैब आदि) को डिसइंफेक्टेंट या सिरका वाले पानी से साफ़ करें।

🔥 4. क्या गर्म करने से खाना सुरक्षित हो जाएगा?

नहीं हमेशा।

  • कुछ परजीवी (जैसे Toxoplasma gondii) को मारने के लिए बहुत उच्च तापमान चाहिए होता है।
  • आमतौर पर घरेलू स्तर पर खाना गर्म करने से पूरा संक्रमण खत्म नहीं होता।

🧼 5. सावधानी के उपाय

  • बिल्ली के खाने और आपके खाने को हमेशा अलग रखें
  • बिल्ली को रसोई में या खाने के बर्तनों के पास न आने दें।
  • हाथों को बार-बार धोते रहें, खासकर अगर बिल्ली को छूने के बाद खाना बना रहे हों।

तडालाफिल टैबलेट के फायदे



 तडालाफिल टैबलेट के फायदे मुख्य रूप से रेक्टल डिसफंक्शन (नेपुंसकत्ता), बढ़े हुए रक्तचाप (सौम्य मेटाटिक हाइपरप्लासिया या बीपीएच), और पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन (फेफडोड्स में उच्च रक्तचाप) के इलाज में होते हैं। यह दवा लिंग में रक्त वाहिकाओं को आराम देती है जिससे रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे यौन स्थिरता पर मजबूत होती है और लंबे समय तक टिकने वाला इरेक्शन संभव होता है। साथ ही, यह मूत्राशय और प्लास्टर की सामग्री को भी आरामदायक बनाता है, जैसे कि मूत्रवर्धक में कड़वाहट और बार-बार पेशाब आना कम होता है। तडालाफिल का प्रभाव लगभग 24-36 घंटे तक रहता है और इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार दिन में एक बार या संयोजन से पहले लिया जा सकता है। इसके अलावा, पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन में यह फेफड़े की रक्त नलिकाओं में आराम पहुंचाने वाला रक्त प्रवाह बेहतर काम करता है, जिससे दिल पर दबाव कम होता है। साइड इफेक्ट्स के रूप में सिरदर्द, चेहरे का लाल होना, पेट खराब होना, नाक बंद होना, पेट और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है, जो आम तौर पर जोड़ों में दर्द और समय के साथ ठीक हो जाते हैं। गंभीर दुष्प्रभाव कम होते हैं लेकिन अगर इरेक्शन 4 घंटे से अधिक समय तक टिके या अन्य गंभीर लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें।Tadalafil (टाडालाफिल) एक दवा है जो मुख्य रूप से पुरुषों में यौन समस्या (Erectile Dysfunction) यानी लिंग में पर्याप्त उत्तेजना न होना या बनाए रखने में कठिनाई के इलाज के लिए उपयोग की जाती है।

अन्य तत्व हैं कि यह क्यों पाया और उपयोगी हो सकता है 👇

💊 तडालाफिल क्यों जरोली  है?

1. लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए

टैडालफिल लिंग की रक्त वाहिकाओं (रक्त वाहिकाओं) को आराम मिलता है, जिससे रक्त बढ़ता है और इरेक्शन (उत्तेजना) बेहतर होता है।

2. इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) का इलाज

जिन पुरुषों को यौन संबंध के दौरान इरेक्शन नहीं होता या लंबे समय तक टिकता नहीं है, उनके लिए यह बहुत ही प्रभावशाली औषधि है।

3. प्रोस्टेट (प्रोस्टेट) की समस्या में सलाह

यह सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) - यानी प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने की समस्या - में भी दी जाती है।

यह मूत्रवर्धक से जुड़े पदार्थ जैसे बार-बार मूत्रवर्धक, मूत्रवर्धक आदि को कम करता है।

4. फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप (फेफड़ों की रक्तचाप की समस्या)

तडालाफिल फेफड़े की रक्त वाहिकाओं को खोलने से फेफड़े में रक्त प्रवाह कम करने में भी मदद मिलती है।

⚠️सावधानियां

इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।

नाइट्रेट औषधि (जैसे सीने में दर्द की दवा) के साथ कभी नहीं लिया जा सकता - यह ब्लड प्रेशर बहुत कम है।

शराब और भारी भोजन लेने से इसका असरकारिता कम हो सकता है।

अगर आपको दिल की बीमारी है, खून खराब है या लिवर/किडनी की समस्या है तो पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

⏱️ कब और कैसे लें

इसे आमतौर पर सेक्स से 30-60 मिनट पहले लिया जाता है।

लगभग 36 घंटे तक असर हो सकता है - इसलिए इसे "वीकेंड पिल" भी कहा जाता है।

खुराक: सामान्य: 5 मिलीग्राम, 10 मिलीग्राम या 20 मिलीग्राम - डॉक्टर आपकी देखने की स्थिति तय करता है।

टाडालाफिल (टाडालाफिल) एक ऐसी औषधि है जो मुख्य रूप से पुरुषों में यौन समस्या (स्तंभन दोष) यानी लैंगिकता में संतुलन बनाए रखती है या बनाए रखती है, इसके इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

“ठंड में गर्म चीज़ नुकसान क्यों करती है?

“ठंड में गर्म चीज़ नुकसान क्यों करती है?” इसका जवाब हमारे शरीर के तापमान और रक्त प्रवाह (blood circulation) से जुड़ा हुआ है।
आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं 👇


🌡️ 1. शरीर का तापमान संतुलन (Body Temperature Balance)

ठंड में शरीर पहले से ही तापमान बनाए रखने की कोशिश करता है। जब आप अचानक बहुत गर्म चीज़ खाते या पीते हैं (जैसे बहुत गरम चाय, सूप, या खाना), तो:

  • मुँह, गला और पेट की अंदरूनी परत (lining) को झटका लगता है,
  • तापमान में अचानक अंतर से ऊतकों में सूजन या जलन हो सकती है।

🫁 2. सर्द हवा और गरम भाप का टकराव

जब आप ठंडी हवा में रहते हुए गरम चीज खाते हैं, तो अंदर की भाप और बाहर की ठंड टकराती है। इससे:

  • गला बैठना,
  • खाँसी या जुकाम बढ़ना,
  • और कभी-कभी गले में खराश या गले की सूजन हो जाती है।

🍲 3. पाचन पर असर

सर्दी में पाचन तंत्र धीमा रहता है।
अगर बहुत गर्म चीज खा ली जाए, तो:

  • पेट की झिल्ली (stomach lining) को नुकसान हो सकता है,
  • एसिडिटी और अपच (indigestion) बढ़ जाती है।

4. रक्त वाहिकाओं पर असर (Effect on Blood Vessels)

गर्म चीज़ से शरीर की रक्त नलिकाएँ (blood vessels) अचानक फैलती हैं,
और ठंड से सिकुड़ जाती हैं — इस बार-बार के फैलाव-सिकुड़ाव से सिर दर्द, कमजोरी या थकान महसूस हो सकती है।


तो क्या करें?

  • ठंड में गुनगुनी (lukewarm) चीज़ें लें, बहुत गरम नहीं।
  • धीरे-धीरे खाएँ, ताकि शरीर को तापमान के अंतर की आदत हो सके।
  • बहुत ठंडी या बहुत गरम चीज़ एक साथ कभी न लें (जैसे गर्म चाय के बाद ठंडा पानी

🌿 ठंड में फायदेमंद गर्म चीज़ें

 👍ठंड में कौन-सी गर्म चीज़ें फायदेमंद होती हैं और कौन-सी नुकसान करती हैं 👇


🌿 ठंड में फायदेमंद गर्म चीज़ें

(जो शरीर को अंदर से गर्म रखती हैं और सेहत भी बढ़ाती हैं)

🫖 1. गुनगुनी चाय या हर्बल ड्रिंक

  • तुलसी, अदरक, शहद, दालचीनी या लौंग ली चाय फायदेमंद होती है।
  • यह सर्दी-जुकाम से बचाती है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है।

🥣 2. गर्म सूप (vegetable या chicken soup)

  • शरीर को गर्म रखता है।
  • पाचन को बेहतर करता है और ऊर्जा देता है।

🧈 3. घी, ड्राय फ्रूट्स और तिल

  • ये स्वस्थ वसा (healthy fats) देते हैं।
  • ठंड में ऊर्जा और गर्माहट बनाए रखते हैं।
  • तिल, गुड़ और मूंगफली की चिक्की या लड्डू सर्दियों में बहुत फायदेमंद हैं।

🫓 4. गर्म दूध (गुनगुना, उबलता नहीं)

  • हल्दी वाला दूध या बादाम वाला दूध पीना शरीर को अंदर से गर्म और मजबूत बनाता है।

🥔 5. सर्दियों की मौसमी सब्जियाँ

  • जैसे गाजर, चुकंदर, शलगम, मेथी, सरसों का साग — ये विटामिन और आयरन से भरपूर होती हैं।

⚠️ ठंड में नुकसान करने वाली गर्म चीज़ें

(जो बहुत ज़्यादा गर्म या तेज़ होती हैं)

🔥 1. बहुत गरम चाय या कॉफी

  • जीभ, गला और पेट की परत को जला सकती है।
  • गले में सूजन और एसिडिटी का कारण बनती है।

🍛 2. बहुत मसालेदार या तेलीय खाना

  • शरीर को ज़रूरत से ज़्यादा गर्म करता है, जिससे पित्त बढ़ता है।
  • परिणाम: मुंह में छाले, जलन, सिरदर्द या पाचन की गड़बड़ी।

🍗 3. बहुत गरम दूध या सूप

  • अगर बहुत गरम अवस्था में पिया जाए तो गले और पेट पर असर करता है।
  • तापमान हमेशा गुनगुना होना चाहिए, जलता हुआ नहीं।

🧊 4. गरम खाने के तुरंत बाद ठंडी चीज़ें

  • जैसे गरम सूप के बाद ठंडा पानी या आइसक्रीम —

  • यह गले में झटका देकर जुकाम या गले में दर्द का कारण बन सकता है।

सर्दियों में सेहत बनाए रखने के बेहतरीन हेल्थ टिप्स (Winter Health Tips in Hindi) 👇

 


सर्दियों में सेहत बनाए रखने के बेहतरीन हेल्थ टिप्स (Winter Health Tips in Hindi) 👇


🌞 1. धूप ज़रूर लें

सर्दियों में सूरज की धूप शरीर को विटामिन D देती है, जो हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए ज़रूरी है। रोज़ सुबह कुछ देर धूप में बैठें।


🧣 2. शरीर को गर्म रखें

गरम कपड़े पहनें और सिर, कान व पैरों को ढककर रखें। ठंडी हवा से बचने के लिए मोज़े और टोपी ज़रूर लगाएँ।


🥗 3. पौष्टिक आहार लें

सूप, दलिया, मूंग दाल, तिल, गुड़, खजूर और ड्राई फ्रूट्स खाएँ। ये शरीर को गर्मी और ताकत दोनों देते हैं।


💧 4. पानी पीना न भूलें

सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर को पानी की ज़रूरत रहती है। दिन में 6–8 गिलास गुनगुना पानी ज़रूर पिएँ।


🧘‍♀️ 5. हल्का व्यायाम करें

सुस्ती से बचने के लिए सुबह धूप निकलने के बाद योग या हल्की एक्सरसाइज़ करें।


😴 6. अच्छी नींद लें

रोज़ 7–8 घंटे की नींद लें और नींद का एक निश्चित समय रखें। नींद शरीर को रीचार्ज करती है।


🍯 7. इम्यूनिटी बढ़ाएँ

अदरक, हल्दी, शहद, तुलसी, और काली मिर्च का सेवन करें। ये ठंड और सर्दी-जुकाम से दूर  रख ती हे |

सोमवार, 3 नवंबर 2025

कमर दर्द के लिए योग

 

कमर दर्द के लिए योग

आजकल कमर दर्द की समस्या आम हो गई है। देर तक खड़े रहने या बैठे रहने से कमर में दर्द होने लगता है। अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। कमर में दर्द होते ही हम डॉक्टर और दवाइयों को रुख करने लगते हैं, लेकिन योग के जरिए भी कमर दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। यहां कुछ योग आसन बताए जा रहे हैं जिनके जरिए कमर दर्द से निजात पाई जा सकती है। आइए जानते हैं-

कमर दर्द के लिए आसान योगासन

  • कंधरासन- इस आसन में सबसे पहले एक चटाई पर सीधे लेट जाइए और फिर अपने घुटनों को मोड़कर अपने बट्स के पास ले आएं। बाजुओं को सीधा कर कमर के पास रखिए। अब इसी अवस्था में अपने बट्स को ऊपर की दिशा में उठाएं। इस दौरान सांस को रोके रखें। अब धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में लौटें और सांस छोड़ते रहें। इस आसन को रोजाना 4 से 5 बार करें।

  • भुजंग आसन- इस आसन के लिए सबसे पहले सीधे लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें और हाथों को कंधों की सीध में लाएं। अब हाथों की सहायता से अपने शरीर के अगले हिस्से को ऊंचा उठाएं। ध्यान रहे कि शरीर का पिछला हिस्सा जमीन से ही टच रहे। इस अवस्था में 3 से 4 मिनट रहें, लेकिन यह भी ध्यान रहे कि इस दौरान मांसपेशियों में खिंचाव न आ जाए। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पुरानी अवस्था में आ जाएं।
  • चक्रासन- यह आसन कमर दर्द में काफी आरामदायक है। इसे करने के लिए एक चटाई पर सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों और पंजों के बल पर अपने शरीर को ऊंचा उठाएं। इस दौरान कमर को जितना हो सकता है उतना ऊंचा उठाएं। 1 या 2 मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में आ जाएं। इस आसन से कमर की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मजबूती भी मिलती है।
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धनिया के फायदे

धनिया के फायदे

धनिया एक जड़ी-बूंटी के रुप में उगने वाला प्राकृतिक पौधा  है, इसकी पत्तियों और बीजों का इस्तेमाल हमारे रसोइ घरों में किया जाता है। खाना बनाने के लिए साबुत धनिया, धनिए के बीज, धनिए के पाउडर और धनिए की पत्तियों का काफी इस्तेमाल करते हैं। धनिये का पानी भी सेहत के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुणों के साथ ही बहुत सारे विटामिन और मिनरल भी होते हैं इसलिए धनिया सेहत के लिए उपयोगी होता है। धनिया एक मसाला होने के साथ-साथ एक औधषि भी है।

हरे धनिये की पत्तियां और बीज दोनों ही खाने का स्वाद बढ़ा देते हैं। खाने में भले ही मिर्च-मसाला न हो लेकिन अगर धनिया पत्ती से गार्निशिंग की जाए तो उसकी खूबसूरती और स्वाद में चार चांद लग जाते हैं। धनिया सिर्फ खाने की खूबसूरती और स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि इसका पानी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी है। धनिया के पानी में पोटैशियम, कैल्‍श्यिम, विटामिन सी और मैग्निजियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, और ये सभी तत्व बीमारियों को कोसों दूर रखते हैं।

धनिया के औषधीय गुण

कॉलेस्ट्रोल से छुटकारा: धनिया में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर से कॉलेस्ट्रॉल कम कर उसे कंट्रोल में रखते हैं। अगर किसी को हाई कॉलेस्ट्रॉल की शिकायत है, तो उसे धनिया के बीज उबालकर उस पानी को पीना चाहिए।

डायबिटीज से आराम: धनिये को मधुमेह नाशी यानी कि डायबिटीज को दूर भगाने वाला माना जाता है। इसका पानी पीने से खून में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है।

आंखों के लिए फायदेमंद: धनिया के बीज आंखों के लिए भी फायदेमंद हैं। धनिया के थोड़े से बीज कूट कर पानी में उबालें। इस पानी को ठंडा करके मोटे कपड़े से छान लें, और इसकी दो बूंदे आंखों में टपकाने से जलन, दर्द और पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

वजन कम करने में असरदार: अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो धनिये के बीज का इस्‍तेमाल करने से फायदा होगा । इसके लिए आप तीन बड़े चम्मच धनिये के बीज एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधे से कम हो जाए तो इसे छान लीजिए। इस पानी को रोजाना दो बार पीने से वजन घटने लगेगा ।

पाचन समस्याएं: धनिया पाउडर में चुटकीभर हींग और काला नमक डालकर पानी के साथ लें। इसका सेवन कब्ज, उल्टी, दस्त, गैस, अपच और पेट दर्द को दूर करता है। आप इसका इस्तेमाल चाय बनाते समय भी कर सकते हैं।

बढ़ाए डाइजेशन: हरा धनिया पेट की समस्याओं को दूर कर पाचनशक्ति बढ़ाता है। धनिये के ताजे पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। 

ब्लड शुगर: धनिया पाउडर शरीर में शुगर स्तर को कम करके इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है। इसी वजह से शरीर में ब्लड शुगर निंयत्रित रहता है। इसलिए अपने भोजन में इसका इस्तेमाल जरूर करें।

पेट की जलन: धनिया पाउडर में जीरा, बेलगिरी और नागरमौठा को सामान मात्रा में पीसकर मिलाएं। इस चूर्ण को 1 चम्मच पानी के ले। इससे पेट की जलन और दर्द गायब हो जाएगा।

कमजोरी: रात को धनिया तथा आंवला पाउडर को 10-10 ग्राम पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीने पर कमजोरी और चक्कर आने की समस्या दूर हो जाएगी।

मुहांसों का रामबाण इलाज: धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। धनिए के जूस में हल्दी पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं, और कुछ देर बाद धो लें। दिन में दो बार इस लेप का इस्तेमाल करने से बहुत जल्दी मुहांसों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलेगा और चेहरे की सुंदरता भी बढ़ेगी। घमौरियां होने पर धनिया के पानी से नहाना चाहिए।

भगाए पेट की बीमरियां: अगर आपको पेट से संबंधित कोई समस्या है, तो दो कप पानी में धनिये के बीज, जीरा, चाय पत्ती और शक्कर डालकर अच्छे से मिला ले। इस पानी को पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है। पेट में दर्द होने पर आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया के बीज डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।google-site-verification: googlea0b92aef2d8c87a4

शनिवार, 1 नवंबर 2025

खाँसी ठीक होने के घरेलू उपाय

 

खाँसी ठीक होने के घरेलू उपाय

  • अदरक का सूखा हुआ रूप सौंठ होता है। इस सौंठ को पीस कर पानी में खूब देर तक उबालें।
  • जब एक चौथाई रह जाए तो इसका सेवन गुनगुना होने पर दिन में तीन बार करें। तुरंत फायदा होगा।
  • काली मिर्च, हरड़े का चूर्ण, अडूसा तथा पिप्पली का काढ़ा बना कर दिन में दो बार लेने से खाँसी दूर होती है।
  • हींग, काली मिर्च और नागरमोथा को पीसकर गुड़ के साथ मिलाकर गोलियाँ बना लें।
  • प्रतिदिन भोजन के बाद दो गोलियों का सेवन करें। खाँसी दूर होगी। कफ खुलेगा।
  • पानी में नमक, हल्द‍ी, लौंग और तुलसी पत्ते उबालें। इस पानी को छानकर रात को सोते समय गुनगुना पिएँ।
  • सुबह खाँसी में असर दिखाई देगा। नियमित सेवन से 7 दिनों के अंदर खाँसी का नामोनिशान नहीं रहेगा।

उल्टी ठीक होने के घरेलू उपाय

 

उल्टी ठीक होने के घरेलू उपाय

  • अगर आपके यात्रा के दौरान उल्‍टी महसूस होती है तो आप अदरक की चाय पी कर चल सकती हैं। इसके अलावा आप को जैसे ही उल्‍टी महसूस हो, उस दौरान थोड़ा सा अदरक का टुकड़ा चबा लें।
  • पुदीने की चाय बनाइये या फिर केवल पुदीने की पत्‍तियों के सेवन से भी उल्‍टी रूक सकती है।
  • सिरका और काला नमक मिलाकर चाटने से उल्टियां रुक जाती है।
  • आप चाहें तो दालचीनी डाल कर चाय बना कर पी सकती हैं। इसके लिये थोड़ी सी दालचीनी का टुकड़ा पानी में उबालिये और उसमें शहद मिलाइये।
  • पेट में हाइपर एसिडिटी बनने की वजह से उल्‍टी होने लगती है। चावल को पानी में उाबलिये और उसके पानी को निकाल कर ठंडा कीजिये। फिर उस पानी का सेवन कीजिये।
  • एक प्‍याज के रस को घिस कर उसका रस निकालिये। इस रस में थोड़ी सी काली मिर्च डालिये और इसका एक एक चम्‍मच हर दो घंटे पर लें।
  • बार-बार उल्टी होना रोकने के लिए बर्फ चूसना हितकारी उपचार है|
  • नींबू का टुकड़ा काले नमक के साथ अपने मुंह में रखने से आपको उल्टी का एहसास नहीं होगा।
  • एक ग्लास पानी में शहद मिलाकर पीने से भी उल्टियाँ रुकने में मदद मिलती है।
  • अगर यात्रा के दौरान आपको उल्‍टी आती है तो लहसुन की दो कलियां चबाने से आराम मिलेगा।
  • उल्‍टी जैसे ही महसूस हो, उसी समय दो इलायची निकाल कर खाने से आराम मिलेगा। इससे पेट की एसिडिटी शांत हो जाएगी और खाना हजम होने में भी आसानी होगी।
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मधुमेह समस्या - घरेलू उपाय

 

मधुमेह समस्या - घरेलू उपाय

तुलसी की पत्तियां-

  • तुलसी की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंटस और आवश्यक तेल से समृद्ध होती है जो यूग्नोल, मिथाइल यूगेनोल और केरियोफिलीन का उत्पादन करते हैं।
  • सामूहिक रूप से ये यौगिक पैंक्रियाटिक बीटा कोशिकाओं (वे कोशिकाएं जो इन्सुलिन का संग्रहण और स्त्राव करती हैं) को उचित तरीके से कार्य करने में तथा इन्सुलिन के प्रति संवेदनशील बनाने में सहायक होते हैं।
  • सलाह: तुलसी की दो तीन पत्तियां या एक टेबलस्पून तुलसी का रस खाली पेट लेने से ब्लड शुगर का स्तर घटता है।

अलसी-

  • अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है।
  • अलसी के बीज डाइबिटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।
  • सलाह: प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लें।

दालचीनी-

  • दालचीनी के नाम से भी जाना जाने वाला यह पदार्थ इन्सुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है तथा रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करता है।
  • प्रतिदिन आधा टी स्पून दालचीनी का सेवन करने से इन्सुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है तथा वज़न नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोग की संभावना कम होती है।
  • सलाह: ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में 1 ग्राम दालचीनी शामिल करें|

ग्रीन टी-

  • अन्य चाय पत्तियों की तरह ग्रीन टी अन्फर्मेंट होती है तथा इसमें पॉलीफ़िनाल घटक उच्च होता है।
  • पॉलीफिनॉल एक मज़बूत एंटीऑक्सीडेंट और हायपो ग्लास्मिक यौगिक होता है|
  • जो ब्लड शुगर के स्त्राव को नियंत्रित करता है तथा शरीर को इन्सुलिन का उचित उपयोग करने में सहायता देता है।
  • सलाह: गर्म पानी में ग्रीन टी की एक बैग 2-3 मिनिट तक डुबाकर रखें। बैग निकालें तथा इस चाय का एक कप सुबह या भोजन के पहले पीयें।

ड्रमस्टिक-

  • (अमलतास) की पत्तियां मुनगे के नाम से भी पहचाने जाने वाले इस पौधे की पत्तियां उर्जा बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं।
  • डाइबिटीज़ के मामले में मुनगे की पत्तियां संतृप्ति को बढ़ाती हैं तथा भोजन के टूटने की प्रक्रिया को (पाचन प्रक्रिया) धीमा करती है और ब्लड शुगर के स्तर को कम करती है।
  • सलाह: ड्रमस्टिक की कुछ पत्तियां लें। उन्हें धोकर उनका रस निकालें। एक चौथाई कप रस लें तथा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसे पीयें।

नीम-

  • भारत में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले नीम की पत्तियों में आश्चर्यजनक औषधीय गुण पाए जाते हैं।
  • नीम इन्सुलिन संग्राहक संवेदनशीलता को बढ़ाता है, रक्त वाहिकाओं को प्रसारित करके रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है,
  • ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर को कम करता है तथा हाइपोग्लास्मिक औषधियों पर निर्भरता कम करता है।
  • सलाह: उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए नीम की कोमल पत्तियों का रस खाली पेट पीयें।

निमोनिया रोग का घरेलू इलाज

 

निमोनिया रोग का घरेलू इलाज

  • लहसुन को नियमित अपने खाने में शामिल करें क्‍योंकि यह प्राकृतिक एंटीबायटिक के रूप में जाना जाता है। यह शरीर में रोगाणुओं को खतम करता है।
  • हल्‍दी को खाने में जरुर डालें क्‍योंकि निमोनिया को जल्‍द खतम करने में सहायक होती है।
  • लहसुन की ही तरह अदरक भी सांस से संबन्‍धित समस्‍या को दूर करती है। इसे चाय में डाल कर सुबह पियें। यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसे डॉक्‍टर भी लेने को बोलते हैं। यह खराब बैक्‍टीरिया को शरीर से बाहर निकालती है। इसे दिन में 6 बार लेना चाहिये।
  • विटामिन सी से युक्‍त बहुत सारे फल मिल जाएंगे, इन्‍हें अपनी डाइट में शामिल करें।
  • इस रोग में बहुत सारा पानी पीना चाहिये। इससे शरीर हाइड्रेट रहेगा।
  • यह केवल आंखों के लिये ही नहीं बल्‍कि फेफड़ों के लिये भी अच्‍छा होता है। निमोनिया होने पर गाजर का जूस जरुर पीना चाहिये क्‍योंकि इसमें बहुत सारा विटामिन ए होता है।
  • एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि मिर्च में इंफेक्‍शन से लड़ने की बहुत ताकत होती है। इसलिये इसे निमोनिया होने पर जरुर खाएं।
  • निमोनिया के खतरनाक बैक्‍‍टीरिया से तिल के बीज छुटकारा दिलाते हैं।
  • इसमें बहुत सारी शक्‍ति होती है। इस बीमारी के दौरान आपको मेथी अवश्‍य खाना चाहिये।
  • जिन्‍हें निमोनिया हो उन्‍हें दूध के बने उत्‍पादों से दूरी बना कर रखनी चाहिये। इस दौरान काली चाय का सेवन करना चाहिये।
  • चुकंदर में बहुत सारी उर्जा होती है और यह शरीर के अंदर का इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूती प्रदान करता है। इस बीमारी में आपको इसका सेवन जरुर करना चाहिये।
  • अगर आप नॉन वेज खाने के शौकीन हैं तो, सी फूड खाइये ना कि पशु का मांस। मछली जैसे, ट्यूना और साल्‍मन आदि मछलियों में बहुत सारा ओमेगा फैटी एसिड होता है जो कि बीमार शरीर की आवश्‍यकता है।

बुखार से बचने के लिए घरेलू उपाय

 

बुखार से बचने के लिए घरेलू उपाय

  • ज्वर आने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सर्दी-खांसी ,थकावट,,चिंता, रोगाणुओं का संक्रमण और दिमागी तनाव प्रमुख कारण होते हैं। घरेलू चिकित्सा से ज्वर दूर करना प्रयोजनीय और हितकारी है।
  • सिर पर बर्फ़ या पानी की गीली पट्टी रखें। इससे आपके शरीर का तापमान शीघ्र ही नीचे आ जाएगा।
  • बुखार में शारीरिक दर्दों के निवारण के लिये हाथ ,पैर, ऊंगलियां गर्दन,सिर ,पीठ पर सरसों के तैल की मालिश करवानी चाहिये। इससे शारीरिक पीडा शांत होगी और सूकून मिलेगा।बिजली चलित मस्राजर का उपयोग भी किया जा सकता है।
  • शरीर पर मामूली गरम पानी डालते हुए स्नान करें इससे शरीर का तापमान बढेगा । शरीर का तापमान ज्यादा होने पर बुखार के रोगाणु नष्ट होंगे। यह प्रक्रिया ज्वर रहित अवस्था में करना है।
  • बुखार अगर 102 डीग्री फ़ारेन हीट से ज्यादा न हो तो यह स्थिति हानिकारक नहीं है। इससे शरीर के विजातीय पदार्थों का निष्कासन होता है और शरीर को संक्रमण से लडने में मदद मिलती है।मामूली बुखार होते ही घबराना और गोली-केप्सूल लेना उचित नहीं है।
  • बुखार की स्थिति में आईसक्रीम खाना उपयोगी है। इससे तापक्रम सामान्य होने में सहायता मिलती है।
  • बुखार मे अधिक पसीना होकर शरीरगत जल कम हो जाता है  इसकी पूर्ति के लिये उबाला हुआ पानी और फ़लों का जूस पीते रहना चाहिये। नींबू पानी बेहद लाभकारी है।
  • ज्वर के रोगी को अधिक मात्रा में उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी पीना चाहिये। इससे अधिक पेशाब और पसीना होकर शरीर की शुद्धि होगी।जहरीले पदार्थ बाहर निकलेंगे।
  • चाय बनाते वक्त उसमें  आधा चम्मच दालचीनी का पावडर,,दो बडी ईलायची,  दो चम्मच  सूखे अदरक(सोंठ) का पावडर  डालकर खूब उबालें। दिन में 2-3 बार यह काढा बनाकर पियें। बुखार का उम्दा ईलाज है|
  • तुलसी के 10 पती और 4 नग काली मिर्च मुंह में भली प्रकार चबाकर  खाएं। यह बहुत उपयोगी  चिकित्सा है।
  • रात को सोते वक्त त्रिफ़ला चूर्ण एक चम्मच  गरम जल के साथ लें। त्रिफ़ला चूर्ण में ज्वर नाशक गुण होते हैं। इससे दस्त भी साफ़ होगा बुखार से मुक्ति का उत्तम उपचार है।
  • बुखार के रोगी को भली प्रकार दो तीन कंबल ओढाकर पैर गरम पानी की बाल्टी में २० मिनिट तक रखना चाहिये। इससे पसीना होने लगेगा और बुखार उतर जाएगा।
  • संतरा ज्वर रोगियों के लिये अमृत समान है।  इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है,तुरंत उर्जा मिलती है,और बिगडे हुए पाचन संस्थान को ठीक करता है।
  • एक चम्मच मैथी के बीज के पावडर की चाय बनाकर दिन में २ बार पीने से ज्वर में लाभ होता है।

पेट में कीड़ों के घरेलू उपाय

 

पेट में कीड़ों के घरेलू उपाय

  • बच्चों को यदि पेट में कृमि-कीड़ों की शिकायत हो तो लहसुन की कच्ची कलियों का 20-30 बूंद रस एक गिलास दूध में मिलाकर देने से कृमि मर कर शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।
  • आदिवासियों के अनुसार सूरनकंद की सब्जी अक्सर खाने वाले लोगों को पेट में कृमि की शिकायत नहीं रहती है। कच्चे सूरनकंद को छीलकर नमक के पानी में धोया जाए और लगभग 4 ग्राम कंद को सोने से पहले एक सप्ताह प्रतिदिन चबाया जाए तो पेट के कृमि बाहर निकल आते हैं।
  • पातालकोट के आदिवासी कच्चे सीताफल को फोड़कर सुखा लेते हैं और इसका चूर्ण तैयार करते है। इस चूर्ण को बेसन के साथ मिलाकर बच्चों को खिलाते है, जिससे पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • बेल के पके फलों के गूदे का रस या जूस तैयार करके पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। डाँग, गुजरात के आदिवासी मानते हैं कि बेल के फलों के बजाए पत्तों का रस का सेवन किया जाए तो ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।
  • पपीता के कच्चे फलों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीड़े मर जाते है और बाहर निकल आते है। प्रतिदिन रात को आधा चम्मच रस का सेवन तीन दिनों तक कराया जाए तो पेट के कृमि मर जाते हैं।
  • पातालकोट के हर्बल जानकारों की मानी जाए तो पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी चूर्ण रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजे पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो सकते हैं।
  • जीरा के कच्चे बीजों को दिन में 5 से 6 बार करीब 3 ग्राम की मात्रा चबाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। आदिवासियों के अनुसार कच्चा जीरा पाचक को दुरुस्त भी करता है और गर्म प्रकृति का होने की वजह से कीड़ों को मार देता है और कीड़े शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।
  • कच्चे नारियल को चबाते से कीड़े मर जाते हैं। डाँग, गुजरात में आदिवासी बच्चों को अक्सर कच्चा नारियल खिलाते हैं और जीरे का चूर्ण बनाकर पानी में घोलकर एक गिलास जीरा पानी का भी सेवन कराते हैं ताकि पेट के कृमि मर जाएं।
  • गोरखमुंडी के बीजों, सूखे को पीसकर चूर्ण तैयार कर सेवन कराने से आंतों के की?े मरकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।
  • तेजपान के पत्तियों में कृमिनाशक गुण पाए जाते हैं। सूखी पत्तियों का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन रात में सोने से पहले 2 ग्राम गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पिया जाए तो पेट के कृमि मर कर मल के साथ बाहर निकल आते हैं।
  • पपीते के फलों की डंठल से निकलने वाले दूध 3 मिली दूध को बच्चों को रात सोते समय देने से पेट के कीड़े मर जाते है और शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।
  • लगभग 10 ग्राम चिरोटा के बीजों को एक कप पानी में उबालकर काढा तैयार कर बच्चों को देने से पेट के कृमि मर जाते हैं और शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।
  • परवल और हरे धनिया की पत्तियों की समान मात्रा में 20 ग्राम लेकर कुचल लिया जाए और एक पाव पानी में रात भर के लिए भिगोकर रख दिया जाए| सुबह इसे छानकर तीन हिस्से कर प्रत्येक हिस्से में थोड़ा सा शहद डालकर दिन में तनी बार देने से कीड़े मर हो जाते हैं।

घाव और फोड़ो के घरेलू उपाय

 

घाव और फोड़ो के घरेलू उपाय

  • अगर घाव में सूजन है तो रेंड (एरण्ड) के पत्ते का तेल लगाकर गर्मकर बांध दें। सूजन खत्म हो जायेगी।
  • शरीर में सूजन आ जाने पर अनानास का एक पूरा फल प्रतिदिन खाने से आठ दस दिनों में ही सूजन कम होने लगती है तथा पन्द्रह बीस दिनों में पूर्ण लाभ हो जाता है।
  • अगर फोड़े को जल्दी पकाना हो तो अरहर की दाल, पानी के साथ पीसकर, थोड़ा नमक मिलाकर गर्म करके फोड़े पर बांध देना चाहिए।
  • अगर फोड़ा निकला हो, तो एक भुने प्याज की तीन परत लें। उस पर पिसी हुई हल्दी रखकर गरम कर दें। गरम करके फोड़े पर रखकर उस पर पीपल का पत्ता लगाकर बांध दें। दिन में दो बार बांधे। फोड़ा या तो बैठ जाएगा या फूट जाएगा।
  • नारियल की सूखी पुरानी गरी एक भाग और हल्दी चौथाई भाग दोनों को महीन कूटकर पोटली में बांध दें, तो राहत मिलती है।
  • कच्ची गाजर का रस 50 ग्राम प्रतिदिन पीने से फोड़े फुन्सी आदि नहीं होते।
  • पुदीने का अर्क मिलाकर नाक, कान तथा अन्य अंगों के घाव पर टपका देने से कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
  • 6 ग्राम पुदीना को पीस छानकर 100 ग्राम चूने के पानी के साथ मिलाएं। कुछ दिनों तक इसका प्रयोग निरंन्तर करने से पिण्डलियों की रगों का फूलना कम हो जाता है।
  • हरी मकोय के अर्क में अमलतास के गूदे को पीसकर सूजन वाली जगह पर लेप करने से सूजन कम हो जाती है।
  • ग्वारपाठे के टुकड़े को एक ओर से छीलकर उस पर थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी छिड़के तथा आग पर गरम करके सूजन वाले स्थान पर बांध दें, तो सूजन कम हो जाती है। इसे तीन चार बार बांधना चाहिए।
  • तंबाकू के हरे पत्तों को कुचलकर उनका रस निकाल लें, फिर उस रस को समभाग तिल के तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब केवल तेल शेष रह जाए, तब उतार कर छान लें। इस तेल को घाव, पर लगाने से वह शीघ्र भर जाता है।
  • तम्बाकूके हरे पत्तों को भी आग पर सेंककर बांधने से अण्डकोषों की सूजन दूर हो जाती है। यदि हरा पत्ता न मिल सके । तो सूखे पत्ते पर पानी छिड़ककर, उसे मुलायम कर लें। तत्पश्चात उस पर तिल का तेल चुपड़कर आग पर गर्म करें और अण्डकोशों पर बांध दें।
  • पीपल के पत्तों पर घी चुपड़कर आग पर गरम कर लें फिर उन्हें फोड़ा फन्सी पर बांधें, तो फोड़ा—फुन्सी बहुत जल्दी पक कर फूट जाते हैं तथा ठीक हो जाते है।
  • आक के पत्तों पर तिल का तेल चुपड़ लें फिर उन्हें आग पर गरम करके #गठिया के दर्द वाले जोड़ों पर बांध दें। दो चार बार बांधने से सूजन तथा दर्द दोनों दूर हो जाते हैं।
  • जिस स्थान पर फोड़ा निकल रहा हो, वहां पर धतूरे के पत्तों को आग पर गरम करके बांध देने से फोड़ा या तो वहीं बैठ जाता है या फिर जल्दी पककर फूट जाता है।
  • भिलावे का काला रस शरीर के जिस स्थान पर लग जाता है, वह भाग सूज जाता है। उस सूजन को दूर करने के लिए तिल का तेल लगाना चाहिए।यदि संपूर्ण शरीर सूज गया हो तो संपूर्ण शरीर पर मालिश करने के अतिरिक्त 40-50 ग्राम तिल का तेल पी लेने से शीघ्र लाभ होता है। अमरबेल को पानी में डालकर उबाल लें। उस पानी से सूजन वाले स्थान की सिकाई करें तथा उबली हुई बेल को कुचलकर सूजन वाले स्थान पर बांध दें। कुछ दिनों तक इसके नियमित प्रयोग से सूजन पटक जाती है। यदि सूजन पकने वाली हुई तो चार पांच बार बांधने से पककर फूट जाती है।
  • गिलोय का काढ़ा बनाकर पिलाने से फोड़े—फुन्सी तथा अनेक प्रकार के चर्मरोग दूर हो जाते हैं। साफ सूती कपड़े को जलाकर उसकी राख साधारण घाव पर छिड़ककर दबा देने से खून का बहना बंद हो जाता है तथा घाव भी जल्दी सूख जाता है। चिरचिटा (अपामार्ग) के पत्तों का भी उपयोग इस बीमारी में किया जाता रहा है।
  • नीम के हरे पत्ते १५ ग्राम लेकर खूब महीन पीस लें। इसकी लुगदी की एक टिकिया बना लें फिर उस तेल में नीम की टिकिया को भली भांति घोंट दें। इस प्रकार मलहम तैयार हो गया , उसे किसी चौड़े मुंह वाली शीशी में रख लें। 6 ग्राम कपूर खूब महीन पीसकर उसमें अच्छी तरह मिला दें। इस नीम के मलहम को फोड़ा—फुन्सी, घाव आदि पर दिन में दो तीन बार लगाने से , जल्दी ठीक हो जाते है।

मलेरिया के घरेलू उपाय

 

मलेरिया के घरेलू उपाय

  • जब मादा एनोफ़ीलीज मच्छर किसी मलेरिया रोग ग्रस्त व्यक्ति को काटता है ,तो रोगी व्यक्ति के शरीर से मलेरिया संक्रमित खून खींच लेता है। इस खून में मलेरिया के जीवाणु होते हैं।फ़िर जब यही मच्छर स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो मलेरिया के जीवाणु उसके शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं। मच्छर के काटने के प्राय:10 दिवस पश्चात मलेरिया ज्वर का आक्रमण हो जाता है।
  • नये मलेरिया बुखार के दौरान तेज सिर दर्द,जोर की ठंड के साथ कंप कंपी होना,मांसपेशियों मे भयंकर पीडा होना और बेहद कमजोरी के लक्षण प्रकट होते हैं बाद में ज्वर उतरते समय पसीना होता है। ज्वर के दौरे में तापमान 104  डीग्री से भी ज्यादा हो सकता है। जी घबराना और पित्त की कडवी उल्टी होना भी मलेरिया का प्रमुख लक्षण है।मलेरिया सामान्यत: तीन प्रकार का होता है
  • प्रतिदिन निश्चित समय पर चढने वाला ज्वर।
  • एक दिन छोडकर आने वाला ज्वर। इसे एकांतरा भी कहते हैं।
  • दो दिन विराम देकर आने वाला मलेरिया ज्वर।
  • तीन ग्राम चूना लें।इसे 60 मिलि पानी में घोलें। एक नींबू इसमें निचोडें। मलेरिया ज्वर की संभावना होने पर यह मिश्रण पीयें। यह नुस्खा प्रतिदिन लेना उत्तम है।
  • चिरायता मलेरिया ज्वर की प्रसिद्ध औषधि मानी गई है। इसके उपयोग से रोगी का तापमन नीचे आ जाता है। एक पाव गरम पानी में15 ग्राम चिरायता मिलाएं,कुछ लौंग और दालचिनी भी मिला दें। 20 मिलि मात्रा में दिन में3 बार देने से मलेरिया ज्वर में उपकार होता है।
  • गरम पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से ज्वर की तीव्रता घट जाती है।
  • थोडी सी फ़िटकरी तवे पर भूनकर चूर्ण बनालें। आधा चम्मच पावडर बुखार आने के 3 घंटे पहिले पानी से पीयें। बाद में हर दूसरे घंटे पर यह दवा लेते रहने से ज्वर नष्ट हो जाता है।
  • जब बुखार न हो 10  ग्राम तुलसी के पत्तों के रस में आधा चम्मच काली मिर्च का पावडर मिलाकर चाट लें। बहुत फ़ायदेमंद उपाय है।
  • एक गिलास पानी लें। इसमें एक चम्मच दालचीनी,एक चम्मच शहद और आधा चम्मच काली मिर्च का पावडर मिलाकर आंच पर ऊबालें। ठंडा होने पर पीयें। आशातीत लाभकारी नुस्खा है।
  • धतूरा की नई कोंपल २ नग लेकर गुड के साथ अच्छी तरह मिश्रित करलें। फ़िर इसकी गोली बनालें। ऐसी गोली दिन में २ बार लेने से मलेरिया का निवारण हो जाता है।
  • मलेरिया ज्वर की अवधि में अन्न का भोजन न लें। सेवफ़ल और पानी लेते रहें। ज्वर से शीघ्र मुक्ति मिलेगी।
  • एक गिलास पानी में 10 ग्राम अदरक और 10 ग्राम मुनक्का डालकर खूब ऊबालें कि आधा रह जाय। ठंडा होने दें । यह काढा पीने से ज्वर नियंत्रण में आ जाता है।
  • एक बड़ा अमरुद लें| इसे गरम राख(भोबर) में भुन लें| मामूली गरम स्थिति में खाएं , मलेरिया रोगी के लिए उपकारी है|

पित्त ज्वर के घरेलू उपाय एस्ट्रिंजेंट-

 

पित्त ज्वर के घरेलू उपाय

एस्ट्रिंजेंट-

  • रक्त वाहिकाओं को क्षीण करने के लिए और हिस्टामिन के आगे निकलने से रोकने के लिए, एस्ट्रिंजेंट जैसे कैलामाइन लोशन और/या विच हज़ेल अच्छा कार्य करता है|
  • आप पेप्टो-बिस्मोल या मैग्नीशिया के दूध को चुन सकते हैं जो प्रकृति की क्षार है और इसके बजाय कैलामाइन लोशन के उपयोग में लाया जा सकता है|

बेकिंग सोडा-

  • एक कटोरी में बेकिंग सोडा के दो चम्मच ले और इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी को मिलायें|
  • इसे हिलाकर एक लेप तैयार कर लें| इस लेप को खुजली से आराम पाने के लिये और खीझ को रोकने के लिये पित्ती प्रभावित क्षेत्र पर लगायें|

सिरका-

  • सेब आसव के सिरका को एक चम्मच लें और समान मात्रा के गुनगुने गर्म पानी के साथ मिलायें|
  • इस मिश्रण को त्वचा प्रभावित क्षेत्र पर क़्यू की नोंक के द्वारा लगा दें, यह खुजलाहट की अनुभूति को सम्भाल लेगा|

भूरी चीनी और अदरक-

  • भूरी चीनी का 1/4 कप, अदरक का एक चम्मच और सिरका का 3/4 कप ले|
  • इन सब को एक साथ मिलायें और कुछ मिनट तक के लिए मिश्रण को उबालें|
  • इस उबले हुये मिश्रण में गर्म पानी की थोड़ी मात्रा मिलायें और दिन भर में कई बार पित्तियों पर इसे थपथपायें|

मछली का तेल-

  • 1000 मिलीग्राम मछली के तेल का कैप्सूल दिन तीन बार लें|
  • ये कैप्सू वसा अम्ल का स्रोत है जिसमें सूजन विरोधी गुण होता है|
  • ठंडे पानी की मछलियों जैसे ब्लूफिश, सामन और अल्बाकोर टूना अच्छा खाद्य स्रोत है|

तनाव से राहत-

  • कई बार तनाव त्वचा पित्ती के लिये कारण हो सकता है,
  • इसलिये योग अभ्यास, ध्यान और विश्राम अभ्यास करना चाहिये|

हड्डियों के रोग के लिए घरेलू उपाय

 

हड्डियों के रोग के लिए घरेलू उपाय

ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीना-

  • गठिया से पीडि़त होने पर ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में पानी पिएं|
  • शुरूआत में बार बार पेशाब जाने पर आपको दिक्‍कत हो सकती है लेकिन कुछ दिनों में आराम मिल जाएगा|

बथुआ के ताजा पत्‍तों का रस-

  • बथुआ के ताजा पत्‍तों का रस हर दिन 15 ग्राम पिएं। इसमें स्‍वाद के लिए कुछ भी न मिलाएं|
  • खाली पेट पीने से ज्‍यादा लाभ होता है। तीन महीने पीने से दर्द से हमेशा के लिए निजात मिल जाती है|

एलोविरा-

  • एलोविरा के पत्‍ते को काटकर उसके जेल को दर्द होने वाली जगह पर लगाएं| इससे आपको काफी राहत मिलेगा|
  • एलोविरा जेल हड्डियों के रोगों के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है और यह काफी उपयोगी गुण में से एक है|

आलू का रस-

  • गठिया का दर्द होने पर हर दिन खाना खाने से पहले से दो आलूओं का रस निकाल लें और पिएं।
  • हर दिन कम से कम शरीर में 100 मिली. रस पीने से आराम मिलेगा|

सौंठ का सेवन-

  • सौंठ यानि सूखी अदरक का सेवन करने से गठिया के रोग में आराम मिलता है|
  • इसे आप किसी भी रूप में पकवाकर खा सकते हैं जैसे - हरीरा या लड्डू आदि|

अरंडी के तेल की मालिश-

  • भंयकर दर्द होने पर अरंडी के तेल से मालिश कर लें,
  • इससे दर्द में राहत मिलने के साथ - साथ सूजन में भी कमी आती है|

भाप से सेंक लें-

  • गठिया के दर्द में सिकाई करना मना होना है लेकिन अगर आप भाप यानि स्‍टीम लेते हैं तो आपको आराम मिलेगा|
  • इसके लिए गुनगुने पानी में तौलिया भिगोकर दर्द वाली जगह पर सिकाई कर दें|

हरी पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन-

  • गठिया रोगी को हमेशा हरे पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन करना चाहिए,
  • इससे बॉडी में ऊर्जा मिलती है और दर्द भी नहीं होता|

लहसुन-

  • गठिया के रोग में लहसुन बेहद लाभकारी होता है| इसके सेवन से गठिया के रोग में आराम मिलता है|
  • वैसे अगर इसे खाना पसंद न हो तो इसमें सेंधा नमक, जीरा, हींग, पीपल, काली मिर्च और सौंठ की सभी की 2 - 2 ग्राम मात्रा लेकर अच्‍छे से पीस लें|
  • इस पेस्‍ट को अरंडी के तेल में भून लें और बॉटल में भ लें| दर्द होने पर लगा लें| आराम मिलेगा|

स्‍टीम बॉथ-

  • गठिया का दर्द होने पर स्‍टीम बॉथ लें और,
  • उसके तुरंत बाद जैतून के तेल की मालिश कर लें| इससे बेहद आराम मिलेगा|

कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय

 

कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय

कोलेस्ट्रॉल शरीर में कोशिकाओं को स्वस्थ और ठीक रखने का काम करता है लेकिन जब इसकी मात्रा ज्यादा हो जाएं तो कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बदलते लाइफस्टाइल और गलत खान पान के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या बढ़ती ही जा रही है। हाई कोलेस्ट्रॉल होने के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे मोटापा, उम्र बढ़ना, जेनेटिक्स, ब्लड सर्कुलेशन ठीक से न होना, मधुमेह और लिवर का खराब होना अन्य आदि। कुछ लोग हाई कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए बहुत सी दवाओं का सेवन करते हैं लेकिन उनका असर कुछ टाइम तक ही रहता है। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे जिनका उपयोग करके कोलेस्ट्रॉल की समस्या को दूर किया जा सकता है।   हाई कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं तो एक बार जरूर अपनाएं ये टिप्स-

कोलेस्ट्रॉल के लिए बेस्ट घरेलू उपाय

  • प्याज- हाई कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने के लिए लाल प्याज बहुत उपयोगी है। 1 चम्मच प्याज के रस में शहद डाल कर पीएं। इसके इलावा प्याज को बारीक काटकर छाछ में डालकर कर भी पी सकते हैं। 
  • धनिया- धनिया कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कम करने में सहायक होता है। इसके बीजों में खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को कम करने की क्षमता होती है। 2 चम्मच धनिया बीजों के पाऊडर को 1 कप पानी में उबाल लें। अब पानी को ठंडा होने दे। आप चाहे तो इसमें इलायची, चीनी, दूध डालकर भी पी सकते हैं।
  • आंवला- एक चम्मच आंवले के पाऊडर को गर्म पानी में डालकर रोजाना पीएं। रोजाना सुबह खाली पेट आंवला जूस पीने से पेट संबंधी समस्याओं के साथ हाई कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया जा सकता है।
  • संतरे का जूस- नैचुरल तरीके से हाई कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करने के लिए संतरे के जूस का सेवन करें। रोजाना 3 कप जूस पीने से कुछ ही दिनों में फर्क दिखाई देने लगेगा।
  • नट्स- अखरोट, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, पेकान में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करने वाले तत्व होते हैं। खासकर अखरोट कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करने में सहायक है।
  • सेब का सिरका- सेब का सिरका भी इस समस्या से राहत दिलाने में सहायक होता है। रोजाना 1 चम्मच सिरक को 1 गिलास पानी में डालकर पीएं। इसको टेस्टी बनाने के लिए एप्पल जूस, संतरे के जूस, अंगूर के जूस में मिलाकर पी सकते हैं।
  • नारियल- नारियल गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। रोजाना नारियल तेल के दो चम्मचों को अपनी डाइट में शामिल करके हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को दूर किया जा सकता है।

गठिया के घरेलू उपाय

 

गठिया के घरेलू उपाय

जब रोगी के शरीर के जोड़ों में गांठें बन जाती हैं, तो यही रोग गठिया है। गठिया में जोड़ों में बहुत दर्द तथा चुभन रहता है। गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को असहनीय दर्द होता है। गठिया का दर्द इतना ज्यादा परेशान करता है कि व्यक्ति कोई भी काम करने में असमर्थ हो जाता है। गठिया का रोग होने पर शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर की हड्डियां कमजोर होने पर जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर में सूजन और उठने-बैठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। पैरों में लगातार दर्द के कारण आर्थराइटिस की भी समस्या हो सकती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि गठिया के दर्द को हल्के में न लिया जाए और इसके लिए पूरी एहतियात बरती जाए।

गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए घरेलू तरीके-

  • ज्यादा से ज्यादा पानी पीना- गठिया से पीडि़त होने पर ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में पानी पिएं। शुरूआत में बार बार पेशाब जाने पर आपको दिक्‍कत हो सकती है लेकिन कुछ दिनों में आराम मिल जाएगा।
  • रोजमेरी- ज्यादातर आयुर्वेदिक दवाइयों में रोजमेरी का प्रयोग किया जाता है। रोजमेरी की मदद से आप गठिया के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। यह गठिया के इलाज के लिए कारगर है। घर पर ही इसके इस्तेमाल के लिए एक कप पानी में थोड़ रोजमेरी के पत्ते डालें और इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इस पानी का सेवन चाय की तरह कर लें। दिनभर में 1-2 बार ऐसा करने से गठिया के दर्द से राहत मिलेगी।
  • बथुआ के ताजा पत्तों का रस- बथुआ के ताजा पत्तों का रस हर दिन 15 ग्राम पिएं। इसमें स्‍वाद के लिए कुछ भी न मिलाएं। खाली पेट पीने से ज्‍यादा लाभ होता है। तीन महीने पीने से दर्द से हमेशा के लिए निजात मिल जाती है।
  • एलोविरा- एलोविरा के पत्‍ते को काटकर उसका जेल दर्द होने वाली जगह पर लगाएं। इससे काफी राहत मिलेगी।
  • सौंठ का सेवन- सौंठ यानि सूखी अदरक का सेवन करने से गठिया के रोग में आराम मिलता है, इसे आप किसी भी रूप में पकवाकर खा सकते हैं जैसे - हरीरा या लड्डू आदि।
  • आलू का रस- गठिया का दर्द होने पर हर दिन खाना खाने से पहले से दो आलूओं का रस निकाल लें और पिएं। हर दिन कम से कम शरीर में 100 मिली. रस पीने से आराम मिलेगा।
  • हरी पत्तेदार शब्जी का सेवन- गठिया रोगी को हमेशा हरे पत्‍तेदार सब्‍जी का सेवन करना चाहिए, इससे बॉडी में ऊर्जा मिलती है और दर्द भी नहीं होता।
  • अरंडी के तेल की मालिश- भंयकर दर्द होने पर अरंडी के तेल से मालिश कर लें, इससे दर्द में राहत मिलने के साथ - साथ सूजन में भी कमी आती है

अस्थमा के जबरदस्त आयुर्वेदिक उपचार

 

अस्थमा के जबरदस्त आयुर्वेदिक उपचार

सांस लेने में तकलीफ होने को अस्थमा कहते है। किसी चीज से एलर्जी या प्रदूषण के कारण लोगों में दमा की समस्या आम देखने को मिलती है। अस्थमा के कारण खांसी, सांस लेने में तकलीफ और नाक से अवाज आने जैसी प्रॉब्लम होती है। वैसे तो लोग इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते है लेकिन कुछ घरेलू उपायों द्वारा भी अस्थमा की समस्या से राहत पाई जा सकती है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ अस्थमा के घरेलू उपाय बताएंगे जिससे आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते है।

अस्थमा के घरेलु उपाय

  • मेथी के दाने- मेथी को पानी में उबाल कर इसमें शहद और अदरक का रस मिलाकर रोजाना पीएं। इससे आपको अस्थमा की समस्या से राहत मिलेगी।
  • आंवला पाउडर- 2 टीस्पून आंवला पाउडर में 1 टीस्पून शहद मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें। रोजाना इसका सेवन अस्थमा को कंट्रोल करता है।
  • पालक और गाजर- पालक और गाजर के रस को मिलाकर रोजाना पीने से भी अस्थमा की समस्या दूर होती है।
  • बड़ी इलायची- बड़ी इलायची, खजूर और अंगूर को सामान मात्रा में पीसकर शहद से साथ खाएं। इसका सेवन अस्थमा के साथ पुरानी खांसी को भी दूर करता है।
  • सोंठ- सोंठ, सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीसकर 100 मि.लीटर पानी में उबाल लें। इसे पीने से अस्थमा की समस्या दूर हो जाएगी।
  • सूखी अंजीर- सूखी अंजीर के 4 दाने रात को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इसे पीसकर खाने से अस्थमा के साथ कब्ज भी दूर हो जाएगी।
  • पीपल के पत्ते- पीपल के पत्तों को सूखा कर जला लें। इसके बाद इसें छान इसमें शहद मिलाएं। दिन में 3 बार इसे चाटने से अस्थमा की समस्या कुछ समय में ही दूर हो जाएगी।
  • तेजपत्ता- तेजपत्ता और पीपल के पत्ते की 2 ग्राम मात्रा को पीसकर मुरब्बे की चाशनी से साथ खाएं। रोजाना इसे खाने से अस्थमा की समय कुछ समय में ही गायब हो जाएगी।

ब्लड प्रेशर का घरेलु उपाय

 

ब्लड प्रेशर का घरेलु उपाय

हाई ब्लड प्रेशर इन दिनों आम हो चला है। हाई ब्लड प्रेशर में धमनियों में रक्‍त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव के कारण धमनियों में रक्‍त प्रवाह सुचारू बनाये रखने के लिए दिल को अधिक काम करना पड़ता है। कई लोग इस समस्‍या की गंभीरता से अनभिज्ञ होते हैं। हाई बीपी हृदय रोग का कारण हो सकता है। लेकिन कुछ घरेलू उपचार को अपनाकर आप काफी हद तक इस बीमारी से बच सकते हैं।

ब्लड प्रेशर के आसान घरेलु उपचार

  • ताजा दही- ताजे दही को हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। एक शोध के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर से परेशान व्‍यक्तियों को भोजन के साथ ताजा दही खाना चाहिए। खाने में उचित मात्रा में दही का सेवन करने से हाई ब्‍लड प्रेशर के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • लहसुन- लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देता है। और कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।
  • नींबू का रस- नींबू के रस से रक्‍त वाहिनियां कोमल व लचकदार हो जाती हैं। इससे रक्‍तचाप सामान्‍य बना रहता है। यह हृदयाघात के खतरे को भी कम करता है। एक-एक चम्‍मच शहद, अदरक और नींबू के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर सप्‍ताह में दो-तीन बार पीना चाहिए। यह ब्‍लड प्रेशर के लिए बहुत अच्‍छा टॉनिक है।
  • तरबूज के बीज और खसखस- तरबूज के बीज को छीलकर उसके बीच की गिरी और खसखस दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। रोज सुबह-शाम एक चम्मच खाली पेट पानी के साथ लें। एक महीने तक इसका सेवन करें। यह हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • चुकंदर- रीडिंग यूनिवर्सिटी के अध्ययन में कहा गया है कि रोजाना चुकंदर का एक गिलास जूस पीने से रक्‍तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। चुकंदर में भरपूर मात्रा में पाए जाने वाले नाइट्रेट पाचन तंत्र में पहुंच कर नाइट्रिक आक्साइड बन जाता है और रक्त प्रवाह को सुचारू कर ब्‍लड प्रेशर को कम रखता है। यह मासंपेशियों की आक्सीजन की जरूरत को भी कम कर देता है।
  • प्याज का रस- प्याज का रस रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। प्याज खून साफ कर नर्वस सिस्‍टम को मजबूत बनाता है। प्‍याज का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर दो चम्‍मच दिन में एक बार लेना रक्‍तचाप में फायदेमंद होता है।
  • अदरक- अधिक कोलेस्‍ट्रोल रक्त प्रवाह में अवरोध पैदा करता है। इससे हाई ब्‍लड प्रेशर की शिकायत हो जाती है। अदरक में एंटीओक्‍सीडेट्स होते है जो कोलेस्‍ट्रोल को कम करने में मददगार होते हैं। अदरक से रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर नीचे आ जाता है।

थायराइड से छुटकारा पाने के घरेलु उपाय

 

थायराइड से छुटकारा पाने के घरेलु उपाय

थायराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। ये तितली के आकार की होती है। थायराइड गले में पायी जाने वाली एक ग्रंथि है। गले में पायी जाने वाली इस थायराइड ग्रंथि से थायरोक्सिन हॉर्मोन निकलता है। जब इस ग्रंथि से निकलने वाले थायरोक्सिन हॉर्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है, जब शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियां होने लगती है। जब ग्रंथि से निकलने वाले थायरोक्सिन हॉर्मोन की मात्रा कम हो जाती है, तब शरीर में मेटाबोलिज़्म तेज होने लगते है, जिससे हमारी बॉडी की एनर्जी जल्दी ख़त्म हो जाती है। इसके विपरीत इसकी मात्रा बढ़ने के कारण, मेटाबोलिज़्म कम हो जाते है, जिसके कारण शरीर सुस्त और थका हुआ हो जाता है। थायराइड ग्रंथि के कारण शरीर के अनेक हिस्से प्रभावित होते है। थायराइड किसी भी उम्र के लोगो में हो सकता है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। आयुर्वेद में थायराइड को बढ़ने से रोकने के बेहद सफल प्रयोग बताएं गए हैं। जिनमे से ज्यादातर उपचार की वस्तुएं हमारे किचन में ही मिल जाती हैं तो आइए जानते हैं थाइरोइड से छुटकारा पाने के लिए बेस्ट घरेलू उपचार।

थाइरोइड से छुटकारा पाने के बेस्ट घरेलू उपचार

  • अदरक- घरों में आमतौर पर मिलने वाली चीजों में से एक अदरक है। इसमें मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
  • दही और दूध का सेवन- थायराइड की समस्या से गृसित लोगों को दही और दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।
  • मुलेठी का सेवन- थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं। थकान को उर्जा में बदल देते हैं। मुलेठी थायराइड में कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है।
  • लौकी- थायराइड की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिए। इसके बाद एक गिलास ताजे पानी में तुलसी की एक दो बून्द और कुछ मात्रा में एलोवेरा जूस डालकर पिए। अब आप आधे से एक घण्टे तक कुछ ना खाये पिए। रोजाना ऐसा करने से थायराइड की बीमारी  जल्दी ठीक हो जायेगी। विटामिन ए  थायराइड के मरीज को अपने भोजन में विटामिन ए  की मात्रा बढा देनी चाहिए। विटामिन ए थायराइड को धीरे धीरे कम करता है। गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए अधिक मात्रा में पाया जाता है।
  • अंडा- अंडा खाना भी थायराइड के मरीज के लिए फायदेमंद है। अंडा खाने से थायराइड कण्ट्रोल में रहता है।
  • साबुत अनाज- जौ, गेंहू और साबुत अनाज से बने पदार्थों का सेवन करने से थायराइड की समस्या नहीं होती है क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा होती है जो थायराइड को बढ़ने से रोकता है।
  • गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल- थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने में गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल भी मददगार हो सकता है। गेहूं और ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

कब्ज को दूर करने के घरेलु उपाय

 

कब्ज को दूर करने के घरेलु उपाय

मौजूदा दौर में अनियमित दिनचर्या और खराब खान-पान के कारण कब्‍ज व गैस की समस्‍या आम बीमारी की तरह हो गई है। कब्‍ज से परेशान लोगों में हमेशा पेट फूलने की शिकायत रहती है। गैस के कारण लोगों को कई गंभीर शिकायतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि पेट में बनी गैस कभी-कभार सीने में जलन, दिल के दौरे का भी कारण बनती है। दरअसल व्यस्त जीवनशैली में लोग कहीं भी और कुछ भी खा लेते हैं, जिसके बाद ऑफिसों में बैठे रहने की आदत के कारण गैस बन जाती है। इसके अलावा डिनर के बाद तुरंत सो जाना भी कब्ज की शिकायत का एक कारण है। पेट में गैस बनने की बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो हम आपको ऐसे कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कब्ज की समस्या को दूर कर सकते हैं।

कब्ज को दूर करने के घरेलू नुस्खे

  • शहद- कब्ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्‍मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्‍ज दूर हो जाता है।
  • मुनक्का- मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के तत्‍व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्‍का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्‍त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्‍का के साथ खाइए, इससे कब्ज की शिकायत समाप्‍त होगी।
  • अजवायन- अजवायन 10 ग्राम, त्रिफला 10 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। रोजाना 3 से 5 ग्राम इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से काफी पुरानी कब्ज समाप्त हो जाती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन कीजिए। इससे पेट साफ होगा।
  • इसबगोल- इसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण दवा है। इसके नियमित सेवन से कब्‍ज की समस्‍या जड़ से दूर हो जाती है। इसके लिए आप दूध या पानी के साथ रात में सोते वक्‍त इसाबेल की भूसी लेने से कब्‍ज समाप्‍त होता है।
  • त्रिफला- कब्ज के लिए त्रिफला बहुत ही अच्‍छा घरेलू उपचार है। त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है "तीन फल"। त्रिफला तीन चीजों यानी आंवला, बहेडा और हरड़ को समान मात्रा में मिलाकर बनता है। 20 ग्राम त्रिफला रात को एक लिटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठने के बाद त्रिफला को छानकर उस पानी को पी लीजिए। इससे कुछ ही दिनों में कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाएगी। या त्रिफला चूर्ण एक चम्मच के साथ दूध अथवा गर्म पानी में लेने से कब्ज दूर हो जाता है।
  • किशमिश- किशमिश में कब्ज निवारण गुण होते हैं। सूखे अंगूर याने किशमिश पानी में 3 घन्टे भिगों दें फिर इसके बाद किशमिश को पानी से निकालकर खा लीजिए। इसे खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। इससे कब्‍ज की शिकायत दूर होती है।

लीवर को स्वस्थ रखने के घरेलु उपाय

 

लीवर को स्वस्थ रखने के घरेलु उपाय

लिवर मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। अगर आप कहते हैं कि लिवर पर पूरा मानव शरीर टिका है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिन लोगों का पाचन तंत्र खराब होता है उसमें करीब 80 फीसद रोल लिवर का होता है। लिवर के मुख्य कार्यों में भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन और रसायनों का उत्‍पादन आदि शामिल हैं। आजकल की भागदौड़ भरा लाइफस्टाइल और हेल्दी खानपान से दूरी खराब लिवर की सबसे बड़ी वजह हो गई है। इस बात की गांठ बांध लें कि अगर इंसान का लिवर एक बार खराब हो जाए तो उसका जीना भी लगभग नामुमकिन हो जाता है। आज हम आपको अंग्रेजी दवाओं के बजाय लिवर को दुरुस्त रखने के लिए कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं। इनके प्रयोग से आप अपने लिवर को कुछ ही दिनों में हेल्दी बना सकते हैं।

स्वस्थ लीवर के लिए घरेलु उपाय

  • जैतून का तेल- जैतून का तेल लिवर के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। नाश्‍ते में या फिर किसी भी तरह से जैतून का सेवन करना चाहिए। अगर आप जैतून के तेल का सेवन नहीं कर पाते हैं तो आपको बेकार खानपान से दूर रहना होगा। ये आपकी सेहत बिगाड़ने के साथ ही लिवर के भी दुश्मन हैं।
  • असरदार हल्दी के गुण- हल्दी के नियमित सेवन से लिवर की सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। लिवर एंटीसेप्टिक गुण और एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्त्रोत है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। दूध में हल्दी मिलाकर पीने से लिवर दुरुस्त रहता है।
  • अमृत है आंवला- विटामिन सी का सबसे अच्छा स्त्रोत अगर कुछ है तो वो आंवला ही है। यह आंखों, बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद होने के साथ ही लिवर के लिए भी बहुत अच्छा होता है। कई शोध में भी यह साबित हो चुका है कि आंवले में लिवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद होते हैं।
  • वरदान है करेला- करेला भले ही टेस्ट में कड़वा होता है लेकिन करेले का स्वाद भले ही कड़वा हो लेकिन यह लिवर के लिहाज से बहुत गुणकारी होता है। रोजाना 1 ग्लास करेले का जूस पीने से लिवर स्वस्थ रहता है। साथ ही यह फैटी लिवर की परेशानी को भी खत्म करती है।
  • ग्रीन टी करेगी जादू- दूध और अदरक वाली चाय के शौकीन ये बात जान लें कि अगर आप अपने लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो दूध वाली चाय की जगह ग्रीन का सेवन करना शुरू कर दें। ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में एंटी-आक्सीडेंट होते हैं जो सभी विषैले तत्वों को खत्म करते हैं। रोजाना सुबह उठकर 1 कप ग्रीन टी पीनी चाहिए।

मुंह के छालों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय

 

मुंह के छालों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक उपाय

मुंह के छाले बहुत तकलीफदेह होते हैं. मुंह के अंदरुनी हिस्से में होने वाले से छाले कई कारणों से हो जाते हैं. कई बार ये पेट साफ न होने की वजह से, हॉर्मोनल संतुलन बिगड़ने की वजह से, चोट लग जाने से, पीरियड्स की वजह से या फिर कॉस्मेटिक सर्जरी की वजह से उभर आते हैं. हालांकि बाजार में इसे ठीक करने के लिए कई तरह की दवाइयां मौजूद हैं लेकिन कई बार इन दवाइयों का गलत असर भी हो जाता है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप घरेलू उपाय अपनाएं.

मुंह में छाले पड़ने और पेट की गर्मी के कारण

  • इस तरह की तकलीफ अमूमन ज़्यादा गरम और तेज मसालों वाला खाना खाने से होती है।
  • कई बार पेट ठीक से साफ न होने के कारण भी पेट में गर्मी और गैस जमा होने से मुंह में छाले पड़ते हैं।
  • बुखार आने से भी मुंह में छाले पड़ सकते हैं। और गला इन्फ़ैकशन से लाल हो जाता है।
  • दाँत और मसूड़ों की सही सफाई ना रखने पर भी मुंह में बैक्टीरिया डेरा डाल सकते हैं।
  • पाचनतंत्र की खराबी और कब्ज से भी मुंह में छाले पड़ सकते है, और जीवा पर दर्द भरे दाने उभर आते है, जिनमें सूजन के कारण दर्द भी रहता है।
  • शरीर में विटामिन B की कमी हो जाने पर भी यह तकलीफ हो जाती है।
  • शरीर में आयरन की कमी भी मुंह में गर्मी लगने का बड़ा कारण हो सकता है।
  • अधिक मानसीक तनाव से भी यह तकलीफ हो सकती है।
  • दाँत में से फंसा खाना निकालने से या सख्त ब्रश से दाँत साफ करने से ज़ख्म लग जाने से भी मुंह में छाले पड़ सकते हैं।

मुंह के छाले दूर करने के आयुर्वेदिक उपचार

  • अरहर दाल को एकदम बारीक पीस कर मुंह में पड़े छालों पर लगाया जाए तो दर्द में तुरंत राहत मिलेगी और कुछ दिन में मुंह के छाले ठीक भी हो जाएंगे। इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार करना चाहिए।
  • गुनगुने पानी में एक चम्मच शुद्ध नमक मिला कर घोल बना लें। और फिर उस को थोड़ा थोड़ा कर के मुंह में घूमाये, और फिर बाहर उगल दें। इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार करें।
  • नीम का दातुन करने से भी मुंह के छालों में राहत मिल जाती है। नीम के पत्तों का रस भी मुंह के छालों पर लगाया जा सकता है। (कड़वा नीम ईस्त्माल करें)
  • बेर के पत्तों का काढ़ा बना कर उस से कुल्ला करने से मुंह की गर्मी दूर हो जाती है।
  • शहद को मुंह के छालों में लगाने से भी मुंह को ठंडक मिलेगी और छाले दूर होंगे।
  • अपामार्ग की जड़ का काढ़ा सेंध नमक मिला कर तैयार कर के उस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  • नीम के पतों का रस मुंह के छालों पर लगाने से भी आराम मिलेगा।
  • Alovera का पेस्ट / रस मुंह के छालों पर लगाने दर्द कम होता है और मुंह को ठंडक मिलती है।
  • बर्फ के छोटे टुकड़े मुंह के छालों पर लगा कर लार टपका देने से मुंह की गर्मी निकाल जाती है।
  • बेकिंग सोडा में अंजुली भर पानी मिला कर पेस्ट बना लें, और छालों पर लगा दें। इस प्रक्रिया से भी मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • हरे धनिये को पीस कर उसका रस निकाल कर उसे मुंह के छालों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।
  • इलायची को पीस कर उसमे शहद मिला कर, मिश्रण तैयार कर के, उसे छालों पर लगाने से मुंह को आराम मिलता है।
  • एक चम्मच हल्दी पावडर को एक गिलास गुनगुने पानी में मिला कर घोल तैयार कर के उसके गरारे करने से मुंह के छाले दूर हो जाते है।
  • रात को सोते वक्त देसी घी मुंह के छालों पर लगा देने से सुबह तक उसमे राहत मिल जाती है।
  • गुड का पानी / गुड का शरबत भी गले की सूजन और मुंह के छालों का सटीक इलाज है। और इसके प्रयोग से पेट की गर्मी भी दूर होती है।
  • चमेली के पत्तों को पीस कर उसका रस निकाल कर मुंह के छालों पर लगाने से मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  • नारियेल का दूध और शहद मिला कर भी छालों पर लगाया जा सकता है।
  • तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर उसे मुंह के छालों पर लगाने से मुंह को आराम मिल जाता है।
  • संतरे का रस विटामिन C से भरपूर होता है। अगर शरीर में विटामिन C की कमी हो तो भी मुंह में छाले पड़ सकते हैं। इस किए संतरे का रस / जूस पियें।
  • प्याच में सल्फर होता है। और सल्फर बेकटेरिया की छुट्टी कर देता है। इस लिए मुंह के छाले दूर करने के लिए प्याज खाना अच्छा रहता है।
  • गुलकंद खाने से मुंह को ठंडक मिलती है, और मुंह के छाले मिट जाते हैं।
  • मुलेठी का चूरन शहद में मिला कर मुंह के छालों पर लगाने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
  • पान में इस्तेमाल होने वाला कत्था भी मुंह के छालों को दूर करने का सटीक उपाय है। दिन में तीन बार कत्था मुंह के छालों पर लगाना चाहिए। इस प्रक्रिया से तीन दिन में मुंह के छाले गायब हो जाते हैं।
  • नींबू का रस गुनगुने पानी में मिला कर उस से कुल्ला / गरारे करने से मुंह के छाले मिट जाएंगे, तथा नींबू पानी रोज पीने से पेट की गर्मी दूर होगी।
  • अर्जुन की जड़ का चूर्ण और मीठे तेल का मिश्रण तैयार कर के उस से कुल्ला करने से मुंह के रोग नष्ट हो जाते हैं

डायबिटीज के घरेलु उपाय

 

डायबिटीज के घरेलु उपाय

डायबीटीज के मरीज आजकल युवा भी हो रहे हैं, जिसकी बड़ी वजह गलत खानपान व लाइफस्टाइल है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति को अपना शुगर लेवल लगातार चेक करते रहने के साथ ही उसे कंट्रोल में रखना पड़ता है। इसमें कुछ घरेलू उपचार काफी काम आ सकते हैं।

डायबिटीज के 10 जबरदस्त घरेलु उपाय

  • गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी मिटा सकता है। इसके रस को ग्रीन ब्लड के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं के जवारे का आधा कप ताजा रस रोज सुबह-शाम पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।
  • तुलसी के पत्तों में एन्टीऑक्‍सीडेंट व बाकी जरूरी तत्व मौजूद होते हैं, जिनसे इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनते हैं। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। डायाबीटीज के स्तर को कम करने के लिए रोज दो से तीन तुलसी के पत्ते खाली पेट लें। आप इसका जूस भी ले सकते हैं।
  • ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में 1 ग्राम दालचीनी शामिल करें।
  • ड्रमस्टिक (अमलतास) की कुछ पत्तियां धोकर उनका रस निकालें। एक चौथाई कप रस लें तथा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसे पी लें।
  • गर्म पानी में ग्रीन टी का एक बैग 2-3 मिनट तक डुबोकर रखें। फिर बैग निकाल दें और इस चाय का एक कप सुबह या भोजन के पहले सेवन करें।
  • डायबीटीज पर कंट्रोल करने के लिए नीम की पत्तियों का रस खाली पेट पीना चाहिए। नीम इन्सुलिन संग्राहक संवेदनशीलता को बढ़ाता है, रक्त वाहिकाओं को प्रसारित करके रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है, ब्लड ग्लूकोज़ के लेवल को कम करता है और हाइपोग्लास्मिक औषधियों पर निर्भरता कम करता है।
  • डायबीटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होती है। सौंफ खाने से डायबीटीज नियंत्रण में रहता है। नियमित तौर पर खाने के बाद सौंफ खानी चाहिए।
  • 10 मिलीग्राम आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिलाकर सेवन सरने से डायबीटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए।
  • डायबीटीज के रोगियों को काले नमक के साथ जामुन खाना चाहिए। इससे खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।
  • टमाटर,खीरा और करेले का मिक्स जूस सुबह-सुबह खाली पेट पीने से भी डायबीटीज में बहुत फायदा होता है।
  • शलजम के प्रयोग से भी ब्लड शुगर कम होती है। इसके अलावा डायबीटीज के मरीज को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।
  • प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से डायबीटीज को कम किया जा सकता है। अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। अलसी के बीज डाइबीटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।

बिल्ली का जोता क्यों नहीं खाना चाहिए?

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